
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक कहावत है कि "जब बुरा समय आता है, साया भी साथ छोड़ देता है।" यही बात कांग्रेस पर लागू हो रही है। पार्टी का अस्तित्व खतरे में देख, नेता किसी न किसी बहाने अपनी रोजी-रोटी की खातिर एक पार्टी छोड़, उस पार्टी की शरण में पहुँच जाते हैं, जिसे वर्षों तक पानी पी-पीकर कोसने में अपनी शान समझते थे। यानि अपनी रोजी-रोटी की खातिर जनता को पागल बनाते रहो और अपनी तिजोरी भरते रहो। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि दल-बदलुओं का कोई सिद्धान्त नहीं होता। इनका तो "जहाँ दिखी तवा-परात, वहीँ बिताई सारी रात" वाली बात है। जहाँ तक बदसलूकी की बात है, यह कांग्रेस में नई बात नहीं है, वैसे "Job change करने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है।"
कांग्रेस से बड़ी खबर सामने आ रही है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्विटर अकाउंट में से कांग्रेस प्रवक्ता पद हटा दिया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस का वाट्सएप ग्रुप (AICC online media) भी छोड़ दिया है। इससे पार्टी के खिलाफ उनकी नाराजगी और कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं।
17 अप्रैल को कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले मथुरा के कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई निरस्त किए जाने का विरोध करते हुए दावा किया कि ऐसे लोगों को प्राथमिकता दिए जाना दुख की बात है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी छोड़ दी है। प्रियंका ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपना बायो भी चेंज कर लिया है। इससे पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल में ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस’ जोड़ा हुआ था। उन्होंने अब अपनी ट्विटर प्रोफाइल में खुद को कॉलमिस्ट-ब्लॉगर-मदर बताया है। सूत्रों की मानें तो प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना के संपर्क में है।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है। पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।'
Deeply saddened that lumpen goons get prefence in @incindia over those who have given their sweat&blood. Having faced brickbats&abuse across board for the party but yet those who threatened me within the party getting away with not even a rap on their knuckles is unfortunate.
पिछले दिनों प्रियंका राफेल मामले पर संवाददाता सम्मेलन करने के लिए मथुरा में थीं जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी थी। उनकी शिकायत पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं द्वारा खेद प्रकट करने के बाद उनके खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्रवाई को निरस्त किया जा रहा है। सूत्रों का कहना था कि यूपीसीसी के इस कदम से नाराज प्रियंका ने ट्वीट करने के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपनी नाराजगी से अवगत कराया था।
प्रियंका के इस ट्वीट को ट्वीटर पर जमकर समर्थन मिला था और कई प्रमुख लोगों ने कांग्रेस नेतृत्व से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था। इसके बाद से ही प्रियंका सोशल मीडिया से गायब हो गईं थी।
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