दिल्ली दंगा : हिन्दुओं को बदनाम करने में जुटी कांग्रेस, मुसलमान दंगाई को बताया हिंदू


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं की हिन्दू विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए की आड़ में उपद्रवी जमकर हिंसा कर रहे हैं। तोड़फोड़ और आगजनी के साथ कई लोगों की हत्या भी हुई है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान कर ली है। पुलिस ने कहा है कि शाहरुख नाम के युवक ने नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन के दौरान फायरिंग की थी। पुलिस ने शाहरुख को हिरासत में ले लिया है। साफ है पुलिस पर फायरिंग करने वाले इस व्यक्ति का नाम शाहरुख है और वह मुस्लिम है, लेकिन कांग्रेस ने लोगों को गुमराह करते हुए शाहरुख को हिन्दू बताते हुए इसे भगवा आतंकवाद का रंग देने की कोशिश की। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस सेवा दल ने मुस्लिम उपद्रवियों को हिन्दू बताते हुए कहा कि देश को गोधरा बनाने की शुरुआत हो चुकी है।
जेएनयू में जब देश विरोधी नारे लगते हैं, तब कांग्रेस अराजकता फ़ैलाने वाले के साथ खड़ी हो जाती है। नागरिकता संशोधक कानून में हिन्दू विरोधी नारे लगते हैं, किसी की आवाज़ नहीं निकली, किसी ने मौलानाओं के जहरीले भाषणों का कभी विरोध नहीं किया, लेकिन कपिल मिश्रा द्वारा ईंट का जवाब पत्थर से देने पर सबकी आवाज़ें निकलनी शुरू हो गयी, क्या इसी का नाम समाजवाद है?
हिन्दू आतंकवाद थ्योरी पैदा करने के लिए मुंबई हमले को दिया गया था अंजाम
क्या हिन्दू आतंकवाद थ्योरी पर मुहर लगाने के लिए मुंबई हमले को अंजाम दिया गया? क्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 मुंबई हमले के जरिए हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी पैदा करने की कोशिश की थी? इस तरह के कई सनसनीखेज खुलासे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब Let Me Say It Now में किए गए हैं। किताब में मुंबई आतंकी हमले में एकमात्र जिंदा गिरफ्तार किए गए आतंकी अजमल कसाब को लेकर भी कई खुलासे किए गए हैं। किताब में दावा किया गया है कि आईएसआई ने हमले को हिन्दू आतंकवाद का जामा पहनाने की कोशिश की थी। हमलावरों को हिन्दू साबित करने के लिए फर्जी आईकार्ड दिए गए थे। हाथ में कलावा बांधे कसाब के आईकार्ड पर समीर चौधरी लिखा हुआ था।नवभारत टाइम्स के अनुसार आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा गिरफ्तार कसाब को किसी भी हाल में रास्ते से हटाने की फिराक में थे, क्योंकि कसाब मुंबई हमले का सबसे बड़ा और एकलौता सबूत था। इस खुलासे के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुम्बई हमला मामले में फिर से जांच की मांग करते हुए कहा है कि 26/11 का मुंबई आतंकी हमला यूपीए और आईएसआई का ज्वाइंट ऑपरेशन था। जिसका मकसद आरएसएस को बैन करना और हिन्दुत्व को आतंकवाद से जोड़ना था।



कांग्रेस के डीएनए में है हिन्दू विरोध
हिन्दू विरोध की भावना कांग्रेस के डीएनए में है। 17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’ अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है। ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस हमेशा ही देश की 20 करोड़ की आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही है।

मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिन्दू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। हिन्दू धर्म में आस्था और जनेऊधारी हिंदू बनने का ढोंग करने वाले राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम, अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि स्थल सभी को कठघरे में खड़ा कर दिया। मस्जिद और मुसलमानों के प्रेम में डूबे अय्यर ने कहा कि राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बताना बड़ा ही मुश्किल है। इसलिए ये दावा करना कि राम वहीं पैदा हुए थे, यह ठीक नहीं है।

गांधी परिवार की हिन्दू विरोधी साजिश
आज़ादी के बाद से ही नेहरू गांधी ख़ानदान ने हिंदुओं को नीचा दिखाने और उनका मनोबल तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसकी शुरुआत आज़ादी के बाद से ही हो गई थी। लेकिन जब नेहरू के हिन्दू विरोधी काम पर अंकुश लगाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं रहे तो नेहरू पूरी बेशर्मी से इस काम में जुट गए।

