दालों की बढ़ती कीमतों से परेशान मोदी सरकार-2

Modi government in action on rising prices of pulses, a plan made of 16 lakh tonne of pulses stock
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार 
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान ने एक बार फिर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री का कार्यभार संभाल लिया। मंत्रालय में उन्होंने अफसरों को ताकीद दी कि किसी भी हालात में दाल की कीमत बेकाबू नहीं होनी चाहिए। पासवान ने शुरुआती 100 दिनों में 16 लाख टन दाल और 50,000 टन प्याज के भंडारण के लिए जरूरी कदम उठाने का लक्ष्य रखा है। सरकार भंडारण की मदद से बाजार में बढ़ती कीमतों को थामेगी। 
15 से 20 रुपए महंगी हो गई है दाल 
दाल की फसल कमजोर होने और आयात के कड़े नियमों के चलते दालों के दाम आसमान छूने लगे हैं। महीनेभर पहले 72 रुपये बिकने वाली अरहर दाल प्रति किलो 15 से 18 रुपये तक महंगी हो गई है। वहीं, मसूर दाल व चना दाल की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं। दिल्ली में खुदरा बाजार में अरहर 90 से 100 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है। इंडियन पल्सेज ऐंड ग्रेंस एसोसिएशन के वाइस-प्रेसिडेंट बिमल कोठारी ने कहा, 'दो साल से ज्यादा लंबे समय के बाद तुअर की कीमतों में तेजी का रुख है। हमें लगता है कि दलहन की खेती वाले इलाकों में मॉनसून अनियमित रहा है। इन स्थिति के बाद सरकार तूअर और अन्य दालों का इंपोर्ट कोटा बढ़ा सकती है।' दिल्ली के एक व्यापारी ने बताया, 'सरकार सिर्फ अरहर के 7-8 लाख टन अतिरिक्त कोटा की मंजूरी दे सकती है। वहीं, सरकार और सरकारी एजेंसियों के पास दूसरी दालों का स्टॉक है और वे जरूरत पड़ने पर सप्लाई बढ़ा सकती हैं।' 
कई देशों से दाल आयात करता है भारत 
कोठारी ने कहा कि दुनियाभर में अरहर की पैदावार कम रही थी, वहीं भारत ने पिछले कुछ साल से इसके आयात पर पाबंदी लगा रखी है। भारत मोजांबिक, मलावी और तंजानिया से अरहर के अलावा म्यांमार से उड़द और कनाडा, यूक्रेन और रूस से पीली मटर का आयात करता है। ऑल इंडिया मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने देश में पीली मटर की कम आपूर्ति को देखते हुए वाणिज्य मंत्री से 4 लाख टन अतिरिक्त आयात की मंजूरी देने की अपील की थी। उन्होंने कहा, 'मॉनसून और सरकार की रणनीति से दालों के भाव पर बड़ा असर पड़ेगा। अगर मॉनसून कमजोर रहता है तो हमें आयात बढ़ाना पड़ सकता है।' गौरतलब है कि रबी सीजन में अरहर की पैदावार में 12-15 फीसदी तक गिरावट आई है।
चिन्ता का विषय यह है जो देश कृषि प्रधान है, उसे ही खाद्य पदार्थ आयात करने पड़े, इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है। जबकि किसान कर्जे में मर रहा है, कल जहाँ फसलें लहराती थीं, उन स्थानों पर बन गयीं/बन रही हैं गगन चुम्बी इमारतें। फिर भी किसान कर्जे में आत्महत्या कर रहा है। 

100 दिवसीय कार्ययोजना में यह भी 

मंत्री पासवान ने बताया कि ई-वाणिज्य दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने, उपभोक्ता अदालतों और बीआईएस प्रयोगशालाओं का उन्नयन करने इत्यादि को भी इस कार्ययोजना का हिस्सा बनाया गया है। इसके अलावा मंत्रालय ने उपभोक्ता मामले विभाग में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के पांच पदों को भरने की भी पहचान की है।मोदी के लगातार दूसरे प्रधानमंत्री बनने के जनादेश की प्रशंसा करते हुए पासवान ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत दुनिया में एक शक्तिशाली देश बनेगा। पासवान बिहार में राजग के एक अहम सहयोगी घटक हैं और उन्हें मोदी सरकार में दोबारा मंत्री बनाया गया है।पासवान ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई स्थान खाली नहीं था। इसलिए विपक्ष को 2024 में नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

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