कांग्रेस के डीएनए में ही है हिन्दू विरोध


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
हिन्दू विरोध की भावना कांग्रेस के डीएनए में है। और इस डीएनए के सूत्रधार हैं महात्मा गाँधी, जो मन्दिर में बैठकर 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सम्मति दे भगवान...' कहने की हिम्मत तो कर सकते थे, लेकिन किसी मस्जिद में बैठकर 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम...' कहने का साहस नहीं कर पाए। यदि नाथूराम गोडसे द्वारा कोर्ट में दर्ज 150 बयानों का गंभीरता से अध्ययन किया जाए, तो यह बात प्रमाणित हो जाएगी कि भारत में पाकिस्तान-प्रेम और तुष्टिकरण के जन्मदाता महात्मा गाँधी ही हैं, और यही उनकी मौत का कारण बना। और अब वर्तमान में इसी तुष्टिकरण और पाकिस्तान-प्रेम ने कांग्रेस और समस्त छद्दम धर्म-निर्पेक्षों की दुकानों यानि पार्टियों को पाताललोक की ओर अग्रसर कर दिया है।
पिताश्री एम.बी.एल.निगम 
ज्ञात हो, स्वतन्त्रता पूर्व प्रतिदिन शाम के समय महात्मा गाँधी के प्रवचन का बाल्मीकि मन्दिर, मन्दिर मार्ग के मोड़ पर, से सीधा प्रसारण होता था। उस कालखंड में हर साल बकरा ईद पर सदर बाजार में गऊ हत्या करने पर दंगा होता था। बात 1945 में बकरा ईद के दिन की है। उस दिन सदर बाजार में चर्चित लोटन पहलवान ने गऊ हत्यारों से गाय को बचाने कई हत्यारों की बकरा ईद मनवा दी थी। पुलिस ने लहू-लुहान लोटन को गिरफ्तार कर लिया। बरहाल, शाम को अपने प्रवचन में महात्मा गाँधी ने कहा: "आज दिल्ली में सबकुछ ठीकठाक रहा। बस पुलिस ने सदर बाजार से एक दंगाई को गिरफ्तार किया है....." उस दिन मेरे पिताश्री एम.बी.एल. निगम ने झंडेवालान मन्दिर के बाहर लहू-लुहान लोटन को पुलिस ट्रक पर देखा था। वैसे उस वर्ष के बाद कभी बकरा ईद पर न कोई दंगा हुआ और न ही कोई गाय कटी।  
17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’ अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है। ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस हमेशा ही देश की 20 करोड़ की आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही है।
पीछे राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी जनेऊधारी हिन्दू बन मन्दिरों में माथा टेकते नज़र आए थे, वही काम वर्तमान में लोकसभा चुनाव 2019 में कर, हिन्दुओं को भ्रमित कर रहे हैं, वही राहुल मन्दिर जाने वालों पर कितनी आपत्तिजनक बात कहते थे। राहुल अथवा प्रियंका गाँधी जो शायद ही कभी अपने दादा फिरोज गाँधी की कब्र पर माथा टेकने नहीं गए, फिर किस आधार पर मन्दिरों में जाकर माथा टेक पूजा कर रहे हैं? 
राहुल के आदेश से हिन्दुओं को ‘गाली’ दे रहे कांग्रेसी!
पिछले साल 11 जुलाई को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिन्दुओं को कट्टरपंथी बताते हुए ‘हिन्दू पाकिस्तान’ की बात कही। इसके बाद 13 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने हिन्दुओं को कट्टरपंथी कहा और भारत के पाकिस्तान बन जाने की बात कही। खबर है कि यह सब राहुल गाधी के आदेश से किया जा रहा है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ही राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और मुलाकात से पहले और बाद वह यही संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिमों की असल हितैषी कांग्रेस है।  

मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिन्दू धर्म, हिन्दू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। हिन्दू धर्म में आस्था और जनेऊधारी हिन्दू बनने का ढोंग करने वाले राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम, अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि स्थल सभी को कठघरे में खड़ा कर दिया। मस्जिद और मुसलमानों के प्रेम में डूबे अय्यर ने कहा कि राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बताना बड़ा ही मुश्किल है। इसलिए ये दावा करना कि राम वहीं पैदा हुए थे, यह ठीक नहीं है।


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Mani Shankar Aiyar, Congress, speaks on at 'Ek Shaam Babri Masjid Ke Naam' programme organised by Social Democratic Party of India in Delhi
शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें भी मान ली। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने ये वादा किया कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।

इन्दिरा गाँधी ने भी किया था बुखारी से 20-सूत्रीय अनुबन्ध 
ज्ञात हो राहुल गाँधी की दादी इन्दिरा गाँधी ने भी प्रधानमंत्री रहते मुस्लिम समर्थन के लिए दिल्ली जामा मस्जिद के तत्कालीन शाही इमाम अब्दुल्ला बुखारी से भी 20-सूत्रीय अनुबन्ध किया था, जिसे पूरा न होने पर आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनावों में मस्जिद के बाहर "इन्दिरा गाँधी ने मुसलमानों से किया विश्वासघात" शीर्षक के अंतगर्त उन माँगों को एक बोर्ड पर लिखकर मुसलमानों से कांग्रेस विरोध करने को कहा था।  
गुजरात में मंदिर दर्शन के लिए राहुल ने मांगी माफी
12 तुगलक लेन स्थित अपने निवास पर राहुल गांधी ने लगभग 2 घंटे तक मुस्लिमों से बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल से आपत्त्ति दर्ज कराई और कहा कि आप तो सिर्फ मंदिर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो मुसलमानों को भुला ही दिया है। मुस्लिम नेताओं की बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं। अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं। खबर ये भी है कि उन्होंने कहा कि  गुजरात में मंदिरों में गया था उसके लिए माफी मांगता हूं।