इंग्लिश अखबार ‘द हिंदू’ के मौजूदा संपादक एन. राम के पिता कस्तूरी ने तब ‘द हिंदू’ का संपादक रहते हुए लेख छापा था। मौजूदा तेलंगाना के सिकंदराबाद के के. सुब्रह्मण्यम के इस लेख में आजाद भारत में हिन्दू और उनकी आस्था से हो रहे खिलवाड़ और सरकार की अल्पसंख्यकपरस्त नीतियों का खुलासा किया गया था।
के. सुब्रह्मण्यम हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ते देखकर ही परेशान नहीं हुए। उन्होंने ये भी देखा की नेहरू सरकार बेशर्मी से दूसरे धर्मों को हिंदू धर्म से श्रेष्ठ बताने की कोशिश कर रही है। के. सुब्रह्मण्यम ने अंबेडकर की तुलना में अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, बीएन राव जैसे दूसरे हिन्दू संविधान निर्माताओं को कम महत्व देने के लिए नेहरू को जिम्मेदार माना था। के. सुब्रह्मण्यम इस बात से भी दुखी थे कि वेद और हिन्दू धर्मग्रन्थों का अनुवाद करने वाले अग्रेज़ मैक्सम्यूलर का भी सरकार गुणगान करती है। जबकि वो इनके ज़रिए हिंदुओं को पिछड़ा और ईसाई धर्म की सर्वोच्चता स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सरकार हिंदुओं का अहित और अल्पसंख्यकों को बढ़ावा दे रही है। अग्रेज़ तो चले गए लेकिन हमारी सरकार अब भी उनकी नीतियों पर ही चल रही है। 
नेहरू ने किया था सोमनाथ मन्दिर का विरोध 
आजादी के बाद जब बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो महात्मा गांधी ने इसका स्वागत किया, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर गए तो नेहरू ने न केवल उन्हें जाने से मना किया और विरोध भी दर्ज कराया।

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में हिन्दू शब्द पर आपत्ति 
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू शब्द रखने पर जवाहर लाल नेहरू को घोर आपत्ति थी, उन्होंने इस शब्द को हटाने के लिए कहा था। पंडित मदन मोहन मालवीय पर भी नेहरू ने यूनिवर्सिटी से हिंदू शब्द हटाने के लिये दबाव डाला था। हालांकि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुस्लिम शब्द रखने पर कभी आपत्ति नहीं जताई। वैसे कई बार बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से हिन्दू हटाने के प्रयास किये गए, लेकिन अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जब मुस्लिम शब्द निकालने पर विवाद को विराम दे दिया जाता था।  

वन्दे मातरम पर आपत्ति  
वंदे मातरम को राष्ट्रगीत बनाने पर जवाहर लाल नेहरू ने आपत्ति जताई थी। उन्हीं की आपत्ति के बाद मुस्लिमों का मनोबल बढ़ा, जिससे आज तक मुस्लिम वंदे मातरम गाने का विरोध करते हैं।
अवलोकन करें:-
Students of Jamia द्वारा इस तरह की पोस्ट पर हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई भाई-भाई, गंगा-यमुना तहजीब की राग रागने वाले, संविधान और लोकतन्त्र की दुहाई देने वाले, #not in my name, #award vapsi और #intolerance गैंग क्यों चुप हैं? क्या जब दूसरी तरफ से प्रतिक्रिया होने पर होश में आएंगे?

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मौजपुर में गोलीबारी करने वाला निकला शाहरुख़ दिल्ली करीब ढाई महीने से शाहीन बाग़ में चल रहे नागरिकता कानून विरोध (CAA) ....
नागा साधुओं के खून से पार्लियामेंट स्ट्रीट लाल कर दी थी 
7 नवंबर, 1966 को दिल्ली में हजारों नागा साधु इकट्ठा होकर ये मांग कर रहे थे कि – गाय की हत्या बंद होनी चाहिए, इंदिरा गांधी किसी भी कीमत पर गौ हत्या बंद करने के मूड में नहीं थी। फिर क्या था, दिल्ली में ही इंदिरा गांधी ने जालियावाला कांड दोहराया और जनरल डायर की तरह हजारों नागा साधुओं के ऊपर गोलियां चलवा दीं। इस गोलीबारी में 6 साधु की मौत हो गई, यही नहीं उस समय गौभक्त माने जाने वाले गुलजारी लाल नंदा को इंदिरा ने गृहमंत्री पद से हटा दिया। इस घटना के बाद इंदिरा गांधी कई राज्यों में चुनाव हार गई थीं।

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