पाकिस्तान: हाफिज सईद को गुजराँवाला अदालत ने दोषी ठहराया, ट्रांसफर किया गया मामला

Breaking Newsजम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने अगस्त 6 को ही भारत को कश्मीर को लेकर युद्ध की गीदड़भभकी दी थी। वहीं पाकिस्तान आर्मी ने भी कश्मीर को लेकर हरसंभव कदम उठाने की धमकी थी। अब पाकिस्तान की एक अदालत ने हाफिज सईद को रिहा कर दिया है। पिछले महीने 18 जुलाई को ही पाकिस्तान ने हाफिज को लाहौर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आतंकी गतिविधियों को आर्थिक मदद देने के आरोपों के चलते पाकिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने हाफिज की गिरफ्तारी की थी।
यदि सीमा पार से आने वाली यह खबर सच्ची है, तो डोनाल्ड ट्रम्प को इमरान खान से हाफिज की गिरफ़्तारी के नाटक पर प्रश्न कर, विश्व में पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करना चाहिए। वैसे भी यह पहली बार नहीं है जब हाफिज को गिरफ्तार कर रिहा किया गया हो बल्कि कई बार पहले भी हाफिज के साथ ऐसा हो चुका है। लेकिन ऐसे समय में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने यह बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान में इस समय 40 हजार से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं, ऐसे में हाफिज को जेल से रिहा करना पाकिस्तान के दोगलेपन को उजागर करता है। 
दूसरे चर्चा यह भी है कि हाफिज की गिरफ़्तारी महज अमेरिका और दुनियाँ को गुमराह करने के लिए की गयी थी ताकि अमेरिका से पाकिस्तान को कुछ मदद मिल जाए। उस मकसद पाकिस्तान सफल हो गया। पाकिस्तान द्वारा किसी आतंकवादी सरगना को गिरफ्तार करने का साहस ही नहीं है। जिस दिन पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर हो गया, उसी दिन वहां तख्ता पलट दिया जाएगा। लेकिन भारत में मोदी सरकार ने आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान पर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जख्मों पर नमक छिड़क दिया। उसी तड़पन में आतंकी सरगना को जेल से बाहर कर दिया। 
कई बार हो चुका है गिरफ्तार
हाफिज सईद ही वह सरगना है जो 26/11 मुंबई हमले  का मास्टरमाइंड था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हाफिज को गिरफ्तार कर रिहा करना अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। इससे पहले दिसंबर 2001, मई 2002, अक्‍टूबर 2002, अगस्‍त 2006 में दो बार, दिसंबर 2008, सितंबर 2009, जनवरी 2017 में भी हाफिज को गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका घोषित कर चुका है वांटेड
हाफिज को अमेरिका ने 2014 में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया था। अमेरिकी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनता रहा।लश्कर-ए-तैयबा पर बैन लगने के बाद हाफिज ने अपने संगठन का नाम बदल कर जमात उद दावा और  फलह-ए-इंसानियत रख लिया था। धार्मिक संस्था की आड़ में वो गरीब युवाओं को आतंक की राह पर ले जाता है और आतंक की ट्रेंनिग देकर पाक आर्मी के जरिए कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है।
 Pakistan PM Imran Khan threatens India of Pulwama type attack after scrapping article 370भारत सहित विश्व को पाकिस्तान प्रधानमंत्री की धमकी 
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। उसने भारत सहित दुनिया के देशों को धमकी दी है। अगस्त 6 को अपने पार्लियामेंट के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुले तौर पर धमकी दी कि भारत में पुलवामा जैसा अगर हमला हुआ तो इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं होगा। 
शायद इसी मकसद से हाफिज सईद को जेल से बाहर किया है। 
इमरान खान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के इस फैसले से हालात और गंभीर होंगे और देश में पुलवामा जैसे आतंकवादी हमले हो सकते हैं। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता का अनुरोध उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किया था। इमरान ने कहा, 'कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत बंद है और इसे देखते हुए मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मध्यस्थता करने का अनुरोध किया।'
