एक तरफ भारत में कांग्रेस और कुछ भाजपा विरोधी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A समाप्त होने पर जो विरोधी बातें कर रहे हैं, लगभग वही स्वर पाकिस्तान से भी आ रहे हैं। स्मरण हो, कांग्रेस के ही कुछ नेता अलगाववादियों और पाकिस्तान जाकर नरेन्द्र मोदी को हराने में मदद करने की भीख माँगने उनकी गोदी में बैठ रहे थे। जो प्रमाणित करता है मोदी विरोधियों को पूर्व आभास था कि अकेले दम मोदी को हराना असंभव है, इसलिए आधुनिक जयचन्द भारत विरोधियों की गोदियों में बैठ रहे थे। अगर जयचन्दों ने हिन्दू सम्राटों से गद्दारी नहीं की होती, मुग़ल आतताई भारत में घुस ही नहीं सकते थे। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जयचन्द कभी किसी शासक के नहीं हो सकते। मुग़ल युग में इनकी सन्तानों ने ब्रिटिश सरकार की मदद की और ब्रिटिश राज्य स्थापित करने में सहायक बने।
बदलते परिवेश को वर्तमान जयचन्द समझ नहीं पा रहे, ये लोग अपने परिवारों के लिए भी संकट खड़े कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और सूबे के पुनर्गठन को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने से पाकिस्तान बौखला गया है। यह बौखलाहट आज पाकिस्तान की संसद में भी नजर आई। दरअसल, विपक्ष के नेता और पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के मामले में तीखी प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
इमरान खान ने शरीफ की मांग पर पूछा कि विपक्ष के नेता क्या चाहते हैं? क्या मुझे पाकिस्तानी सेना को भारत पर हमले का आदेश दे देना चाहिए? इमरान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अलावा वहां की सेना समेत कई लोग मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर भारत के खिलाफ बोल रहे हैं।
पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार कश्मीर को दूसरा फिलस्तीन बनाना चाहती है। पाकिस्तान के सांसदों को भारत को खून, आंसू और पसीने से जवाब देना चाहिए। अगर जंग थोपी जाए तो हमें जंग के लिए तैयार रहना चाहिए।
पाकिस्तान में संयुक्त सत्र में क्या-क्या हुआ…
-आज पाकिस्तान की बौखलाहट संसद में भी नजर आई
-इमरान ने पूछा, क्या भारत पर आक्रमण कर देना चाहिए
-पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ ने अनुच्छेद 370 पर प्रतिक्रिया देना चाह रहे थे
-चौधरी फवाद हुसैन-मोदी सरकार कश्मीर को दूसरा फिलस्तीन बनाना चाहती है
-पाकिस्तान के सांसदों को भारत को खून, आंसू और पसीने से जवाब देना चाहिए
-अगर जंग थोपी जाए तो हमें जंग के लिए तैयार रहना चाहिए
-इमरान ने कहा,अनुच्छेद-370 हटाने के कारण भारत में पुलवामा जैसी घटनाएं होंगी
-हम इस मामले को संयुक्त राष्ट्र लेकर जाएंगे
-हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताएंगे कि बीजेपी की नस्लवादी विचारधारा
-भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है
पाकिस्तान की सेना की बैठक
पाकिस्तान की सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी अनुच्छेद-370 को लेकर ट्वीट किए गए। इनमें बताया गया कि कश्मीर के मौजूदा हालात पर सेना पाकिस्तान सरकार के साथ है। पाकिस्तान की सेना कश्मीर पर लिए गए भारत के फैसले को नकारती है। पाकिस्तान ने कभी भी अनुच्छेद-370 और 35A के जरिये जम्मू-कश्मीर को कब्जाने को कभी मान्यता नहीं दी। पाकिस्तान की सेना इस अत्याचार के खिलाफ कश्मीरियों के साथ है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म क्या हुआ पाकिस्तान की बौखलाहट कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। इनसब के बीच पाक अधिकृत कश्मीर से भी भारत में विलय की मांग उठने लगी है। पीओके से उठने वाली इस आवाज ने पाकिस्तान की बेचैनी को और बढ़ा दिया है। गिलगिट-बटालिस्तान के लोगों ने भारत से अपील की है कि हमें भी भारत में शामिल कर दिया जाए। लोगों का कहना है कि उन्हें भारतीय संविधान प पूरा भरोसा है, उन्होंने भारतीय संविधान में अपने प्रतिनिधित्व की मांग की है।
पीओके से उठने वाली इस आवाज ने पाकिस्तानी हुक्मरानों की नींद छीन ली है। बतादें गिलगिट और बटालिस्तान पर पाकिस्तान का अनधिकृत कब्जा है। गिलगिट और बटालिस्तान के लोगों की भारत में होने वाली हर हलचल पर पैनी नजर है। इन लोगों ने अमित शाह के फैसले को दुरुस्त ठहराया है और पाकिस्तान की हरकतों से निजात का मन बना लिया है।
क्या कहते हैं पीओके के लोग…
-गिलगिट-बटालिस्तान ने भारत में शामिल होने की मांग की
-यहां के लोगों ने भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा जताया है
-इन लोगों ने भारतीय संविधान में अपने प्रतिनिधित्व की मांग की
-यहां के लोगों ने अमित शाह के फैसले को दुरुस्त ठहराया है
गिलगिट में लोगों को अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे सेंग एच. सेरिंग ने कहा
-अमित शाह से अपील,क्षेत्र के लोग भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं
– उन्हें भी भारतीय संविधान में प्रतिनिधित्व दिया जाए
-पाक अधिकृत कश्मीर, जम्मू-कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है
-हम मानते हैं कि गिलगिट-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है
-गिलगिट-बाल्टिस्तान लद्दाख का विस्तार है
-हम भारतीय संघ और संविधान के तहत अपने लिए अधिकार की मांग करते हैं
-हम भारत की विधायी इकाई में प्रतिनिधित्व की मांग करते हैं
-केंद्रशासित प्रदेशों में रिजर्व सीटों पर गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिए सीटें होनी चाहिए
-भारत की राज्यसभा और लोकसभा में हमारा प्रतिनिधित्व होना चाहिए
अवलोकन करें:-
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