अवलोकन करें:-

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आखिर हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों करती है कांग्रेस? इस सच्चाई को जानने के लिए निम्न लेखों का अवलोकन करें :--
SOMETIME back I used to receive a pamphlet titled “ SHAKTI SANDESH ” published from Calcutta and now another paper from Shri R.V.Bhasin , Ad...
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भारत के अधिकतर लोगों का सुप्रीम कोर्ट पर से भरोसा ख़त्म होता जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के हर फै...
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार औरंगजेब, अन्य मुगलों तथा मुस्लिम हमलावरों ने भारत में हिन्दुओं का नरसंहार किया, हिन्दू महिलाओं के साथ बल...
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अक्टूबर 13 को प्रणब मुखर्जी की किताब का विमोचन हुआ। उस किताब में प्रणब मुखर्जी ने यूपीए सरकार और उसकी कई नीतियों और फैसलों के बारे में जिक...
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अब तक राहुल गांधी के खानदान का इतिहास हिन्दुओं के खिलाफ ही रहा है। चलिए गिनते हैं राहुल गांधी के खानदान की ‘हिन्दू विरोधी’ साजिशों के सबूत।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- नंबर 1
आज़ादी के बाद से ही नेहरू गांधी ख़ानदान ने हिंदुओं को नीचा दिखाने और उनका मनोबल तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसकी शुरुआत आज़ादी के बाद से ही हो गई थी। लेकिन जब नेहरू के हिंदू विरोधी काम पर अंकुश लगाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं रहे तो नेहरू पूरी बेशर्मी से इस काम में जुट गए।
इंग्लिश अखबार ‘द हिंदू’ के मौजूदा संपादक एन. राम के पिता कस्तूरी ने तब ‘द हिंदू’ का संपादक रहते हुए लेख छापा था। मौजूदा तेलंगाना के सिकंदराबाद के के. सुब्रह्मण्यम के इस लेख में आजाद भारत में हिंदू और उनकी आस्था से हो रहे खिलवाड़ और सरकार की अल्पसंख्यकपरस्त नीतियों का खुलासा किया गया था।
के. सुब्रह्मण्यम हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ते देखकर ही परेशान नहीं हुए। उन्होंने ये भी देखा की नेहरू सरकार बेशर्मी से दूसरे धर्मों को हिंदू धर्म से श्रेष्ठ बताने की कोशिश कर रही है।  के. सुब्रह्मण्यम ने अंबेडकर की तुलना में अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, बीएन राव जैसे दूसरे हिंदू संविधान निर्माताओं को कम महत्व देने के लिए नेहरू को जिम्मेदार माना था। के. सुब्रह्मण्यम इस बात से भी दुखी थे कि वेद और हिंदू धर्मग्रन्थों का अनुवाद करने वाले अग्रेज़ मैक्सम्यूलर का भी सरकार गुणगान करती है। जबकि वो इनके ज़रिए हिंदुओं को पिछड़ा और ईसाई धर्म की सर्वोच्चता स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सरकार हिंदुओं का अहित और अल्पसंख्यकों को बढ़ावा दे रही है। अग्रेज़ तो चले गए लेकिन हमारी सरकार अब भी उनकी नीतियों पर ही चल रही है। 
नंबर 2
7 फरवरी, 1916 को मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की शादी के तीन कार्ड छपवाए गए थे। तीनों कार्ड अंग्रेजी के अलावा सिर्फ अरबी लिपि और फारसी भाषा में छपे थे। तीनों ही कार्ड में किसी भी हिन्दू देवी देवता का नाम नहीं लिखा गया था। न ही उन कार्ड पर हिन्दू धर्म से जुड़ा कोई श्लोक लिखा था। हिन्दू संस्कृति या फिर संस्कृत भाषा का कार्ड में कोई नामोनिशान तक नहीं था।

नंबर 3
आजादी के बाद जब बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो महात्मा गांधी ने इसका स्वागत किया, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर गए तो नेहरू ने न केवल उन्हें जाने से मना किया और विरोध भी दर्ज कराया।

नंबर 4
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू शब्द रखने पर जवाहर लाल नेहरू को घोर आपत्ति थी, उन्होंने इस शब्द को हटाने के लिए कहा था। पंडित मदन मोहन मालवीय पर भी नेहरू ने यूनिवर्सिटी से हिंदू शब्द हटाने के लिये दबाव डाला था। हालांकि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुस्लिम शब्द रखने पर कभी आपत्ति नहीं जताई।

नंबर 5
वंदे मातरम को राष्ट्रगीत बनाने पर जवाहर लाल नेहरू ने आपत्ति जताई थी। उन्हीं की आपत्ति के बाद मुस्लिमों का मनोबल बढ़ा, जिससे आज तक मुस्लिम वंदे मातरम गाने का विरोध करते हैं।

नंबर 6
7 नवंबर, 1966 को दिल्ली में हजारों नागा साधु इकट्ठा होकर ये मांग कर रहे थे कि – गाय की हत्या बंद होनी चाहिए, इंदिरा गांधी किसी भी कीमत पर गौ हत्या बंद करने के मूड में नहीं थी। फिर क्या था, दिल्ली में ही इंदिरा गांधी ने जालियावाला कांड दोहराया और जनरल डायर की तरह हजारों नागा साधुओं के ऊपर गोलियां चलवा दीं। इस गोलीबारी में 6 साधु की मौत हो गई, यही नहीं उस समय गौभक्त माने जाने वाले गुलजारी लाल नंदा को इंदिरा ने गृहमंत्री पद से हटा दिया। इस घटना के बाद इंदिरा गांधी कई राज्यों में चुनाव हार गई थीं।

