मोदी की सुनामी ; भाजपा को 300 से ज्यादा सीटें


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
लोकसभा चुनावों के लिए पांचवें चरण की वोटिंग के बाद देश में अगली सरकार फिर से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बननी तय हो गई है। अब तो विपक्षी पार्टियों के नेता भी अपनी हार स्वीकार करने लगे हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने खुलेआम कह दिया है कि उनकी पार्टी को सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिलेंगी। वैसे भी कांग्रेस ने इतने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे की सरकार बनाने की उम्मीद कर सके। दूसरे, जब आम आदमी पार्टी से गठबन्धन चर्चा में था, तब कपिल सिबल ने कहा था "गठबंधन हो या न हो मै चांदनी चौक से लडूंगा। लेकिन मोदी सुनामी देख कपिल ही मैदान छोड़ भाग गए। तीसरे, प्रियंका ने चुनाव प्रारम्भ होने से पूर्व ही यह कहकर "मेरे से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं रखो" हार स्वीकार कर ली थी। विपक्षी पार्टियों के गोपनीय सर्वे और चुनाव विश्लेषक भी यही कह रहे हैं। वोटिंग के आंकड़े भी बीजेपी की चुनावी जीत की ओर इशारा कर रहे हैं। आंकड़ो के मुताबिक उन राज्यों में वोटिंग का प्रतिशत ज्यादा है, जहां बीजेपी की सरकार नहीं है। जैसे पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान। बंगाल में सबसे ज्यादा 74.4 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 65.5 प्रतिशत और राजस्थान में 63.7 प्रतिशत वोटिंग हुई। वहीं, बीजेपी शासित राज्यों में वोटिंग का आंकड़ा कम है। इसका स्पष्ट मतलब है कि गैर-बीजेपी शासित राज्यों में लोग बदलाव के लिए बड़ी तादाद में वोटिंग के लिए आ रहे हैं। वहीं, बीजेपी की सरकार वाले राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में लोग संतुष्ट हैं, इसलिए वोटिंग के आंकड़ों में खास बढोतरी नहीं हुई है।
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अपने दम पर बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें
23 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद नरेन्द्र मोदी का दोबारा प्रधानमन्त्री बनना निश्चित है, लेकिन खास बात यह है कि बीजेपी अपने दम पर 300 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। और एनडीए 400 के निकट पहुँचने की सम्भावना है। वास्तविकता तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, जो 23 मई को गर्भ से बाहर आने पर ही मालूम होगा। पार्टी को पूर्वोत्तर के राज्य, प. बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में बड़ी कामयाबी मिल सकती है और विपक्षियों का सूपड़ा साफ हो सकता है। सबसे बुरी खबर कांग्रेस पार्टी के लिए है। वोटिंग ट्रेंड्स बता रहे हैं कि कांग्रेस को इस बार देशभर में बमुश्किल 20 सीटें मिलेंगी। दरअसल, बालाकोट होने से पूर्व और बाद में विपक्ष मोदी से इतने भयभीत होने के कारण, सरकार की कमियों को उजागर करने में पूर्णरूप से असफल रही। 
यह भी सम्भावना है कि मोदी मई 26(रविवार) या 28(मंगलवार) को शपथ ले सकते हैं। पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर मोदी ने रविवार को ही शपथ ली थी। मोदी की सुनामी का मुख्य कारण है, यूपीए सरकार को समर्पित कांग्रेस सहित समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्षों और तुष्टिकरण के पुजारियों द्वारा इस्लामिक आतंकवादियों को बचाने की खातिर बेकसूर साधु-सन्त और साध्वियों को आतंकवाद के झूठे आरोपों में जेलों में डालकर, "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम हिन्दुओं को बदनाम किया जा रहा था, मोदी सरकार ने हिन्दू समाज को उसका सम्मान वापस दिलवाया, जो अमूल्य है।       

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