![]() |
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तस्वीर साभार: BCCL |
भारत की लॉबिंग की वजह से पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा काली सूची में डाला जा सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अप्रैल 2 को यह बात कही। कुरैशी ने कहा कि यदि पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी सूची में रहता है तो उसे सालाना 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। 10 अरब डॉलर भारतीय रुपए में 70 हजार करोड़ रुपए होते हैं। 1 डॉलर की कीमत 70 रुपए।
पेरिस के एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डाला था। इस सूची में वे देश शामिल हैं जो मनी लांड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माने जाते हैं।
एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग पर अंकुश के लिए काम कर रहा है। उसने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के परिचालन का नए सिरे से आकलन करने को कहा था। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान पर जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव है।
कुरैशी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विदेश विभाग यह गणना कर रहा है कि यदि पाकिस्तान को एफएटीएफ की खाली सूची में डाला जाता है तो कितना नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए लॉबिंग कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का आकलन है कि यदि उसे निगरानी सूची में कायम रखा जाता है तो सालाना 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
No comments:
Post a Comment