नंबर 7
साधु- संतो पर गोली चलाने से चुनाव हार चुकी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की शादी में हिन्दी में कार्ड तो छपवाया… लेकिन कार्ड में कहीं भी हिन्दू देवी देवता के नाम से परहेज किया गया। इसमें भगवान गणेश का भी नाम नहीं था।

नंबर 8
नेहरू-गांधी परिवार ने कभी कोई हिन्दू त्योहार पारंपरिक रूप से नहीं मनाया। रमजान में गांधी परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, वैसा आयोजन आज तक कभी नवरात्रि में उनके घर पर नहीं हुआ। कभी कन्याओं को भोजन नहीं कराया गया। कभी किसी ने इनको दिपावली में दीये जलाते नहीं देखा।

नंबर 8
नेहरू-गांधी परिवार ने कभी कोई हिन्दू त्योहार पारंपरिक रूप से नहीं मनाया। रमजान में गांधी परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, वैसा आयोजन आज तक कभी नवरात्रि में उनके घर पर नहीं हुआ। कभी कन्याओं को भोजन नहीं कराया गया। कभी किसी ने इनको दिपावली में दीये जलाते नहीं देखा।

नंबर 10
राहुल गांधी सिर्फ मोदी को हराने के लिए हिन्दू बने हैं… वर्ना पूरे नेहरू परिवार का कभी भी हिन्दू धर्म से नाता नहीं रहा है। यहां तक कि हिन्दू पर्व- त्योहारों में बधाई देना भी अपमान माना जाता है। उदाहरण के लिए इस साल पहली बार कांग्रेस दफ्तर में होली मनाई गई, इससे पहले अघोषित बैन था। राहुल गांधी ने पहली बार लोगों को 2017 में दिवाली की शुभकामनाएं दी।

नंबर 11
नेहरू गांधी परिवार कभी भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन नहीं करता। बल्कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में भी कांग्रेसियों ने रोड़े अटकाने का काम किया है। कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राम मंदिर की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल दी जाए, ताकि लोकसभा चुनाव हो सके। कांग्रेस चाहती है कि 2019 तक वो हिन्दुओं को बरगला कर सत्ता में आ जाए और राम मंदिर का निर्माण हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाए। 

नंबर 12
2007 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम, सीता, हनुमान और वाल्मिकी काल्पनिक किरदार हैं, इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है।

नंबर 13
कांग्रेस ने ही पहली बार मुस्लिमों को हज में सब्सिडी देने और अमरनाथ यात्रा पर टैक्स लगाने का पाप किया। दुनिया के किसी भी देश में हज में सब्सिडी नहीं दी जाती है, सिर्फ कांग्रेस सरकारों ने भारत में मुसलमानों के वोट के लिए ये खैरात बांटना शुरू किया। लेकिन मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया।

नंबर 14
कांग्रेस ने ही सबसे पहले दुनिया भर में हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम का शब्द गढ़ा। एक ऐसा शब्द ताकि मुस्लिम आतंकवाद की तरफ से दुनिया का ध्यान भटकाकर हिन्दुओं को आतंकवादी सिद्ध किया जा सके।

नंबर 15
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान के जरिए देश की बहुसंख्यक आबादी को चौंका दिया, जब उन्होंने कहा कि मंदिर जाने वाले लोग लड़कियों को छेड़ते हैं। हिन्दू धर्म में मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं।

नंबर 16
तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस्लामी कुरीति की तुलना राम से कर दी। जाहिर ये कांग्रेस आलाकमान के इशारे के बिना कपिल सिब्बल ये जुर्रत नहीं कर सकते थे।

नंबर 17
राहुल गांधी ने विदेश जाकर ये फैलाने की कोशिश की कि लश्कर से भी ज्यादा कट्टर आतंकी हिन्दू होते हैं। जबकि आज तक कभी ये सामने नहीं आया कि कोई हिन्दू आतंकी बना हो।

नंबर 18
राहुल गांधी ने जर्मनी जाकर फिर से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया। राहुल ने जर्मनी में कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है।


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