सूत्रों के अनुसार, सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि यदि अब पाकिस्तान ने पुलवामा और कारगिल जैसी गलती दुबारा की, इसके भयंकर परिणाम भी भुगतने के लिए तैयार रहे। अब हमले की स्थिति में कहीं ऐसा न हो पाकिस्तान सिकुड़कर दिल्ली से छोटा हो जाये या पाकिस्तान ही नक़्शे से न मिट जाए। क्योकि आज परिस्थितियाँ पूर्व में हुए युद्धों के समय से एकदम विपरीप है। जहाँ तक परमाणु की बात है, यह पाकिस्तान ही नहीं, विश्व भी भलीभांति जानता है, परमाणु प्रयोग करते ही, पाकिस्तान आर्थिक संकट की इतनी खाई में चला जाएगा, जहाँ से निकलना पाकिस्तान के लिए जरुरत से ज्यादा कठिन होगा। और उसका जिम्मेदार प्रधानमंत्री इमरान खान, फौज और आईएसआई होगी। दूसरे, अगर युद्ध हुआ और विश्व ने युद्ध बंद करने का दबाव बनाया, उस स्थिति में भारत-पाक सीमा वहां से होगी, पाकिस्तान के अंदर जहाँ तक भारतीय सेना पहुँच चुकी होगी, वह धरती वापस नहीं होगी, बल्कि भारत में सम्मिलित होगी।   
इमरान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले को वह दुनिया के सभी मंच पर उठाएंगे। उन्होंने कहा, 'इस मसले को हम संयुक्त राष्ट्र, दुनिया के देशों सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएंगे। इमरान ने आगे कहा, 'बिश्केक सम्मेलन के बाद मुझे इस बात का अंदेशा हो गया था कि भारत सरकार कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकती है। जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार ने अचानक फैसला नहीं किया बल्कि यह इनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था। भाजपा की विचारधारा आरएसएस के नजरिए पर आधारित है। मोदी सरकार पूरी तरह से अपनी विचारधारा पर चल रही है। कश्मीर अब बहुत गंभीर मसला बन गया है।'
हकीकत यह है कि वाकई "कश्मीर अब बहुत गंभीर मसला बन गया है।" क्योकि कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होते ही सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, भारत में भी कुछ पार्टियों की नींद हराम हो गयी है।  
जम्मू-कश्मीर पर बयान देने से पहले इमरान ने अपने देश की अर्थव्यवस्था और आर्थिक हालात पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार बनने पर सबसे बड़ी चुनौती लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की थी और हमने इसके लिए प्रयास किए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए हम सभी पड़ोसी देशों के पास गए। हम हिंदुस्तान के पास गए और कहा कि आप एक कदम बढ़ाइए हम आपकी तरफ दो कदम आएंगे। मैंने अफगानिस्तान से मतभेद दूर करने और रिश्ते में नया अध्याय जोड़ने की पहल की। मैं ईरान गया उनसे मुद्दों पर बात की। चीन से ताल्लुकात हमारे हमेशा से अच्छे रहे हैं। इनके अलावा मैं अन्य मुल्कों में गया। अमेरिका जाकर उसके साथ रिश्ते अच्छे करने की कोशिश की। हमारी कोशिश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधारने और विकास दर बढ़ाने की रही है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान में निवेश आए ताकि यहां गुरबत खत्म हो सके।'
पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि दोनों देशों के बीच पारंपरिक युद्ध अगर हुआ तो पाकिस्तान के पास दो रास्ते बचेंगे। एक रास्ता होगा कि हम हार मानने के लिए अपने हाथ खड़े कर दें और दूसरा रास्ता होगा कि हम आखिरी खून तक लड़ते रहें। उन्होंने कहा कि दुनिया आज कार्रवाई नहीं करेगी तो भारत और आगे जाएगा।' इमरान ने धमकी भरे लहजे में कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति यदि गंभीर हुई तो उसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं होगा। 
अवलोकन करें:-
About this website

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
एक तरफ भारत में कांग्रेस और कुछ भाजपा विरोधी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A समाप्त होने पर जो विरोधी बातें कर रहे ह...

जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा युक्त केंद्रशासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख विधानसभा रहित केंद्रशासित राज्य होगा। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। अनुच्छेद 370 के समाप्त हो जाने पर अब जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हो सकेगा। अब बाहरी प्रदेश के लोगों को वहां की सरकारी नौकरियां मिल सकेगी और वे अपनी लिए जमीन खरीद सकेंगे। 

No comments: