
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जब कोई मुख्यमंत्री ही अपने राज्य में बढ़ती अपराध दर पर प्रश्नचिन्ह लगाए, कितना हास्यप्रद लगता है। बल्कि ट्वीट करने की बजाए पुलिस आयुक्त और उपराज्यपाल को पत्र लिख चिन्ता व्यक्त कर, उचित कार्यवाही कर पीड़ितों को इंसाफ देने की बात करनी थी।
लेकिन दिल्ली विधानसभा सिर पर होने के कारण, जो चाल चली है, सिद्ध करता है, यह मुख्यमंत्री राजनीती में कितना निपुर्ण है। मीडिया में आए पुलिस ट्वीट का आने वाले चुनावों में भरपूर इस्तेमाल कर कहेंगे, "मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद से दिल्ली में अपराध दर में देखिए कितनी गिरावट आयी है। देखिए जनता की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस को जरा भी कोताही नहीं बरतने दी। जबकि हमारे कामों में रुकावटें डाली जा रहीं थीं। हमने दिल्ली पुलिस को साफ कह दिया था, लाख मोदी सरकार आप पर हमारी बात न मानने की दबाव बनाए, लेकिन जनता की सुरक्षा में कोई कमी न रहने पाए।" जबकि दिल्ली में बलात्कार आदि घटनाओं पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरुद्ध कितने प्रदर्शन कर कहते थे कि "इन्हे मुख्यमंत्री बने रहने का हक़ नहीं।" लेकिन इनके मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद इन्ही के विधानसभा क्षेत्र में कार पार्किंग में एक महिला का बलात्कार हो जाता है। अब नितरोज इनके ऐसे संवाद मीडिया में सुर्खी बनते रहेंगे। इसी का नाम सियासत है, कि चुनावी मौसम आता देख, ऐसे काम करो कि मीडिया किसी और को बढ़ावा देने की बजाए केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को महत्त्व देती रहे।
दिल्ली में एक दिन में 5 हत्याओं की घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच तनातनी का माहौल है। केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी की काननू व्यवस्था को लेकर जो ट्वीट किया उसका दिल्ली पुलिस की ओर से तीखा जवाब मिला है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि अपराध दर में भारी कमी आई है। केजरीवाल ने लिखा, "पिछले 24 घंटों में दिल्ली में पांच हत्या एक अत्यंत गंभीर स्थिति है। मैं उपराज्यपाल दिल्ली और गृह मंत्रालय से अपील करता हूं कि वह तत्काल राष्ट्रीय राजधानी की कानून व्यवस्था की स्थिति देखें।" इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, "हत्याओं की सभी से व्यक्तिगत दुश्मनी होने की पुष्टि की गई है। पहले से ही पीड़ित को पहले से ज्ञात और कुछ मामलों में गिरफ्तार किया गया है।"
सभी हत्याओं में व्यक्तिगत दुश्मनी होने की पुष्टि की गई है। आरोपी पहले से ही पीड़ित से परिचित थे और कुछ मामलों में पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे इसी ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने लिखा, "2019 में कुल जघन्य अपराध में 10.5 प्रतिशत की कमी आई है। फायर आर्म्स के उपयोग में 5.65 प्रतिशत की गिरावट आई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में 11.5 प्रतिशत की कमी आई है।"
जून 13 को नंद नगरी लाल बत्ती के पास दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी। इसी दिन दिल्ली के विकासपुरी में एक 35 वर्षीय व्यक्ति की अज्ञात हमलावरों ने उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी।पीड़ित व्यक्ति की पहचान अमित कोचर के रूप में हुई है। बदमाशों ने उसे घर से बाहर घसीट कर निकाला। फिर कार में ले जाकर गोली मार दी. वहीं भलस्वा में हुई अलग-अलग घटनाओं में दो लोग मारे गए।
ऐसे वातावरण में कोई #moblynching, #intolerance, #awardvapsi, #not,in,my,name आदि गैंगों में से कोई बाहर आया।
वीडियो: दिल्ली में पिछले 24 घंटों में हुईं 5 हत्याएं, बढ़ा क्राइम का ग्राफअरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच इस तरह का टकराव पहली बार नहीं देखा गया है। इससे पहले जब अरविंद केजरीवाल ने ये दावा किया था कि बीजेपी उनकी सुरक्षाकर्मियों के जरिए हत्या करवा सकती है। दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल को सुरक्षा प्रदान करती है। इस पर दिल्ली पुलिस पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा था कि दिल्ली पुलिस सभी राजनीतिक दलों के कई उच्च गणमान्य लोगों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा टीम में तैनात सुरक्षाकर्मी अपने कर्तव्यों के प्रति समान रूप से प्रतिबद्ध हैं।
दिल्ली के विकासपुरी इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलर की उसी के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गयी। पहले बदमाशों ने मृतक अमित कोचर को उसी के घर से बाहर घसीट कर निकाला। उसे गाड़ी में बिठाया और घर के बाहर ही गोली मार दी।पुलिस के मुताबिक अमित अपनी पत्नी के साथ विकासपुरी में रहता था। अमित का पहले कई साल तक अपना बीपीओ था, लेकिन अब वो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. वहीं अमित की पत्नी एक कॉल सेंटर में काम करती है।
जून 13 की रात अमित करीब 11 बजे अपने 2 दोस्तों के साथ घर पर मौजूद थे। अमित और उसके दोस्तों ने ऑनलाइन खाना आर्डर किया, थोड़ी देर बाद अमित के घर की घंटी बजी। अमित को लगा कि खाने वाले डिलीवरी बॉय आया है। जैसे ही अमित में दरवाजा खोला, कुछ बदमाश अमित को घसीटकर घर से बाहर खड़ी गाड़ी में बैठा देते है और फिर उसे गोली मार देते हैं। गोली की आवाज़ सुनकर अमित के दोनों दोस्त जब घर से बाहर निकले तो बदमाश अमित के दोस्तो पर बंदूक तानते हुए फरार हो गए। अमित की मौके पर ही मौत हो गयी।
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