पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को फंडिंग
उनके दौरे पर भारत के कुछ राजनीतिक दलों ने सवाल खड़े किए थे। सांसदों ने उन दलों के नेताओं का जवाब देते हुए कहा कि उनके दौरे पर विवाद करना गलत है। कश्मीर में वो ज्यादातर लोगों से मिले और वो शांति के साथ विकास चाहते हैं। हमारा मकसद सिर्फ कश्मीर के हालात को जानना था। उन्होंने कहा कि कश्मीर में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है जो केंद्र से पैसा जाता है उसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं होता है।
असदुद्दीन ओवैसी के नाजीवाद समर्थक के आरोपों का जवाब देते हुए सांसदों ने कहा कि अगर वो ऐसा होते तो उनके देश की जनता उन्हें नहीं चुनती। सांसदों ने कहा कि वो लोग हिटलर के समर्थक नहीं हैं। कश्मीर आने का मकसद सिर्फ और सिर्फ वहां के लोगों से मिलने का था। स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद वो इस नतीजे पर पहुंचे हैं लोग आतंकवाद से परेशान हो चुके थे और वो खुली हवा में सांस लेना चाहते थे।
सांसदों ने कहा कि यह पूरी तरह से साफ है कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है जिसे रोकने की जरूरत है। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के नजरिए से वो लोग इत्तेफाक रखते हैं। दुनिया के दूसरे मुल्कों को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग थलग करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो लोग चाहते हैं कि यूरोप के ज्यादा से ज्यादा लोग कश्मीर का दौरा करें और वहां की सही तस्वीर को पेश करें।
सांसदों के समूह में शामिल एक सांसद ने बुधवार को कहा, 'हम, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल, स्थाई शांति और आतंक के खात्मे के प्रयासों में भारत का पूरा समर्थन करते हैं। हमारे स्वागत के लिए हम भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन को धन्यवाद देते हैं।'
इन सांसदों को श्रीनगर एयरपोर्ट से शहर के एक लग्जरी होटल में बुलेट-प्रूफ वाहनों में ले जाया गया। वहीं सुरक्षा का काफिला भी इनके साथ चल रहा था। इनमें से ज्यादात्तर सांसद धुर दक्षिणपंथी पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं। 27 में से केवल तीन सांसद लेफ्ट या लिबरल पार्टी से हैं। ये सब भारत निजी दौरे पर आए हैं।
सांसदों का समूह जब घाटी के दौरे पर था तो बंद के बीच घाटी और शहर के विभिन्न हिस्से में लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने घाटी और जम्मू कश्मीर के अन्य हिस्से में हालात पर शिष्टमंडल को अवगत कराया।
शिष्टमंडल ने एक पांच सितारा होटल में नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और पार्षदों सहित आम लोगों से भी संवाद किया। शहर में सर्दी के बीच कुछ सांसदों ने डल झील में शिकारे का भी आनंद लिया। सांसदों ने सेंटूर होटल के पास नौका विहार किया। इसी होटल में पांच अगस्त के बाद से 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं को रखा गया था।
फ्रांस से यूरोपीय संघ में सांसद वर्जिन जोरोन ने कहा, ‘यह अच्छा दौरा है और हम कश्मीर में स्थिति जानने के लिए आए हैं। यहां जमीनी हालात का अनुभव हुआ और हमें यहां स्थानीय लोगों से बात कर अच्छा लगा।'
ईयू प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद पर बारामूला के उपमेयर आबिद सलाम ने कहा कि विचारों के आदान प्रदान का ‘‘अच्छा मंच'' था और हम कश्मीर में अमन चैन के पक्ष में हैं।
यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने कहा कि उनका दौरा आधिकारिक नहीं है। उन लोगों के विजिट को अलग नजरिए से देखा जा रहा है जो सही नहीं है। उन लोगों को मकसद सिर्फ और सिर्फ 370 हटने के बाद के हालात का जायजा लेना था। स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद उन लोगों की सोच यह बनी है कि जम्मू-कश्मीर का जितना विकास हो सकता था वो नहीं हुआ और उसका असर देखा भी जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि शहर में पूरी तरह बंद है और श्रीनगर तथा घाटी के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कुछ जगह झड़पों में कम से कम चार लोग घायल हो गए। लोगों ने 90 फुट रोड सहित श्रीनगर के कम से कम पांच स्थानों पर सड़क को अवरूद्ध कर दिया। दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और झड़पों के कारण सड़कों से गाड़ियां भी नदारद रहीं। पथराव की भी कुछ घटनाएं हुईं। (एजेंसीज इनपुट्स)
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