

इसके बाद महिला के मुताबिक मुस्लिम युवक ने उसे प्रेम जाल में फँसाकर पहले धर्म परिवर्तन कराया और फिर उसके साथ लिव-इन में रहने लगा। लेकिन जब महिला को बेटा हुआ तो वह उसकी जिम्मेदारी लेने की बजाए भाग खडा हुआ। 2017 में वह महिला को छोडकर फरार हो गया। उसके बाद से महिला दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
महिला ने अपनी शिकायत में युवक पर आरोप लगाया कि युवक ने उसका घर भी बिकवा दिया था और उससे घर के रुपए भी ले लिए थे। अब उसके पास कुछ नहीं हैं। उसका बेटा 3 साल का हो चुका है, लेकिन लडके के घरवाले उसे रखने को तैयार नहीं हैं।
पीडिता ने कहा कि उसके साथ धोखा किया गया है। इसलिए अब उसे न्याय चाहिए। वो चाहती है कि उसके बेटे को पिता का नाम मिले। जिसके लिए उसने न्यायालय में अर्जी दाखिल की है और अपने लिए न्याय की गुहार लगाई है।
कहते थे "प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है....", लेकिन आज प्यार के नाम पर धोखा और धोखा ही रह गया है, और उसमे कसूरवार लड़कियां ही हैं, यह आरोप नहीं, कटु सत्य है। यदि किसी को कोई आपत्ति हो, सार्वजानिक रूप से माफ़ी भी मांगता हूँ। और प्यार में धोखे का सिलसिला भी पुराना है, आज कोई नयी बात नहीं। घर-परिवार द्वारा विरोध करने पर उन्हें प्यार का दुश्मन घोषित कर बदनाम किया जाता है। अपने युवा दिनों की बात बताता हूँ। लड़का और लड़की दोनों एक ही बैंक में कार्यरत थे, समय बीतते दोनों के बीच पनपा प्यार कोर्ट-विवाह में परिवर्तित हो गया। लड़का सफाई कर्मचारी से था और लड़की उच्च परिवार से। लड़के ने परिवार की सच्चाई छुपाने के लिए अलग घर ले लिया। जहाँ लड़के के परिवार वाले मिलने-जुलने के आते-जाते थे। भेद कुछ वर्षों बाद लड़के की माँ की मृत्यु पर खुला, जब लड़की अपने पति के जबरदस्त विरोध के बावजूद अपनी असली ससुराल पहुंची। वह उसका पहला और अन्तिम दिन था। परिणाम यह हुआ कि अगले ही दिन उसके बैंक पहुँचने पर सबने हैरानी जताते हुए पूछा "सास की तेरवीं तक तो छुट्टियों पर रहती, लोग क्या बोलेंगे?" लेकिन सच्चाई सुन समस्त बैंककर्मी दंग रह गए। सच्चाई सामने आने पर झूठ बोलकर शादी करने के आरोप में तलाक ले लिया।
ऐसे और भी कई उदाहरण हैं, जहाँ लड़की सच्चाई जानने पर अपने मायके तक में कुछ नहीं बोलती और खून के आँसू पीकर मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं।
ये तो बात रही अंतरजातीय प्रेम-विवाह की, परन्तु जहाँ तक दूसरे धर्म में विवाह की बात है, पिछले कुछ वर्षो से लव-जेहाद चर्चा में है जिसका छद्दम धर्म-निरपेक्ष और तुष्टिकरण पुजारी भाजपा और संघ का हिन्दू-मुस्लिम विरोधी होने के नाम पर बचाव करते रहे, जबकि इन्ही कुछ नेताओं के बच्चे भी इसी लव-जेहाद के शिकार हो चुके हैं। लेकिन तुष्टिकरण पुजारी होने के कारण ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की, जिससे देश की अन्य हिन्दू लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद होने से बच सके। और इस लव-जेहाद की शुरुआत हुई थी 90 के दशक में केरल से। ऐसी घटनाओं की कोई कमी नहीं, बहुत मिलेंगी, जिन्हे आज तक मीडिया में कोई जगह नहीं मिलती।
दूसरे, मैंने ऐसे भी केस देखें हैं, जहाँ लड़की जानबूझ कर आग में कूदती है। मालूम है कि जिसके प्रेमजाल में फंसी हूँ वह शादीशुदा और 2/3 बच्चों का अब्बू है। वह पार्टी कार्यकर्ता की ख़ूबसूरती पर लट्टू होकर अपनी नियाहीत बीबी को छोड़ दिया, तलाक बोलने से पहले ही समस्त मोहल्ला और रिश्तेदारों के बीच मे पड़ने के कारण, तलाक होते-होते रुक गया। जलील अलग किया और जो मुआफज़ा दिया वह ज़कात यानि दान। आज वही व्यक्ति पार्टी के कुछ हिन्दू पदाधिकारियों को उस मांस का सेवन करवाता है, जिसका हिन्दू विरोध करता है। यह सब बातें पार्टी में भी खूब चर्चित हैं। आज उसी सेवा के कारण पार्टी में बड़े सम्मान दिया जाता है। फिर 80 के दशक में हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में मतदान पूर्व ही हिन्दू और मुस्लिम आज़ाद उम्मीदवार फरार। बाद में जो हुआ सर्वविदित है। ऐसी ओछी हरकतों से पार्टियां भी बदनाम होती है।
कश्मीर से लड़कियों को भगाकर बिहार ले गए
