आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
सरकार के किसी भी निर्णय का विरोध करना कोई गलत बात नहीं, करना भी चाहिए, लेकिन विरोध का कोई आधार होना चाहिए। परन्तु जब बेसिर पैर का विरोध किया जाता है, स्थिति में ऐसे लोगों को अराजक तत्व के नाम से जाना जाता है, जैसाकि आज कल देखा जा रहा है। धरने पर अथवा प्रदर्शन में शामिल होने किसी पुरुष अथवा महिला से पूछो,"क्या आपने कानून पढ़ा है? 99% का जवाब नहीं में मिलेगा, इतना ही नहीं अधिकांश ठीक तरह से अपना नाम भी लिखने में असमर्थ मिलेंगे। हकीकत यह है कि इस नागरिकता संशोधक कानून ने हिन्दू-मुसलमान की सियासत करने वालों की चूलें हिला कर रख दी हैं।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वामपंथियों और कुछ मुस्लिम संगठनों का गठजोड़ देश का माहौल बिगाड़ने में लगा है। यह गठजोड़ पूरे देश में मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। काल्पनिक और तथ्यहीन तर्क देकर मुसलमानों में डर पैदा कर रहा है। इसका स्पष्ट प्रमाण शनिवार को लखनऊ में आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ के दौरान देखने को मिला। वामपंथी अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर जो तर्क पेश किया, उसे सुनकर कोई भी कह सकता है कि वामपंथी मुसलमानों को भड़काने के लिए किस तरह अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध ने इस देश के लेफ्ट लिबरल्स को जितनी तेजी से सस्ती लोकप्रियता दी है, उस स्ट्राइक रेट से आजादी के बाद इस देश में किसी को शायद ही लोकप्रियता मिली हो। लेकिन इस घटना ने ब्रह्माण्ड के सारे पिछले दावों को झुठला दिया है और देवलोक में देवताओं के सिंहासन हिलने लगे हैं। कारण बताया जा रहा है कि नागरिकता कानून के बहाने स्वरा भास्कर, कुणाल कामरा और अनुराग कश्यप जैसों को बेरोजगारी में जिस रफ़्तार से अटेंशन और सस्ती लोक्रप्रियता मिलती जा रही है, वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की लोकप्रियता के ग्राफ को सीधी चुनौती दे रहा है।
सीएए का विरोध करने वाली फ़िल्म अभिनेत्रियों की बात की जाए तो सबसे पहला नाम स्वरा भास्कर का आता है, जिन्हें देखकर लगता है कि वह आज कल फ़िल्मों में मिलने वाली रोल की तरह ही सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों का किरदार अदा कर रही हैं वह भी मुख्य भूमिका में, लेकिन एक समाचार चैनल में सीएए एनआरसी को लेकर हो रही चर्चा में एंकर ने स्वरा से बस एक सवाल पूछ लिया कि क्या आपने इसे कभी पढ़ा है? जिसका स्वरा कुछ जवाब नहीं दे सकीं। इसके बाद ट्वीटर पर आई इस वीडियो के जवाब में ट्विटर यूजरों ने स्वरा को अपने निशाने पर ले लिया और अपने-अपने अंदाज में जमकर लताड़ लगाई।
हिंदुस्तान पेपर और ABP समाचार चैनल के संयुक्त प्रयास से बीते दिन ‘शिखर समागम’ का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें आयोजित एक सत्र में CAA, NRC, NPR विषय पर चर्चा हो रही थी। मंच पर एंकर रुबिका लियाकत के साथ गेस्ट पैनल में दो अन्य गेस्टों के साथ विषय पर चर्चा करने के लिए फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी मौजूद थीं। चर्चा के दौरान रुबिका ने स्वरा से एक के बाद एक कई सवाल किए- NRC का draft कहाँ है?,
बस आपको हवा-हवाई बातें करनी हैं, Vote देने जाएँगी कागज़ दिखाएँगी, और नारे लगवाएँगी कागज़ नहीं दिखाएँगे, मैडम आपने CAA एक्ट पढ़ा है? मुझे यकीन था आपने एक्ट नहीं पढ़ा होगा। आप मुसलमानों को डरा रही हैं।
रुबिका के एक साथ इतने सवाल सुनकर स्वरा से कोई जवाब नहीं बना और बोली कि एक मिनट मैडम एक मिनट, ऐसा नहीं है, मैंने जरूरी बिंदू पढ़े हैं, देखिए मैडम ये आपकी आडियंस है वगैरह-वगैरह। इसके बाद ट्विटर पर आई वीडियो पर लोगों ने जो प्रतिक्रियाएँ दी। अब जरा आप उन्हें भी देख लीजिए।
