आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
किसी भी देश के प्रधानमंत्री और सरकार का दायित्व होता है कि अपने देश का आत्मसम्मान बढ़ाए, विश्व सम्मानित निगाह से देखे, उसके नागरिकों को भी विश्व में सम्मान मिले, लेकिन पाकिस्तान और इसके विशिष्ट ही कदम-कदम पर पाकिस्तान को बेइज्जत करने में व्यस्त हैं।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बौखलाया पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ बोलने से नहीं चूक रहा, लेकिन उसे हर जगह मात मिल रही है। जिस किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान ने भारत के कश्मीर का मुद्दा उठाया, उसकी बेइज्जती ही हुई है। हर कदम पर बेइज्जत होने के बावजूद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाया और उसे मुंह की खानी पड़ी। मौका था श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित यूनिसेफ दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन का, जिसका विषय था बच्चों के अधिकार। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने जब कश्मीर का मुद्दा उठाया तो उन्हें फौरन ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कड़ा जवाब दिया और पाकिस्तान में मानवाधिकार, अल्पसंख्यकों की दुर्दशा और ईशनिंदा कानून जैसे मुद्दों पर आईना भी दिखाया। पाकिस्तान को यह जवाब देने वाले थे असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई।
आखिर कब तक पाकिस्तान अपनी बेइज्जती करवाता रहेगा? कब तक अपनी जनता और विश्व को मूर्ख बनाता रहेगा? नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से सिन्ध, पख्तून, बलूच, पंजाब और इतना ही नहीं पाकिस्तान द्वारा हथिआया कश्मीर भी भारत की बड़ी ललचाई निगाह से देख, भारत में विलय की आस में बैठे हैं कि कब पाकिस्तान के अत्याचारों से हमें मुक्ति मिलेगी?
दरअसल, मंच पर एजेंडे से जुड़ी बात करने के बजाय पीएमएल-एन से पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के सदस्य मेहनाज़ अकबर अजीज ने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। अजीज ने कहा कि पिछले एक महीने से कश्मीर में कर्फ्यू की वजह से बच्चों में डर का माहौल है। हम चाहते हैं कि यूनिसेफ इसमें दखल दे, जिससे वहां बच्चों के लिये स्कूल खुल सकें ।
इस पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और भाजपा सांसद संजय जायसवाल सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के दावों का पर एकजुट होकर कड़ा जवाब दिया। गौरव गोगोई ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और पाकिस्तान इसमें दखल न दे। पाकिस्तान पहले खुद के यहां मानवाधिकारों की दुर्दशा से निपट ले।
अवलोकन करें:-
उन्होंने आगे कहा कि भारत में लोकतंत्र ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा, हमें दखल बर्दाश्त नहीं है। पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों पर ध्यान दे, ईशनिंदा कानून से निपटे। भारत अपने लोगों और पक्ष-विपक्ष की बात सुनेगा, बाहरियों की नहीं।
किसी भी देश के प्रधानमंत्री और सरकार का दायित्व होता है कि अपने देश का आत्मसम्मान बढ़ाए, विश्व सम्मानित निगाह से देखे, उसके नागरिकों को भी विश्व में सम्मान मिले, लेकिन पाकिस्तान और इसके विशिष्ट ही कदम-कदम पर पाकिस्तान को बेइज्जत करने में व्यस्त हैं।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बौखलाया पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ बोलने से नहीं चूक रहा, लेकिन उसे हर जगह मात मिल रही है। जिस किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान ने भारत के कश्मीर का मुद्दा उठाया, उसकी बेइज्जती ही हुई है। हर कदम पर बेइज्जत होने के बावजूद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाया और उसे मुंह की खानी पड़ी। मौका था श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित यूनिसेफ दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन का, जिसका विषय था बच्चों के अधिकार। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने जब कश्मीर का मुद्दा उठाया तो उन्हें फौरन ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कड़ा जवाब दिया और पाकिस्तान में मानवाधिकार, अल्पसंख्यकों की दुर्दशा और ईशनिंदा कानून जैसे मुद्दों पर आईना भी दिखाया। पाकिस्तान को यह जवाब देने वाले थे असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई।
आखिर कब तक पाकिस्तान अपनी बेइज्जती करवाता रहेगा? कब तक अपनी जनता और विश्व को मूर्ख बनाता रहेगा? नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से सिन्ध, पख्तून, बलूच, पंजाब और इतना ही नहीं पाकिस्तान द्वारा हथिआया कश्मीर भी भारत की बड़ी ललचाई निगाह से देख, भारत में विलय की आस में बैठे हैं कि कब पाकिस्तान के अत्याचारों से हमें मुक्ति मिलेगी?
Watch: Argument breaks out between Indian and Pak delegates at UNICEF South Asian Parliamentarian Conference on Children Right’s Convention in Colombo after Pak delegate rises Kashmir; India hits back pic.twitter.com/9w7l2p99P7— Sidhant Sibal (@sidhant) September 3, 2019
दरअसल, मंच पर एजेंडे से जुड़ी बात करने के बजाय पीएमएल-एन से पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के सदस्य मेहनाज़ अकबर अजीज ने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। अजीज ने कहा कि पिछले एक महीने से कश्मीर में कर्फ्यू की वजह से बच्चों में डर का माहौल है। हम चाहते हैं कि यूनिसेफ इसमें दखल दे, जिससे वहां बच्चों के लिये स्कूल खुल सकें ।
इस पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और भाजपा सांसद संजय जायसवाल सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के दावों का पर एकजुट होकर कड़ा जवाब दिया। गौरव गोगोई ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और पाकिस्तान इसमें दखल न दे। पाकिस्तान पहले खुद के यहां मानवाधिकारों की दुर्दशा से निपट ले।
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