मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा कोलाहल नियंत्रण कानून का हवाला देकर आष्टा के प्राचीन शिव मंदिर से लाउडस्पीकर हटवाने का आदेश आने के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया। भाजपा नेताओं ने कमलनाथ सरकार पर धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया। साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कॉन्ग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर अकॉउंट पर लिखा, “शर्मनाक तुष्टीकरण! कमलनाथजी, कोलाहल नियंत्रण के नाम पर मंदिर से स्पीकर हटाने का जो आदेश जारी हुआ है, क्या रात्रि 10 से सुबह 6 के बीच स्पीकर का उपयोग करने वाले दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी आप यह लागू करवा पाएँगे? प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए या नहीं?
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने रामचरित मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए कमलनाथ सरकार को चेताया। उन्होंने लिखा, “चलत बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई। कॉन्ग्रेस सरकार ने मंदिर से लाउडस्पीकर जब्त करने का आदेश दिया है! हम भी देखते हैं उस मंदिर से कोई कैसे लाउडस्पीकर जब्त करता है!”
शिवराज सिंह चौहान से पहले प्रदेश में भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने भी ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला था। उनके बाद ही शिवराज सिंह चौहान की टिप्पणी आई।
लोकेंद्र ने कमलनाथ सरकार के इस फैसले को तुष्टिकरण की हद बताते हुए लिखा था, “सुनो कमलनाथजी! यदि कोलाहल नियंत्रण कानून है तो वह केवल मंदिरों के लिए नहीं हो सकता। आपके जीवन में यदि कोई पारदर्शिता बची है तो रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक इसे सभी के ऊपर लागू कराइए, वरना न आष्टा के मंदिर से स्पीकर हटेंगे, न किसी मंदिर से। पराकाष्ठा है तुष्टीकरण की।”
अपने ट्वीट में लोकेंद्र ने सीहोर जिले के आष्टा की हिंदू उत्सव समिति का एक खत भी शेयर किया। इस पत्र में सीएम को संबोधित करते हुए प्राचीन शिव मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश का जिक्र करते हुए कहा गया कि प्रशासन ने आष्टा के पंडित हेमंत गिरि और समिति को तहसील कार्यालय बुलाकर चेतावनी दी है कि मंदिर में लाउडस्पीकर नहीं बजेगा अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाएगा।
इस खत में बताया गया स्थानीय प्राचीन शंकर मंदिर रामायण काल से स्थापित है। मंदिर में भोर के समय भस्म आरती होती है। ऐसे में आदेश की वजह से लाउडस्पीकर नहीं बज पाएगा और धार्मिक भावनाएँ आहत हो सकती हैं।
प्रदेश भाजपा ने शासनादेश की एक कॉपी को शेयर किया है। जिसमें मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण एक्ट के तहत ध्वनि प्रसारण यंत्रों को एक निश्चित अवधि के दौरान ही बजाने की बात कही गई है। सभी पुलिस अधीक्षकों को संबोधित इस आदेश में प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। वहीं नियमों के उल्लंघन की सूरत में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर अकॉउंट पर लिखा, “शर्मनाक तुष्टीकरण! कमलनाथजी, कोलाहल नियंत्रण के नाम पर मंदिर से स्पीकर हटाने का जो आदेश जारी हुआ है, क्या रात्रि 10 से सुबह 6 के बीच स्पीकर का उपयोग करने वाले दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी आप यह लागू करवा पाएँगे? प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए या नहीं?
चलत बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई॥— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 28, 2020
कांग्रेस सरकार ने मंदिर से लाउडस्पीकर ज़ब्त करने का आदेश दिया है!
हम भी देखते हैं उस मंदिर से कोई कैसे लाउडस्पीकर ज़ब्त करता है! https://t.co/ycU1qxYzmX
”सुनो @OfficeOfKNath जी!— Lokendra Parashar (@LokendraParasar) January 28, 2020
यदि कोलाहल नियंत्रण कानून है तो वह केवल मंदिरों के लिए नहीं हो सकता
आपके जीवन में यदि कोई पारदर्शिता बची है तो रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक इसे सभी के ऊपर लागू कराइए
वरना न आष्टा के मंदिर से स्पीकर हटेंगे,न किसी मंदिर से
पराकाष्ठा है तुष्टीकरण की @BJP4MP pic.twitter.com/f5rHacsGjl
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने रामचरित मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए कमलनाथ सरकार को चेताया। उन्होंने लिखा, “चलत बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई। कॉन्ग्रेस सरकार ने मंदिर से लाउडस्पीकर जब्त करने का आदेश दिया है! हम भी देखते हैं उस मंदिर से कोई कैसे लाउडस्पीकर जब्त करता है!”
शिवराज सिंह चौहान से पहले प्रदेश में भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने भी ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला था। उनके बाद ही शिवराज सिंह चौहान की टिप्पणी आई।
हिन्दू उत्सव समिति द्वारा लिखे पत्र |
अपने ट्वीट में लोकेंद्र ने सीहोर जिले के आष्टा की हिंदू उत्सव समिति का एक खत भी शेयर किया। इस पत्र में सीएम को संबोधित करते हुए प्राचीन शिव मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश का जिक्र करते हुए कहा गया कि प्रशासन ने आष्टा के पंडित हेमंत गिरि और समिति को तहसील कार्यालय बुलाकर चेतावनी दी है कि मंदिर में लाउडस्पीकर नहीं बजेगा अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाएगा।
इस खत में बताया गया स्थानीय प्राचीन शंकर मंदिर रामायण काल से स्थापित है। मंदिर में भोर के समय भस्म आरती होती है। ऐसे में आदेश की वजह से लाउडस्पीकर नहीं बज पाएगा और धार्मिक भावनाएँ आहत हो सकती हैं।
प्रदेश भाजपा ने शासनादेश की एक कॉपी को शेयर किया है। जिसमें मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण एक्ट के तहत ध्वनि प्रसारण यंत्रों को एक निश्चित अवधि के दौरान ही बजाने की बात कही गई है। सभी पुलिस अधीक्षकों को संबोधित इस आदेश में प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। वहीं नियमों के उल्लंघन की सूरत में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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