भगवत गीता में लिखा है "विनाश काल, विपरीत बुद्धि", लगता है पाकिस्तान पर शत-प्रतिशत चरितार्थ हो रहा है। इस समय पाकिस्तान बहुत ही विषम परिस्थिति से गुजर रहा है, जिसकी ज़िम्मेदार फौज के साथ-साथ वहां शासित पार्टियाँ हैं। आज जब वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान एक नए पाकिस्तान की बात करते हैं, फिर क्यों सेना के हाथ कठपुतली बने हुए हैं।
यदि वास्तव में पाकिस्तान अपनी और अधिक किरकिरी से बचना चाहता है तो सर्वप्रथम सरकार को फौज के इशारे पर चलने से रोकना होगा। दूसरे, वहां स्थित समस्त आतंकवादी अड्डों और उनके सरगनों को ख़त्म करना होगा। अन्यथा वह दिन अब दूर नहीं जब पाकिस्तान गृह युद्ध में झुलस जायेगा। क्योकि जिस अतिदुर्लभ आर्थिक संकटों से गुजर रहा है, वह पाकिस्तान को विनाश की ओर अग्रसर किये हुए है। वैसे आभास होता है कि जिस दिन इमरान ने उपरोक्त में से किसी एक के भी विरुद्ध कार्यवाही की, उसी दिन इमरान खान वर्तमान की बजाए भूतपूर्व प्रधानमन्त्री बन जाएंगे। पाकिस्तान इतिहास साक्षी है, कि जब सरकार ने फौज हुक्मरानों की नहीं सुनी, तख्ता ही पलट, सेना शासन पर काबिज़ हो गयी।
स्मरण हो, भारत के विभाजन उपरान्त पाकिस्तान और भारत को अमेरिका ने अपना पैटन टैंक इस शर्त पर दिए थे कि भविष्य में दोनों आपसी युद्ध में एक-दूसरे के विरुद्ध प्रयोग नहीं करेगा, लेकिन वायदा-खिलाफ पाकिस्तान कहाँ चुकने वाला था। 1965 इंडो-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान उस टैंक को युद्ध के मैदान में ले आया, जिसे भारत ने नेस्ताबूत कर दिया, जबकि भारत के पास आज भी वह टैंक है। लड़ाई उपरान्त नई दिल्ली में LIC ग्राउंड(आज वहाँ एलआईसी बिल्डिंग है) में उस टैंक को अन्य सामग्री के साथ प्रदर्शित किया था। यदि अब F-16 प्रयोग कर नियमों का उल्लंघन कर कोई नया काम नहीं किया है।
भारतीय वायुसेना की ओर से जैश के ठिकानों पर की गई Air Strike के बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में हमले करने के लिए F-16 विमान का इस्तेमाल भारी पड़ सकता है। पाकिस्तान को F-16 विमान देने वाले अमेरिका ने अब इसका भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने पर जांच शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई के लिए उसके दिए लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का प्रयोग तो नहीं किया है।
पाकिस्तान कर रहा इनकार, भारत ने दिए सबूत
अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले में F-16 के इस्तेमाल से इनकार कर रहा है। हालांकि, भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने इस हमले में F-16 के इस्तेमाल के सबूत पेश किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए सबूतों और रिपोर्ट्स का अध्ययन कर रहे हैं।
यदि वास्तव में पाकिस्तान अपनी और अधिक किरकिरी से बचना चाहता है तो सर्वप्रथम सरकार को फौज के इशारे पर चलने से रोकना होगा। दूसरे, वहां स्थित समस्त आतंकवादी अड्डों और उनके सरगनों को ख़त्म करना होगा। अन्यथा वह दिन अब दूर नहीं जब पाकिस्तान गृह युद्ध में झुलस जायेगा। क्योकि जिस अतिदुर्लभ आर्थिक संकटों से गुजर रहा है, वह पाकिस्तान को विनाश की ओर अग्रसर किये हुए है। वैसे आभास होता है कि जिस दिन इमरान ने उपरोक्त में से किसी एक के भी विरुद्ध कार्यवाही की, उसी दिन इमरान खान वर्तमान की बजाए भूतपूर्व प्रधानमन्त्री बन जाएंगे। पाकिस्तान इतिहास साक्षी है, कि जब सरकार ने फौज हुक्मरानों की नहीं सुनी, तख्ता ही पलट, सेना शासन पर काबिज़ हो गयी।
स्मरण हो, भारत के विभाजन उपरान्त पाकिस्तान और भारत को अमेरिका ने अपना पैटन टैंक इस शर्त पर दिए थे कि भविष्य में दोनों आपसी युद्ध में एक-दूसरे के विरुद्ध प्रयोग नहीं करेगा, लेकिन वायदा-खिलाफ पाकिस्तान कहाँ चुकने वाला था। 1965 इंडो-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान उस टैंक को युद्ध के मैदान में ले आया, जिसे भारत ने नेस्ताबूत कर दिया, जबकि भारत के पास आज भी वह टैंक है। लड़ाई उपरान्त नई दिल्ली में LIC ग्राउंड(आज वहाँ एलआईसी बिल्डिंग है) में उस टैंक को अन्य सामग्री के साथ प्रदर्शित किया था। यदि अब F-16 प्रयोग कर नियमों का उल्लंघन कर कोई नया काम नहीं किया है।
भारतीय वायुसेना की ओर से जैश के ठिकानों पर की गई Air Strike के बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में हमले करने के लिए F-16 विमान का इस्तेमाल भारी पड़ सकता है। पाकिस्तान को F-16 विमान देने वाले अमेरिका ने अब इसका भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने पर जांच शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई के लिए उसके दिए लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का प्रयोग तो नहीं किया है।
पाकिस्तान कर रहा इनकार, भारत ने दिए सबूत
अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले में F-16 के इस्तेमाल से इनकार कर रहा है। हालांकि, भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने इस हमले में F-16 के इस्तेमाल के सबूत पेश किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए सबूतों और रिपोर्ट्स का अध्ययन कर रहे हैं।
पाकिस्तान को सशर्त दिए गए थे F-16
अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को F-16 विमान कई शर्तों के साथ दिए गए थे। अमेरिकी शर्तों के अनुसार, पाकिस्तान इन विमानों का इस्तेमाल केवल आतंकी अभियानों और अपने बचाव में कर सकता है। यदि पाकिस्तान भड़काऊ गतिविधियों में F-16 विमानों का इस्तेमाल करता है तो इसे शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। इन शर्तों की वजह से ही पाकिस्तान बार-बार F-16 के इस्तेमाल से इनकार कर रहा है।
अमेरिकी शर्तों के अनुसार, पाकिस्तान इन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किसी देश पर हमले के लिए नहीं कर सकता. इस वजह से वह इस बात को नहीं कबूल रहा कि उसने भारतीय वायुसीमा में एफ-16 को नहीं भेजा, क्योंकि यह उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. हालांकि भारत ने यह साफ कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए विमानों में से एक एफ-16 विमान को उसने मार गिराया है.
प्रभावित हो सकते हैं रक्षा सौदे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ F-16 विमानों के इस्तेमाल की जांच कर रहा है। यदि जांच में इन विमानों के इस्तेमाल होने और शर्तों के उल्लंघन का मामला पाया जाता है तो अमेरिका पाकिस्तान के साथ आगामी रक्षा सौदों को रद्द कर सकता है।
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