पाकिस्तान लगातार कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान अब तक कर्ज उतारने के लिए सरकारी गाड़ियों को बेचने समेत कई तरकीबें खोज निकाली हैं। लेकिन उनका फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब इमरान सरकार ने देश की कंगाली दूर करने के लिए मंत्रालयों की उन संपत्ति को बेचने का निर्णय लिया है, जो संपत्ति प्रयोग में नहीं है।
45 हजार प्रॉपर्टी की होगी बिक्री
इमरान खान के नेतृत्व में मार्च 19 कैबिनेट की बैठक में कर्ज दूर करने और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकारी मंत्रालयों और अन्य सरकारी विभागों की इमारत और जमीन बेचने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान पर करीब 27 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए का कर्ज है, जिसे दूर करने के लिए 45 हजार प्रॉपर्टी की बिक्री की जाएगी।
इमरान खान ने प्रॉपर्टी की बिक्री के लिए बनाई कमेटी
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मार्च 20 को मीडिया को इस निर्णय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नीलानी के लिए रखी जाने वाली संपत्तियों की पहचान करके एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसे कैबिनेट को भेज दिया गया है। चौधरी के मुताबिक इन प्रॉपर्टी की कानूनी तौर पर बिक्री के लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी और बिक्री के लिए फास्ट ट्रैक प्रॉसेस अपनाया जाएगा। इसके लिए इमरान खान के निर्देश पर मिनिस्ट्री ऑफ प्राइवेटाइजेशन की ओर से एसेट्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई है।
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IMF से पाकिस्तान को मदद की दरकार
चौधरी के मुताबिक अब तक 45000 प्रॉपर्टी के बारे में डिटेल इकट्ठा की गई है, जिन्हें बिक्री के लिए रखा जाएगा। इनमें से कुछ ऐसी ज्यादातर ऐसी संपत्तियां है, जिन पर विवाद है। इन प्रॉपर्टी को अलगे 6 माह में बेचा जाएगा। पाकिस्तान को सऊदी अरब और यूएई और चीन के तरफ से संकट से निपटने के लिए आर्थिक मदद के तौर पर कई बिलियन डॉलर की रकम देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा इस्लामाबाद इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड से पैकेज की मांग कर रहा है।
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