
ख़ुद शिवसेना नेताओं ने भी स्वीकारा है कि गठबंधन में मंत्रियों को विभाग आवंटन के मुद्दे पर खींचतान चल रही है। महाराष्ट्र में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 36 नए मंत्री बनाए गए थे, जिसके बाद से ही तीनों दलों में कई नेताओं के नाराज़ होने का दौर जारी है। एक ख़बर में बताया था कि कांग्रेस के अधिकतर विधायक ग्रामीण इलाक़ों से जीत कर आए हैं। ऐसे में, पार्टी को सहकारिता, कृषि और ग्रामीण सम्बन्धी एक भी विभाग न मिलना पार्टी नेताओं के बीच नाराज़गी की वजह बन रही है।
Yashwantrao Gadakh, Congress in Newasa: If your (Congress & NCP) ministers will keep on hampering the working of the government over issues such as allotment of bungalows and portfolios, CM Uddhav Thackeray will be forced to submit his resignation. #Maharashtra (12.01.20) pic.twitter.com/Mt696jaTjk— ANI (@ANI) January 13, 2020
कुछ दिनों पहले पुणे के कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही पार्टी के दफ्तर में जम कर तोड़फोड़ मचाई थी। वहीं शिवसेना के नाराज़ विधायकों की संख्या भी एक दर्जन के क़रीब बताई जा रही है। कई मंत्री इसीलिए भी परेशान हैं कि उन्हें मलाईदार मंत्रालय नहीं दिए गए। रामदास कदम, रवींद्र वायकर, शिवसेना नेता दिवाकर रावते और दीपक केसरकर पिछली राजग सरकार में मंत्री थे और इस बार उन्हें किनारे कर दिया गया है।
अवलोकन करें:-
सारे मलाईदार मंत्रालय शरद पवार की पार्टी के पास चले गए हैं, ऐसे में कांग्रेस और शिवसेना नेताओं में नाराज़गी का कारण स्पष्ट है। कुछ विधायक मंत्रिमंडल विस्तार में परिवारवाद को बढ़ावा दिए जाने के कारण भी नाराज़ हैं। इन्हीं कारणों से कांग्रेस नेता यशवंतराव ने कहा कि उद्धव ठाकरे क्रोधित होकर इस्तीफा दे सकते हैं।
No comments:
Post a Comment