फ‍िल्‍मकार डेनियल श्रवण का शर्मनाक बयान, लड़कियों के पास हो कंडोम और सरकार रेप को करे लीगल तो नहीं होगी हत्‍या

Daniel Shravan
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 
एक तरफ पूरा देश हैदराबाद में डॉ रेड्डी संग हुए बलात्‍कार और हत्‍या पर आक्रोश में है, वहीं दूसरी तरफ एक फ‍िल्‍मकार ने शर्मनाक और बेहूदा बयान देकर मानसिक विकलांगता का परिचय दिया है। फ‍िल्‍ममेकर डेनियल श्रवण ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट लिखकर रेप को लीगल करने की मांग की है, ताकि पीड़ित की हत्‍या ना हो। 
लगता है डेनियल का मानसिक संतुलन ठीक नहीं, अन्यथा इतनी बेशर्मी की बात करने का साहस नहीं कर पाते। लोगों का यह भी कहना है कि शायद डेनियल के परिवार की महिलाओं को ऐसी ही आदत है। 
क्या अच्छा होता, एक फ़िल्मकार होने के नाते बॉलीवुड द्वारा निर्मित उन साहसिक फिल्मों को बंद बॉक्सों से निकाल दूरदर्शन अन्य सिनेमा घरों में पुनः प्रदर्शित की बात कही होती। 
ज्ञात हो, 70 के दशक में भारत की प्रथम सेक्स शिक्षा पर आधारित निर्माता-निर्देशक बी.के.आदर्श की फिल्म "गुप्त ज्ञान" प्रदर्शित हुई थी। जिसे सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था, लेकिन तत्कालीन दूरगामी राजनेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर आदि के अथक प्रयासों के कारण कुछ 'कट' उपरांत सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पारित किया। निर्माता ने फिल्म प्रारम्भ होने से पूर्व उन सभी 50-60 महानुभावों के नाम देकर आभार व्यक्त किया है। जानते हैं उस फिल्म का जनजीवन पर कितना प्रभाव पड़ा था, फिल्म देखने उपरांत, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के पास बाग़ सुने, भारत के वेश्या बाज़ारों में उल्लू बोलने लगे थे। इतना ही नहीं, पति-पत्नी तक ने सेक्स के मामले में दूरी बना ली थी। फिल्म देखने युवा-युवती जोड़े हँसते हुए जाते थे, लेकिन मुंह लटकाते हुए बाहर निकलते थे। 
यह वह फिल्म थी जिसका दिल्ली के शीला सिनेमा में दोपहर का शो केवल महिलाओं के लिए होता था। महिला कॉलेजों में स्पेशल शो आयोजित किये जाते थे। परन्तु जब से फिल्मों में पश्चिमी सभ्यता का बोलबाला हावी हुआ, फिल्मों से भारतीय सभ्यता नदारत हो गयी।   
इतना ही नहीं, डेनियल ने बड़ी बेशर्मी से लड़कियों को भी नसीहत दे डाली है।
डेनिएल जैसे निर्माताओं ने औरत को मात्र एक भोग की वस्तु समझ अपनी नादानी ही बल्कि तुछ संस्कारों का परिचय दिया है। इन्ही जैसे लोगों ने औरत को बाजारू समझ रखा है। 60 के दशक में देव आनंद और साधना अभिनीत चर्चित फिल्म "हम दोनों" का एक गीत आज भी चर्चित है "औरत ने जन्म दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाजार किया", लगता है वह गीत डेनियल जैसे ओछे फिल्मकारों पर सटीक बैठता है। इस फ़िल्मकार को शायद औरत की शक्ति का अहसास नहीं।   
पोस्‍ट में उसने लिखा है कि लड़कियां पुरुषों की sexual desires के लिए मना नहीं कर सकती हैं, ऐसे में 18 साल से उम्र की लड़कियां अपने साथ condoms and dental dams साथ लेकर चलें। डेनियल की बेहूदा सलाह है कि कोई रेप करना चाहे तो condoms and dental dams का इस्‍तेमाल करें, जब रेप करने वाले की sexual desires पूरी हो जाएगी तो वह मारेगा नहीं। 
अपनी इस गंदी मानसिकता से डेनियल सरकार को भी नसीहत देने लगे। उसने लिखा है- सरकार को रेप के बाद होने वाली हत्‍याएं रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। रेप के दौरान पुरुष की sexual desires पूरी नहीं होती है, इसलिए वह हत्‍या जैसी घटना को अंजाम देता है। बेहतर है सरकार को Rape Without Violence Scheme लानी चाहिए।  
अपने कुतर्कों को सही ठहराने के लिए उसने वीरप्‍पन का उदाहरण दिया कि उसे मारने के बाद अपरहण, हत्‍या और काले धंधे कहा रुके। निर्भया रेप कांड के बाद भी रेप की घटनाएं नहीं रुकीं। डेनियल ने बाद में यह पोस्‍ट हटा दिया, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गुस्‍सा भर गया।
 
बॉलीवुड अदाकारा कुब्रा सैत ने लिखा कि कौन है ये डेनियल श्रवण, इसे तुरंत इलाज की जरूरत है। वहीं कई यूजर्स ने गुस्‍से में डेनियल को पागल करार दिया।

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