

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
1965 इंडो-पाक युद्ध के समय चर्चित गायक मो रफ़ी ने एक गैर-फ़िल्मी "कहनी है एक बात हमें इस देश के पहरेदारों से, संभलकर रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से...." गाया था, जो उन दिनों तो क्या काफी समय तक रेडियो पर बहुत प्रसारित हुआ। वास्तव में उस युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री केवल पाकिस्तान से ही युद्ध नहीं कर रहे थे, बल्कि महबूबा मुफ़्ती जैसों को भी काबू कर रहे थे। जो रहते भारत में हैं, अन्न भारत का खाते हैं, और बोली पाकिस्तान की बोलते हैं। ये भारत का दुर्भाग्य था कि ताशकंत से शास्त्रीजी का मृतक शरीर आया। अन्यथा न जाने कितने देशद्रोह के आरोप में जेलों में होते। जिसका उल्लेख "राजनीति में अभिनेताओं का दखल" शीर्षक से अपनी पुस्तक "भारतीय फिल्मोद्योग--एक विवेचन" में किया है। पिछले काफी समय से अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रही महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर देश विरोधी ट्वीट किया है। अप्रैल 21 को प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हुए कहा था कि हमने परमाणु बम को दिवाली के लिए नहीं रखा हुआ है।

अब मोदी के इस बयान पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया है। महबूबा ने लिखा है, 'यदि भारत ने परमाणु बम दिवाली के लिए नहीं रखे हैं तो पाकिस्तान ने भी अपने हथियार ईद के लिए नहीं रखे होंगे। पीएम मोदी को इस तरह की निम्नस्तर की राजनीति से दूर रहना चाहिए।' यह पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने इस तरह का ट्वीट किया है या बयान दिया है, वह पहले भी इस तरह के देश विरोधी बयान दे चुकी हैं।
If India hasn’t kept nuclear bomb for Diwali, it’s obvious Pakistan’s not kept theirs for Eid either. Don’t know why PM Modi must stoop so low & reduce political discourse to this.
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