FATF की पाकिस्तान को चेतावनी : आतंकवाद पर लगाम नहीं लगा तो हो सकता है ब्लैकलिस्ट

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विरोधियों की अब रोटी खानी मुश्किल हो रही होगी। तुष्टिकरण के चलते जिस पाकिस्तान को सिरमौर बना रखा था, आज वही पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट होने को है। आतंकवाद पर मोदी की कूटनीति का ही कमाल है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाया, तो ब्लैकलिस्ट होने से कोई नहीं बचाने वाला नहीं।  
आतंकवाद मामले में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने से बचाने में चीन अपने दोस्त की मदद कर रहा है। एक बार फिर से चीन ने पाकिस्तान को फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स के तहत ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया है। दरअसल पाकिस्तान को आतंकवाद मामले में पहले से ही ग्रे लिस्ट में डाला जा चुका है और इस बीच उसे आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए 18 महीने की मोहलत दी गई थी, लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम साबित हुआ है। इस पर अब पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय दिया गया है। 
तब तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा। एफएटीएफ एक्सप्रेस का मानना है कि पाकिस्तान ना सिर्फ आतंकवाद पर लगाम लगाने के जनवरी की डेडलाइन को पार कर गया बल्कि मई तक की प्राप्त अवधि को भी पार कर गया। अब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को एक बार फिर से अक्टूबर तक का समय दिया है ताकि वह आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए कोई ठोस कारगर प्लान बनाए।
अक्टूबर तक की मिली मोहलत
अगर इस बार ऐसा नहीं हुआ तो एजेंसी अगला कदम उठाने पर विचार करेगी। बीते दिनों एफएटीएफ की एक बैठक में सभी सदस्यों ने पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखने की बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में पाकिस्तान के पक्ष में एक भी वोट नहीं मिले। अब जब पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय दिया गया है, अब इस आधार पर फिर से वोटिंग कराई जाएगी।

FATF: Strongly urge Pakistan to swiftly complete its action plan by October 2019 when the last set of action plan items are set to expire. Otherwise, the FATF will decide the next step at that time for insufficient progress.(3/3) https://twitter.com/ANI/status/1142176716850253824 
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 10 मांगों की एक सूची दी है जिसे उसे अक्टूबर तक पूरा करना होगा। इस बीच पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए जरुरी उपायों को सख्ती से लागू करने की बात कही गई है।
एफएटीएफ के नए निर्देशों के बाद पाकिस्तान को अब ग्रे लिस्ट से अपना नाम हटाने के लिए 15 देशों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। एफएटीएफ की अध्यक्षता चीन को मिलने वाली है जिसे पाकिस्तान के लिए एक गुड न्यूज की तरह देखा जा रहा है। 
अब फेल हुआ तो उठाए जायेंगे ठोस कदम 
फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अपनी बैठक में कहा कि जून 2018 से पाकिस्तान ने एंटी मनी लांड्रिंग और आतंकवाद को वित्त पोषण के खिलाफ कदम उठाए हैं लेकिन फिर भी इसका कोई ठोस नतीजे मिलते नजर नहीं आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एफएटीएफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान को इन चीजों पर लगाम कसने के लिए अपनी रणनीतिक कार्यक्रम मजबूत करना होगा और उसे उनके खिलाफ कड़े नियम लागू करना जारी रखना चाहिए।

एजेंसी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने यहां पल रहे आतंवाद पर लगाम कसने के लिए जो मोहलत दी गई थी उसमें ना सिर्फ जनवरी बल्कि मई की अवधि को भी पार कर लिया है। इसलिए अब पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय दिया जाता है कि वह इस अवधि तक आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। अगर इस बार वह ऐसा करने में असफल हो जाता है तो उसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने होंगे।    

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