बिहार के सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र से जम्मू एवं कश्मीर से कथित तौर पर भगाकर लाई गईं दो सगी बहनों को कश्मीर पुलिस ने सुपौल पुलिस की मदद से बरामद किया है। इस सिलसिले में दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार युवकों का कहना है कि उन्होंने इन लड़कियों से विवाह किया है।पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार(अगस्त 28) को बताया कि सुपौल जिले के रामविशुनपुर गांव निवासी परवेज आलम और तबरेज आलम को कश्मीर से लड़की भगाने के आरोप में बुधवार(अगस्त 27) को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, परवेज और तवरेज दोनों सगे भाई कश्मीर के रामवन में राजमिस्त्री का काम करते थे।वहीं उन्हें सगी बहनों को प्यार हो गया। ये दोनों भाई उन दोनों बहनों को लेकर राघोपुर थाना क्षेत्र के रामविशनपुर स्थित अपने घर ले आए। इस बीच, कश्मीर में लड़की के पिता ने पुलिस थाने में बेटियों को भगा ले जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई।
सुपौल के पुलिस उपाधीक्षक विद्यासागर ने अगस्त 28 को बताया कि मामले की जांच के दौरान कश्मीर पुलिस यहां आई और दोनों लड़कियों को बरामद कर तबरेज और परवेज को गिरफ्तार कर लिया। कश्मीर पुलिस कानूनी कागजी कार्रवाई करने के बाद दोनों गिरफ्तार युवकों को अपने साथ कश्मीर ले गई।
उन्होंने बताया कि आरोपियों का कहना है कि उन्होंने रजामंदी से लड़कियों से विवाह किया है।
ऐसे और भी कई उदाहरण हैं, जहाँ लड़की सच्चाई जानने पर अपने मायके तक में कुछ नहीं बोलती और खून के आँसू पीकर मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं।
ये तो बात रही अंतरजातीय प्रेम-विवाह की, परन्तु जहाँ तक दूसरे धर्म में विवाह की बात है, पिछले कुछ वर्षो से लव-जेहाद चर्चा में है जिसका छद्दम धर्म-निरपेक्ष और तुष्टिकरण पुजारी भाजपा और संघ का हिन्दू-मुस्लिम विरोधी होने के नाम पर बचाव करते रहे, जबकि इन्ही कुछ नेताओं के बच्चे भी इसी लव-जेहाद के शिकार हो चुके हैं। लेकिन तुष्टिकरण पुजारी होने के कारण ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की, जिससे देश की अन्य हिन्दू लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद होने से बच सके। और इस लव-जेहाद की शुरुआत हुई थी 90 के दशक में केरल से। ऐसी घटनाओं की कोई कमी नहीं, बहुत मिलेंगी, जिन्हे आज तक मीडिया में कोई जगह नहीं मिलती।
दूसरे, मैंने ऐसे भी केस देखें हैं, जहाँ लड़की जानबूझ कर आग में कूदती है। मालूम है कि जिसके प्रेमजाल में फंसी हूँ वह शादीशुदा और 2/3 बच्चों का अब्बू है। वह पार्टी कार्यकर्ता की ख़ूबसूरती पर लट्टू होकर अपनी नियाहीत बीबी को छोड़ दिया, तलाक बोलने से पहले ही समस्त मोहल्ला और रिश्तेदारों के बीच मे पड़ने के कारण, तलाक होते-होते रुक गया। जलील अलग किया और जो मुआफज़ा दिया वह ज़कात यानि दान। आज वही व्यक्ति पार्टी के कुछ हिन्दू पदाधिकारियों को उस मांस का सेवन करवाता है, जिसका हिन्दू विरोध करता है। यह सब बातें पार्टी में भी खूब चर्चित हैं। आज उसी सेवा के कारण पार्टी में बड़े सम्मान दिया जाता है। फिर 80 के दशक में हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में मतदान पूर्व ही हिन्दू और मुस्लिम आज़ाद उम्मीदवार फरार। बाद में जो हुआ सर्वविदित है। ऐसी ओछी हरकतों से पार्टियां भी बदनाम होती है।
कश्मीर से लड़कियों को भगाकर बिहार ले गए
कश्मीरी लड़कियों को भगाकर शादी करने के मामले में बिहार के दो युवक गिरफ्तारhttps://t.co/kSax8YcWbE pic.twitter.com/CUTk93S2HU— ABP News (@ABPNews) August 29, 2019
बिहार के सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र से जम्मू एवं कश्मीर से कथित तौर पर भगाकर लाई गईं दो सगी बहनों को कश्मीर पुलिस ने सुपौल पुलिस की मदद से बरामद किया है। इस सिलसिले में दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार युवकों का कहना है कि उन्होंने इन लड़कियों से विवाह किया है।पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार(अगस्त 28) को बताया कि सुपौल जिले के रामविशुनपुर गांव निवासी परवेज आलम और तबरेज आलम को कश्मीर से लड़की भगाने के आरोप में बुधवार(अगस्त 27) को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, परवेज और तवरेज दोनों सगे भाई कश्मीर के रामवन में राजमिस्त्री का काम करते थे।वहीं उन्हें सगी बहनों को प्यार हो गया। ये दोनों भाई उन दोनों बहनों को लेकर राघोपुर थाना क्षेत्र के रामविशनपुर स्थित अपने घर ले आए। इस बीच, कश्मीर में लड़की के पिता ने पुलिस थाने में बेटियों को भगा ले जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई।
सुपौल के पुलिस उपाधीक्षक विद्यासागर ने अगस्त 28 को बताया कि मामले की जांच के दौरान कश्मीर पुलिस यहां आई और दोनों लड़कियों को बरामद कर तबरेज और परवेज को गिरफ्तार कर लिया। कश्मीर पुलिस कानूनी कागजी कार्रवाई करने के बाद दोनों गिरफ्तार युवकों को अपने साथ कश्मीर ले गई।
उन्होंने बताया कि आरोपियों का कहना है कि उन्होंने रजामंदी से लड़कियों से विवाह किया है।
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