
प्रमुख बातें:
तीन तलाक बिल पास होने की संभावना बढ़ गई हैं। कई विपक्ष दल सदन में मौजूद नहीं हैं। अब तक सभी बड़े प्रस्ताव गिरे। दिग्विजय सिंह और हुसैन दलवई द्वारा प्रस्तावित संशोधन गिर गए। दिग्विजय सिंह ने प्रस्ताव दिया था कि आपराधिक दायित्व को बिल से हटा दिया जाएगा और इसके बदले 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
तीन तलाक बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव गिर गया। 100 के मुकाबले 84 से गिरा तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव
राज्यसभा में पर्ची के जरिए सदस्य अपना वोट कर रहे हैं। TDP और TRS के सदस्य मौजूद नहीं है। JDU ने सदन से वॉकआउट किया है। BSP ने भी किया वॉकआउट।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'गुलाम नबी साहब आज आपने बहुत कुछ बोला। आपने 1986 में 400 सीटें जीतीं। उसके बाद 9 लोकसभा चुनाव हुए उनमें से किसी में भी आपको बहुमत नहीं मिला। सोचिये ऐसा क्यों हुआ? आप 2014 में 44 थे, आज 52 हैं। 1986 में आप 400 तक पहुंच गए, 1986 में शाह बानो का मामला हुआ और उसके बाद आपको कभी बहुमत नहीं मिला।'
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'तीन तलाक पर कांग्रेस के पैर क्यों डगमगाए? कांग्रेस ने शाहबानों के लिए न्याय के दरवाजे बंद किए। 2019 में शाहबानों मॉडल नहीं चलेगा। तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं को सड़क पर नहीं छोड़ सकते। मैं मुस्लिम महिलाओं को रोते हुए नहीं छोड़ूंगा। कानून के बिना FIR दर्ज नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन तलाक जारी। विपक्ष तीन तलाक को जारी रखना चाहता है।'
राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन तलाक संबंधित विधेयक राजनीतिक रूप से प्रेरित है। इसमें ऐसे प्रावधान हैं, जिसकी वजह से पति-पत्नी लड़ते रहेंगे, वे एक-दूसरे के खिलाफ वकील करेंगे, उन पर खर्च करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक वे जेल से बाहर आएंगे, दिवालिया हो चुके होंगे और तब उनके पास बस खुदकुशी कर लेने या डकैत बन जाने का ही विकल्प होगा। सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस विधेयक के पीछे उनका यही मकसद है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक महिलाओं के निकाह से जुड़े अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है, पर वास्तव में इसका मकसद परिवारों को तबाह करना है
बहस की शुरुआत करते हुए गुजरात से कांग्रेस सदस्य डॉ. अमी याज्ञिक ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही तीन तलाक को अवैध घोषित कर चुका है तो इस मामले में क्रिमिनल प्रॉसीजर के प्रावधान का आखिर क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है, लेकिन इसे अपराध बनाने के प्रावधान का समर्थन नहीं करती।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को महिलाओं की गरिमा, सम्मान, लैंगिक समानता से जुड़ा बताया और कहा कि इसे राजनीतिक चश्मे से न देखा जाए।
वायएसआर कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोटिंग का फैसला लिया। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वह वोटिंग के दौरान राज्यसभा से अनुपस्थित रह सकती है।
एनडीए की सहयोगी जेडीयू, जो तीन तलाक के मुद्दे पर पहले ही सरकार के रुख का विरोध कर रही है, ने इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही के बहिष्कार का फैसला किया।
बीजू जनता दल (बीजद) ने जहां तीन तलाक विधेयक को राज्यसभा में समर्थन देने का फैसला किया।
सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा से भी बीते सप्ताह पारित हो गया, जहां एनडीए सरकार को कांग्रेस के सदन से वॉकआउट कर जाने का सीधा फायदा मिला।
YSR Congress Party leader, Vijay Sai Reddy to ANI: YSR Congress party will oppose Triple Talaq Bill and vote against it. (file pic)
Union Parliamentary Affairs Minister, Pralhad Joshi in Lok Sabha on accident of Unnao rape victim: It should not be politicised, CBI inquiry is already underway, FIR has been registered. Government is investigating with impartiality.
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