यह कोई नयी बात नहीं, लोगों को स्कूटर लेने का शौक है, चाहे गाड़ी किसी के मकान के आगे खड़ी कर दो, रहो कहीं, गाड़ी किसी और गली में किसी का दरवाज़ा बंद होता हो, हो जाये। यह पुरानी दिल्ली में बहुत पुरानी शिकायत है। गलियों में RWA बनी हुई हैं, कुछ गलियों में सक्रीय हैं, परन्तु कुछ गलियों में मात्र एक शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं। केवल सरकारी सहायता लेने के लिए।
विकासपुरी में डॉ नारंग की हत्या के पीछे भी मात्र यही छोटी से बात थी। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, राहुल गाँधी, मायावती और अखिलेश यादव आदि किसी में अपने वोटबैंक की इन सांप्रदायिक हरकतों के विरुद्ध बोलने की हिम्मत नहीं।
पुरानी दिल्ली में एक और आम समस्या यह है कि अपनी गली छोड़ दूसरी गली में जाकर क्रिकेट खेलना, शोर-शराबा करना और झुण्ड में मोबाइल पर अश्लील यूट्यूब की फिल्में देखना, आदि लेकिन माँ-बाप को इस बात की चिन्ता नहीं कि हमारा बच्चा मोबाइल लेकर कहाँ गया है? उनको इस बात की भी चिन्ता नहीं कि हमारा बच्चा मोबाइल का कहीं दुरूपयोग तो नहीं कर रहा?
क्या दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, और केन्द्रीय गृहमंत्री गुनाहकारों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस को आदेश देंगे ताकि भविष्य में कोई दंगाई दंगा करने का साहस न करने पाए? आखिर हमलावर कौन थे? क्या है उनका पेशा? कौन हैं उनके संरक्षण? हालाँकि इन्ही साम्प्रदायिक दंगों के ही कारण पुरानी दिल्ली हिन्दुओं से खाली हुई है, इस कटु सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता। और इस गंभीर मुद्दे पर भाजपा भी चुप्पी साधे रही। इस क्षेत्र में अब जो थोड़े बहुत हिन्दू बचे हुए हुए हैं, केवल अपने अच्छे पड़ोसियों की वजह से।
आज कैराना और मेरठ से हिन्दुओं के पलायन की चर्चा होती है, लेकिन पुरानी दिल्ली हिन्दुओं से लगभग खाली हो चुका है, किसी को चिन्ता नहीं। क्यों? आखिर अपनों आपको गरीब कहने वालों को कहाँ से वित्तीय सहायता मिली? कभी बिजली चोरी में पकडे जाते हैं तो गरीब बन जाते हैं। यह आरोप नहीं कटु सत्य है, बिजली अधिकारी भी इस सच्चाई से इंकार नहीं कर सकते। रातों-रात नंबर दो में 50/60 मीटर लम्बी तार पड़ जाती है। हिन्दू क्षेत्रों में अधिक्रमण हटाते हुए अधिकारी शेर बन जाते हैं, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जितना अधिक्रमण हुआ हुआ है किसी में साहस नहीं हटाने का। क्या देश में हिन्दुओं और मुसलमानों के लिए अलग कानून हैं?
दोपहर को जैसे ही समाचार मिला, केवल एक बार ज़ी न्यूज़ ने स्ट्रिप दिखाई, लेकिन किसी भी चैनल पर रात 8.30 बजे तक कोई समाचार नहीं, यदि स्थिति एकदम विपरीत होती, सारे छद्दम धर्म-निरपेक्ष और चैनलों ने आसमान सिर पर उठा लिया होता। निम्न व्हाट्सअप सन्देश झूठा हो सकता है लेकिन ये खंडित हुए मंदिर की फोटुएं और वीडिओ क्या झूठ बोल रही हैं?
Pacheen Shree Durga Mandir, Gali durga Mandir, Bazar lal kuwa, Delhi 110006 Thana Hoze Qazi, me muslimo ka hamla, mandir me aag lagai, our murtiya tod di, jab sab so rahe the raat 12 baje
Kal rat 10 baje k bad se bazar lal kuwa pe Halwai Sanjeev Gupta k sath gali Chabuk Saawar k ek muslim niwasi k sath vahan ki parking ko le k kaha suni k bad ladai ho gai. Muslim yuvak Gupta ji k ghar k samne jabardasti gadi park krna chahta tha. Muslimo ne gupta g ko mara, unki PATNI our BETIYO ko gher me ja k mara. Police Gupta ji ko pakad k thane le gai. Muslimo ne thane ka gherav kr k hangama kara aap video me dekh sakte he. Us k bad Gupta ji k gher k samne mandir wali gali "GALI DURGA MANDIR" me 400-500 muslimo ne ghus k MANDIR pe prahar kr MURTIYA KHANDIT ki our AAG lagai. HINDUO k gharo pe patharbazi ki, motercycle todi-girai our botle peki todi. Ye gali puri gali HINDUO ki he. Police sikayat k 1 gante bad sara hangama khatam hone k bad pahuchi. Bechari police krti bhi kya thana to 1000 k karib muslimo ne gher rakha tha.
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