
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार
चीन में दूसरी बार बेल्ट एंड रोड (BRI) फोरम का आयोजन हो रहा है। अप्रैल 25 को यहां दुनिया भर के नेता जमा हुए। हालांकि भारत इस बार भी फोरम का बहिष्कार कर रहा है। अमेरिका ने भी इस बार फोरम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इन सबके बीच चीन का एक आश्चर्यचकित करने वाला रूख सामने आया है। इस फोरम के दौरान चीन ने BRI रूट का एक नक्शा जारी किया जिसमें पूरे जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया है।
चीन के इस रूख पर तब और हैरानी होती है जब भारत लगातार चीन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का बॉयकाट कर रहा है। इकनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, यह नक्शा चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तीन दिवसीय बीआरआई सम्मेलन के दौरान जारी किया गया। गौर करने वाली बात ये है कि चीन ने हाल ही में कई ऐसे नक्शों (Maps) को नष्ट कर दिया था जिनमें अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया गया था। जब भी भारत का शीर्ष नेतृत्व अरुणाचल का दौरा करता है तो चीन हमेशा इसका विरोध करते रहा है। ऐसे में चीन का यह रूख हैरान करने वाला है।

पिछले साल नवंबर में जब कराची में चीन वाणिज्य दूतावास पर आतंकी हमला हुआ था तो उसके बाद चीन की सरकारी मीडिया 'सीजीटीएन' ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे से अलग दिखाया था। भारत हमेशा से ही चीन की सीपैक परियोजना का विरोध करता रहा है क्योंकि भारत मानता है कि यह भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। सीपैक चीन के बेल्ट और रोड पहल (बीआरआई) का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
चीनी काउंसलेट हमले के बाद बदला रुख
चीन इससे पहले पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को पाकिस्तान का हिस्सा बताता रहा है। हालांकि कराची स्थित चीनी काउंसलेट पर हमले के बाद से चीन का रुख बदलता दिख रहा है। इसी के बाद से चीन के स्टेट रन मीडिया (CGTN टेलीविजन) ने पीओके को पाकिस्तान का मानने से इनकार कर दिया था।
चीन ने नष्ट किए हजारों मानचित्र
बता दें कि चीन जम्मू कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का विवादित क्षेत्र बताया था। वहीं अरुणाचल प्रदेश को चीन के तहत दिखाया था। चीन ने अकशाई चीन को भी भारत के हिस्से में दिखाया है, जिस पर चीन का कब्जा है। चीन की तरफ से यह एक अजीब वाक्या नजर आया है। बता दें कि चीन ने हाल ही में हजारों मानचित्र को मानचित्र को नष्ट किया है, जो अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दर्शाते रहे हैं। वहीं चीन अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने वाले भारत के टॉप लीडर का विरोध करता रहा है।
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