वर्तमान लौह पुरुष नरेन्द्र मोदी : 'जम्मू कश्मीर पुनर्गठन' बिल लोकसभा में हुआ पास, पक्ष में 370, विपक्ष में 70 वोट पड़े

LIVE: 'जम्मू कश्मीर पुनर्गठन' बिल लोकसभा में हुआ पास, पक्ष में 370, विपक्ष में 70 वोट पड़े
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल (Jammu Kashmir reorganization bill) मंगलवार(अगस्त 6) को लोकसभा में पारित हो गया. बिल के पक्ष में 370 वोट जबकि विपक्ष में 70 वोट पड़े. यह संभव हुआ वर्तमान "लौह पुरुष" नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो सका. लोकसभा से भी बिल पारित होने पर कश्मीर के लिए भारतीय जनसंघ संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था. अनुच्छेद 370 समाप्त कर लोक और राज्य सभा ने डॉ मुख़र्जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है. बता दें सोमवार(अगस्त 5) को यह बिल राज्यसभा से पारित हो गया है. 
राज्यसभा में सोमवार को इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में 61 सांसदों में मतदान किया. राज्यसभा में बिल के पास होने के बाद मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पेश किया गया. 
इससे पहले लोकसभा में इस बिल पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत की सीमाओं के अंदर कोई भी फैसला लेने के लिए भारत की संसद को पूरा अधिकार है. गृहमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित एक दो लोगों के अलावा किसी ने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध नहीं किया. वो भी चाहते हैं कि 370 हट जाए, लेकिन उनके सामने वोट बैंक का प्रश्न आ जाता है.
 
अमित शाह ने कहा, 'देश का बच्चा-बच्चा बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.' हम ये क्यों नहीं बोलते कि यूपी देश का अभिन्न अंग है, तमिलनाडु देश का अभिन्न अंग है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 370 ने इस देश और दुनिया के मन में एक शंका पैदा कर दी थी कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं.
 
'पूर्ण राज्य का दर्जा देने में संकोच नहीं' 
अमित शाह ने कहा कि जहां तक केंद्र शासित राज्य का सवाल है तो मैं देश और मुख्य रूप से घाटी के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि स्थिति सामान्य होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने में हमें कोई संकोच नहीं होगा.

अमित शाह ने कहा कि हम हुर्रियत के साथ चर्चा नहीं करना चाहते, घाटी के लोग हमारे हैं, हम उनको सीने से लगाएंगे, उनको प्यार से रखेंगे, पूरा हिंदुस्तान उन्हें प्यार से रखेगा. अगर उनके मन में कोई आशंका है तो जरूर चर्चा करेंगे, हमें कोई आपत्ति नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि 5 साल के बाद जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जो विकास होने वाला है उसे देखकर घाटी की जनता भी कहेगी कि 370 का झुनझुना जो हमें पकड़ाया गया उससे हमारा बहुत अहित हुआ.
 
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निचले सदन में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश संकल्प में कहा गया है, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि वह जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे सरकारी गजट में प्रकाशित किया जाएगा, उस दिन से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं रहेंगे, सिवाय खंड 1 के. इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति की अधिघोषणा के बाद जम्मू कश्मीर राज्य विधायिका की शक्ति इस सदन को है.

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