
एसकेएमसीएच में 83 बच्चों का इलाज चल रहा है, जबकि केजरीवाल अस्पताल में आठ भर्ती हैं। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने लगातार सातवें दिन बच्चों की मौत होने पर सिविल सर्जन शैलेश प्रसाद सिंह से रिपोर्ट मांगी है और इलाज की बेहतर मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया। तिरहुत के कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल ने भी आपात बैठक बुलाकर कई निर्देश दिये। उन्होंने बीमारी से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार नहीं किये जाने पर फटकार भी लगायी है।
तीन पीआइसीयू फूल,आइसीयू में भर्ती हो रहे बच्चे
जून 10 की सुबह छह बजे से ही एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का आना शुरू हो गया था। महज तीन घंटे में 20 बच्चे एसकेएमसीएच पहुंच गये। इतनी संख्या में बीमार बच्चों के आने के बाद आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधक ने तीसरे पीआइसीयू में बच्चों को एडमिट करना शुरू किया। लेकिन जब तीसरा पीआइसीयू भी फुल हो गया तो आइसीयू को खाली कराकर उसमें बच्चों को भर्ती किया गया।
अस्पताल अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने बताया कि आइसीयू के मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है। हालत यह है कि पीआइसीयू में एक बेड पर तीन-तीन बच्चों का इलाज किया जा रहा है। बीमार बच्चों में मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बरुराज, मोतीपुर के अलावा शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और वैशाली जिले के भी हैं। हर साल गर्मी के ऊमस भरे मौसम में यह बीमारी फैलती है। करीब 10 साल के बच्चे इस रोग से पीड़ित हो रहे हैं।
निदेशक प्रमुख की टीम जायेगी जांच करने
अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत की जांच के लिए निदेशक प्रमुख के नेतृत्व में एक टीम मुजफ्फरपुर जायेगी। टीम वहां अस्पतालों में जाकर बीमार बच्चों की रिपोर्ट भी लेगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने निर्देश दिया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि वहां से प्राप्त मेडिकल रिपोर्ट में बच्चों की मौत का कारण ग्लूकोज की कमी पायी जा रही है। अब तक मेडिकल रिपोर्ट में एक भी जेइ का मामला सामने नहीं आया है। जो मौतें हुई हैं, उनकी सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। बच्चों के इलाज के लिए एसओपी पहले से ही तैयार है। उसके अनुसार इलाज किया जा रहा है।
जगा प्रशासन, ली जा रही रिपोर्ट
तिरहुत के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने बीमारी से बचाव की तैयारी पर असंतोष जाहिर करते हुए सघन प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रशासन को मुस्तैदी से काम करने की नसीहत दी। बीमारी के जोन बने इलाकों में इसके प्रचार-प्रसार के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। उधर, मुख्य सचिव ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर हालात का जायजा लिया।
पिछले सात दिनों में 47 की जान गयी
मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली जिलों में चमकी बुखार का कहर तेज हो गया है। सात दिनों में 114 पीड़ित बच्चे एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिनमें 47 बच्चों की जान चली गयी। (एजेंसीज इनपुट्स)
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