जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के भारत सरकार के फैसले पर मंगलवार(अगस्त 6) को संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर पर भारत – पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है. यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को कहा कि वह भारतीय पक्ष के कश्मीर में प्रतिबंधों की रिपोर्ट से अवगत हैं और इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं.
दुजारिक ने कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान में तैनात यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप (यूएनएमओजीआईपी) के जरिए पिछले दिनों रिपोर्ट मिली थी एलओसी पर सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है. हम इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हमने मामले से जुड़े सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है.
इस संबंध नें अमेरिका ने भी सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारत और पाकिस्तान से एलओसी पर शांति कायम रखने की अपील की. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूएस कश्मीर के हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है.
कश्मीर में 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने की खबर से बौखलाए पाकिस्तान को अब समझ नहीं आ रहा है कि क्या करना चाहिए. भारत के इस कदम पर कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अन्य देशों से समर्थन मांगते हुए विलाप कर रहे हैं तो वहीं सेना प्रमुख जनरल जावेद बाजवा को अब पीओके की चिंता सताने लगी है. सोमवार को भारत ने जैसे ही कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया पाक सेना प्रमुख तुंरत कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए कमांडरों की मीटिंग कॉल कर दी.
बाजवा ने आज कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई है. जियो न्यूज के अनुसार, कॉर्प्स कमांडरों की बैठक का एजेंडा जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के अवैध कदम और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात तथा कश्मीर में उसके असर का विश्लेषण करना है.
धारा 370 पर भारत के फैसले से पाकिस्तान में हलचल तेज
केंद्रीय सरकार ने एक ओर जहां जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 खत्म करने का फैसला लिया है। भारत सरकार के इस फैसला से पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। आज पाकिस्तान ने दोनों सदनों में आपात बैठक होने जा रही है। इसकी घोषणा सोमवार(अगस्त 5) को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सोमवार को की थी। आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली और सीनेट की बैठक की जानकारी दी थी।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने के फैसले पर आपात बैठक बुलाई है। पाकिस्तान शुरुआती विकल्प के रूप में इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इस पर कोई भी निर्णय दिव्पक्षीय रूप से ही निपटाना होगा।
भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को खत्म करके जम्मू कश्मीर को विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
भारत ने कसी कमर
भारत यह समझ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभी यह लड़ाई लंबी चलेगी। इसको देखते हुए भी जबरदस्त तैयारी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर दूसरे मंचों पर पाकिस्तान की हर साजिश का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को दोपहर बाद से संयुक्त राष्ट्र स्थाई परिषद के पांच सदस्य देशों के अलावा अन्य दूसरे देशों को अनुच्छेद-370 के संबंध में जानकारी देने का सिलसिला शुरू किया गया है। कई राजनयिकों ने अपने स्तर पर सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी मांगी थी और उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराई गई है।
अवलोकन करें:-
पाकिस्तान विदेश मंत्री ने किया विरोध
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू व कश्मीर संबंधी भारत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पाकिस्तान इसका हर मुमकिन तरीके से विरोध करेगा। कुरैशी ने कहा है कि उनका देश भारत सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएगा और उनसे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने का अनुरोध करेगा।
दुजारिक ने कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान में तैनात यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप (यूएनएमओजीआईपी) के जरिए पिछले दिनों रिपोर्ट मिली थी एलओसी पर सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है. हम इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हमने मामले से जुड़े सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है.
National integration isn’t furthered by unilaterally tearing apart J&K, imprisoning elected representatives and violating our Constitution. This nation is made by its people, not plots of land.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 6, 2019
This abuse of executive power has grave implications for our national security.
इस संबंध नें अमेरिका ने भी सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारत और पाकिस्तान से एलओसी पर शांति कायम रखने की अपील की. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूएस कश्मीर के हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है.
कश्मीर में 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने की खबर से बौखलाए पाकिस्तान को अब समझ नहीं आ रहा है कि क्या करना चाहिए. भारत के इस कदम पर कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अन्य देशों से समर्थन मांगते हुए विलाप कर रहे हैं तो वहीं सेना प्रमुख जनरल जावेद बाजवा को अब पीओके की चिंता सताने लगी है. सोमवार को भारत ने जैसे ही कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया पाक सेना प्रमुख तुंरत कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए कमांडरों की मीटिंग कॉल कर दी.
बाजवा ने आज कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई है. जियो न्यूज के अनुसार, कॉर्प्स कमांडरों की बैठक का एजेंडा जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के अवैध कदम और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात तथा कश्मीर में उसके असर का विश्लेषण करना है.
धारा 370 पर भारत के फैसले से पाकिस्तान में हलचल तेज
केंद्रीय सरकार ने एक ओर जहां जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 खत्म करने का फैसला लिया है। भारत सरकार के इस फैसला से पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। आज पाकिस्तान ने दोनों सदनों में आपात बैठक होने जा रही है। इसकी घोषणा सोमवार(अगस्त 5) को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सोमवार को की थी। आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली और सीनेट की बैठक की जानकारी दी थी।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने के फैसले पर आपात बैठक बुलाई है। पाकिस्तान शुरुआती विकल्प के रूप में इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इस पर कोई भी निर्णय दिव्पक्षीय रूप से ही निपटाना होगा।
भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को खत्म करके जम्मू कश्मीर को विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
भारत ने कसी कमर
भारत यह समझ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभी यह लड़ाई लंबी चलेगी। इसको देखते हुए भी जबरदस्त तैयारी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर दूसरे मंचों पर पाकिस्तान की हर साजिश का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को दोपहर बाद से संयुक्त राष्ट्र स्थाई परिषद के पांच सदस्य देशों के अलावा अन्य दूसरे देशों को अनुच्छेद-370 के संबंध में जानकारी देने का सिलसिला शुरू किया गया है। कई राजनयिकों ने अपने स्तर पर सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी मांगी थी और उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराई गई है।
अवलोकन करें:-
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू व कश्मीर संबंधी भारत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पाकिस्तान इसका हर मुमकिन तरीके से विरोध करेगा। कुरैशी ने कहा है कि उनका देश भारत सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएगा और उनसे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने का अनुरोध करेगा।
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