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प्रतीकात्मक |
इससे पहले इस मामले के संबंध में एक इटेलियन टीवी प्रोग्राम ली लेने (द हाइनास) ने भी साल 2017 में खुलासा कर बताया था कि रोम की कैथोलिक पाठशाला में पढ़ाने वाले सेमिनेरियन, जो फिलहाल पादरी है ने सेंट पीटर बेसिलिका में सामुदायिक सेवाओं में सहयोग करने वाले किशोरों का यौन शोषण किया था। जानकारी के अनुसार पादरियों पर पर लगे सभी आरोप 1980 और 1990 के समय के हैं जब पीड़ित लड़के 10 या 14 साल की उम्र के थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयोजन में शामिल एक लड़के ने एक पादरी पर इल्जाम लगाते हुए आपबीती सुनाई। लड़के ने बताया, “स्कूल में कम्यूनल शॉवर का प्रबंधन करने वालों में से एक पादरी ने पहले मुझे अपनी गोद में बिठाया और फिर मेरे प्राइवेट पार्ट को छूने लगा। धीरे-धीरे पादरी मेरे कपड़े उतारने की कोशिश करने लगा और मैं उसे दूर हटाने का प्रयास करता रहा। तब मैं केवल 13 साल का था। मैं जमीन पर गिर गया और उससे पूछा कि ये आप क्या कर रहे हैं? इसके बाद मैं उठा और वहाँ से भाग गया।”
इसके बाद दूसरे पीड़ित लड़के के मुताबिक उसका उत्पीड़न कासा सांता मारता में हुआ था, जहाँ बहुत से पादरी रहते थे। पीड़ित के मुताबिक उसे एक पादरी ने यूथ पाठशाला के दौरान पकड़ लिया था। उस समय वो करीब 10 साल का था। इसके बाद पादरी ने उसे सीढ़ियों के ऊपर अपने कमरे में जाने को कहा और वहाँ उसके साथ छेड़खानी करने लगा। लड़के के अनुसार, “पादरी ने कमरे में पहले मुझे अपनी जाँघों पर बिठाया और मेरी जाँघों पर हाथ फेरने शुरू कर दिए। इसके बाद उसने अपना हाथ मेरे प्राइवेट पार्ट पर रख दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद मेरे बार-बार विरोध करने पर उसे रुकना पड़ा।”
जानकारी के अनुसार आज इन पीड़ितों की उम्र 37-40 के बीच की है और अब ये खुलकर सार्वजनिक पटल पर आकर अपनी आपबीती दुनिया को सुना रहे हैं। दो पीड़ितों की तरह तीसरे ने भी एक पादरी पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं, लेकिन उसने अपने साथ हुई घटना को विस्तार से बताने से मना कर दिया। इसके अलावा एक चौथा लड़का भी है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि उसने इन लड़कों से भी बुरा यौन उत्पीड़न झेला। लेकिन बोलने को तैयार नहीं हुआ। यहाँ बता दें कि यौन शोषण के आरोप के अलावा कई लोगों ने दावा किया है कि वे इनमें से कई उत्पीड़नों के चश्मदीद हैं।
बीते कुछ समय से वेटिकन चर्च ऐसी खबरों को लेकर कई बार चर्चाओं में आ चुका है। पिछले साल कार्डिनल जियॉर्ज पेल को 1990 के दशक में 2 लड़कों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 6 साल की सजा मुकर्रर की गई थी। इसी साल जनवरी में वेटिकन चर्च और पोप फ्रांसिस को तब बेहद शर्मिंदा होना पड़ा था, जब हरमैन गेस्लर नामक पादरी को उन्होंने यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों की सुनवाई करने के लिए नियुक्त किया था। लेकिन वह खुद ऐसे मामलों में लिप्त था। इसके कारण उसे दो महीने में ही अपना पद छोड़ना पड़ा।
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