करीब एक सप्ताह के इंतजार के बाद कर्नाटक में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है। इस बार मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में तीन उप मुख्यमंत्री हैं जिनमें से एक वही बीजेपी नेता हैं जिन्हें पोर्न देखते हुए पाया गया था। इस वजह से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। उस भाजपा नेता का नाम लक्ष्मण सावदी है और वह राज्य विधानसभा में पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे। नई कैबिनेट में उन्हें ट्रांसपोर्ट पोर्टफोलियो भी दिया गया है। हालांकि भाजपा विधायक और सीएम के सहयोगी एमपी रेनुकाचार्य ने लक्ष्मण की नियुक्ति का विरोध किया है। उन्होंने शुक्रवार(अगस्त 23) को कहा, 'उन्हें (लक्ष्मण सावदी) चुनाव हारने के बावजूद मंत्री के रूप में शामिल करने की क्या आवश्यकता थी।' ज्ञात हो, लक्ष्मण सावदी बीते साल महेश कुमाटटल्ली से चुनाव हार गए थे।भाजपा साम, दाम, दंड भेद अपनाकर कांग्रेस और अन्य विरोधियों को सत्ता से बाहर रखने में कुछ सीमा तक सफल हो रही है। भारतीय जनता पार्टी तत्कालीन भारतीय जनसंघ के समय से चरित्रवानों, बुद्धिजीविओं और जो कहते हैं वही करते हैं नीति वालों की पार्टी है। लेकिन समय परिवर्तन में आज पार्टी अपने सिद्धांतों से कुछ स्तर पर समझौता कर रही है। जो विधायक सदन में बैठ पोर्न देख सकता है, उसका चरित्र क्या होगा? ऐसी कौन-सी दिक्कत थी, कि सदन में बैठ पोर्न देखने वाले को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाने की नौबत आयी? क्या येदियुरप्पा अकेला सरकार चलाने में असमर्थ हैं?
वहीं लक्ष्मण सावदी ने बेंगलुरू में एएनआई से कहा, 'केंद्र और राज्य के नेताओं ने मुझे डिप्टी सीएम बनाया है। उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है। मैं पार्टी को मजबूत बनाऊंगा और हमारी सरकार अच्छा नाम करेगी।मैंने यह पद नहीं मांगा था। पार्टी के सीनियर नेताओं ने मुझे यह पद दिया है। मैं इसे स्वीकार करता हूं।'
2012 में 2 लोगों समेत लक्ष्मण सावदी विधानसभा में पोर्न देखते हुए पाए गए थे। इससे बीजेपी की काफी किरकिरी हुई थी। सावदी ने सफाई देते हुए कहा था कि वह इसे शिक्षा के उद्देश्य से देख रहे थे जिससे वह रेव पार्टी के बारे में जान सकें। हालांकि फिर सावदी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमर ने कर्नाटक में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक में लक्ष्मण सावदी के अलावा डॉ अश्वत नारायण और दलित नेता गोविंद करजोल को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है।
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