
सन 1555 में फ्रेंच ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की चरितार्थ होती भविष्यवाणी कि 2014 में एक अधेड़ उम्र के सख्त प्रशासक के नेतृत्व में नयी पार्टी भारत की सत्ता में आएगी और ये अधेड़ उम्र का प्रशासक विश्व में भारत को विश्व गुरु बनाने के साथ-साथ हिन्दुत्व पताका फहराएगा। अबू धाबी में मन्दिर के भूमिपूजन से भविष्यवाणियां सार्थक सिद्ध होती नज़र आ रही हैं।
मोदी ने किया था मॉडल का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में अपने दौरे के वक्त इस मंदिर की बात कही थी। दुबई ओपेरा में एक लाइव स्ट्रीम के माध्यम से भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात में सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाले सात टावरों के साथ मंदिर की एक मॉडल संरचना का खुलासा किया था। अबू धाबी के अबू मूरिखा क्षेत्र में मंदिर स्थल स्थित है। संयुक्त अरब अमीरात में सहिष्णुता और धार्मिक सद्भाव के प्रतीक, मंदिर का निर्माण 13.5 एकड़ (55,000 वर्ग मीटर) भूमि पर किया जा रहा है, जो कि महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई के उप सुप्रीम कमांडर द्वारा भेंट की गई है।
अक्षरधाम जैसा होगा मंदिर
इस मंदिर की जमीन के लिए यूएई के मुस्लिम शासक शेख मोहम्मद ने 55 हजार स्क्वायर मीटर जमीन उपलब्ध कराई है। इस मंदिर का निर्माण प्राइवेट फंड से किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक करीब 900 करोड़ रुपए तक इसकी लागत आ सकती है। अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर नई दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के प्रारूप पर आधारित होगा। इस मंदिर का निर्माण कार्य 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।
यूएई ने यह काम भी किए
UAE ने महाराष्ट्र में एक रिफाइनरी परियोजना में सऊदी अरब के साथ संयुक्त रूप से निवेश करने के अलावा रणनीतिक तेल भंडार बनाने में भी योगदान दिया है। 2017 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि रह चुके अबू धाबी के राजकुमार ने भी हालिया भारत-पाकिस्तान तनावों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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