
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक कहावत है "चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाए", कांग्रेस पर शत-प्रतिशत चरितार्थ होती है। केन्द्र में शासित रहते हुए भी क्रान्तिकारियों को आतंकवादी कहने का दुस्साहस करने के साथ-साथ "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम से हिन्दुओं को अपमानित करती रही। और अब मध्य प्रदेश में 15 वर्ष बाद वापस आने पर फिर क्रांतिकारियों को आतंकवादियों से तुलना करने का दुस्साहस किया है। आखिर किस दबाव में कांग्रेस क्रांतिकारियों की तुलना आतंकवादियों से करती है? अगर क्रन्तिकारी आतंकवादी थे, फिर क्यों स्वतन्त्रता और गणतन्त्र दिवस मनाकर जनता को भ्रमित करती है? कांग्रेसियों को नहीं मालूम की आज महापौर से लेकर राष्ट्रपति भी क्रांतिकारियों की क़ुरबानी के कारण बनते हैं। आज हर भारतवासी इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है, इन क्रांतिकारियों की क़ुरबानी के कारण। जिन्होंने देश की खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। लगता है कांग्रेस में शर्म नाम की कोई चीज नहीं।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी मे परीक्षा के दौरान राजनीति शास्त्र के प्रश्न पत्र में क्रांतिकारियों की तुलना आतंकवादियो से किए जाने का शर्मनाक वाकया सामने आया है। सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिसके बाद इसपर प्रदेश के शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने खुद संज्ञान लिया है और विश्वविद्यालय से सवाल पूछा गया है कि इसे पूछे जाने के पीछे आखिर क्या उद्देश्य था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा ये व्यवस्था बेहद गोपनीय होती है। ऐसा सवाल कैसे पूछा गया? इसके पीछे किसी का षडयंत्र था और उनकी क्या व्यवस्था थी। इन सब पर जाँच की जा रही है। साथ ही शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि, क्योंकि ये मामला विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए इसकी बेहद सतर्कता के साथ जाँच होगी।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पूरे मामले के मद्देनजर प्रमुख सचिव को अपने निवास पर बुलाया। साथ ही मामले को लेकर 3 सदस्यीय जाँच कमेटी भी गठित की गई। अब ये जाँच कमेटी 3 दिन के भीतर पूरे मामले की जाँच रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी।
रिपोर्ट आने के बाद मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा। उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। जीतू पटवारी के मुताबिक ये मात्र एक चूक नहीं है, बल्कि बहुत बड़ी गलती है। इसलिए जो भी दोषी होगा उसको बख्शा नहीं जाएगा। सख्त कार्रवाई होगी ताकि आगे विश्वविद्यालयों में इस तरह की चूक ना हो।
यह प्रश्न कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन क्षेत्र गुना के सरकारी कॉलेज में एमए राजनीति शास्त्र की 20 दिसंबर को हुई परीक्षा के दौरान पूछा गया था। जिसके प्रकाश में आने के बाद न सिर्फ छात्र संगठन बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करने शुरु कर दिए।
यह शर्मनाक भी है और दुःखदायी भी!— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 27, 2019
जिनके बलिदान के कारण हम खुली हवा में साँस ले पा रहे हैं, उन्हें कोई कैसे आतंकवादी कह सकता है?
मध्यप्रदेश सरकार से मेरी मांग है कि तुरंत ऐसे गैरज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। #MP_मांगे_जवाब https://t.co/Wcs8WuhRWb
इस मामले पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर गैरजिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। शिवराज सिंह चौहान ने भी इस घटना को शर्मनाक और दुखदायी बताते हुए कहा, “जिनके बलिदान के कारण हम खुली हवा में साँस ले पा रहे हैं, उन्हें कोई कैसे आंतकवादी कह सकता है। मध्य प्रदेश सरकार से मेरी माँग है कि तुरंत ऐसे गैरजिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।”
वहीं, प्रदेश में कॉन्ग्रेस सरकार होने के बाद भी कॉन्ग्रेस के उपाध्यक्ष ने इस घटना पर कहा– “प्रदेश के शिक्षा संस्थानों में संघी मानसिकता के लोग घुस गए हैं। इसीलिए इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय में पेपर किसने सेट किया, इसकी जाँच कराएँगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
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