स्वरा से जब सवाल किया गया कि क्या उन्होंने सीएए का पूरा ड्राफ्ट पढ़ा है तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने इसके कुछ हिस्से को पढ़ा है। उसके बाद रुबिका ने मंच से ही सीएए का ड्राफ्ट पढना शुरू कर दिया और स्वरा से पूछा कि इस ड्राफ्ट में कहाँ भारतीय माइनोरिटीज का जिक्र है तो स्वरा कोई जवाब नहीं दे सकी। उसके बाद रुबिका ने कहा जो बच्चा पैदा नहीं हुआ, उसका मुंडन क्यों करा रही हैं? तब वहां मौजूद दर्शकों ने तालियाँ बजानी शुरू कर दी और स्वरा ने चिढ कर दर्शकों को भी भाड़े का बता दिया।
जब रूबिका लियाकत ने भारत में पहला डिटेंशन सेंटर कब बना और देश में कितने डिटेंशन सेंटर है ? तो स्वरा भास्कर ने सीधे तौर पर सवाल का जवाब देने के बजाय गलत तर्क देकर अपनी बात पर अड़ी रही।
स्वरा भास्कर से सवाल पूछा गया कि जब 2010 में यूपीए के समय एनआरसी और एनपीआर को लेकर अहम फ़ैसले लिए गए थे, तब उन्हें दिक्कत क्यों नहीं हुई? स्वरा भास्कर ने इसके बाद अपने गणितीय ज्ञान का परिचय दिया, उन्होंने कहा कि 2010 में तो मैं 15 साल की थी। जो सोशल मीडिया के लिए मजाक का विषय-वस्तु बना।
अवलोकन करें:-
सरकार के किसी भी निर्णय का विरोध करना कोई गलत बात नहीं, करना भी चाहिए, लेकिन विरोध का कोई आधार होना चाहिए। परन्तु जब बेसिर पैर का विरोध किया जाता है, स्थिति में ऐसे लोगों को अराजक तत्व के नाम से जाना जाता है, जैसाकि आज कल देखा जा रहा है। धरने पर अथवा प्रदर्शन में शामिल होने किसी पुरुष अथवा महिला से पूछो,"क्या आपने कानून पढ़ा है? 99% का जवाब नहीं में मिलेगा, इतना ही नहीं अधिकांश ठीक तरह से अपना नाम भी लिखने में असमर्थ मिलेंगे। हकीकत यह है कि इस नागरिकता संशोधक कानून ने हिन्दू-मुसलमान की सियासत करने वालों की चूलें हिला कर रख दी हैं।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वामपंथियों और कुछ मुस्लिम संगठनों का गठजोड़ देश का माहौल बिगाड़ने में लगा है। यह गठजोड़ पूरे देश में मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। काल्पनिक और तथ्यहीन तर्क देकर मुसलमानों में डर पैदा कर रहा है। इसका स्पष्ट प्रमाण शनिवार को लखनऊ में आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ के दौरान देखने को मिला। वामपंथी अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर जो तर्क पेश किया, उसे सुनकर कोई भी कह सकता है कि वामपंथी मुसलमानों को भड़काने के लिए किस तरह अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध ने इस देश के लेफ्ट लिबरल्स को जितनी तेजी से सस्ती लोकप्रियता दी है, उस स्ट्राइक रेट से आजादी के बाद इस देश में किसी को शायद ही लोकप्रियता मिली हो। लेकिन इस घटना ने ब्रह्माण्ड के सारे पिछले दावों को झुठला दिया है और देवलोक में देवताओं के सिंहासन हिलने लगे हैं। कारण बताया जा रहा है कि नागरिकता कानून के बहाने स्वरा भास्कर, कुणाल कामरा और अनुराग कश्यप जैसों को बेरोजगारी में जिस रफ़्तार से अटेंशन और सस्ती लोक्रप्रियता मिलती जा रही है, वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की लोकप्रियता के ग्राफ को सीधी चुनौती दे रहा है।
सीएए का विरोध करने वाली फ़िल्म अभिनेत्रियों की बात की जाए तो सबसे पहला नाम स्वरा भास्कर का आता है, जिन्हें देखकर लगता है कि वह आज कल फ़िल्मों में मिलने वाली रोल की तरह ही सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों का किरदार अदा कर रही हैं वह भी मुख्य भूमिका में, लेकिन एक समाचार चैनल में सीएए एनआरसी को लेकर हो रही चर्चा में एंकर ने स्वरा से बस एक सवाल पूछ लिया कि क्या आपने इसे कभी पढ़ा है? जिसका स्वरा कुछ जवाब नहीं दे सकीं। इसके बाद ट्वीटर पर आई इस वीडियो के जवाब में ट्विटर यूजरों ने स्वरा को अपने निशाने पर ले लिया और अपने-अपने अंदाज में जमकर लताड़ लगाई।
हिंदुस्तान पेपर और ABP समाचार चैनल के संयुक्त प्रयास से बीते दिन ‘शिखर समागम’ का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें आयोजित एक सत्र में CAA, NRC, NPR विषय पर चर्चा हो रही थी। मंच पर एंकर रुबिका लियाकत के साथ गेस्ट पैनल में दो अन्य गेस्टों के साथ विषय पर चर्चा करने के लिए फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी मौजूद थीं। चर्चा के दौरान रुबिका ने स्वरा से एक के बाद एक कई सवाल किए- NRC का draft कहाँ है?,
बस आपको हवा-हवाई बातें करनी हैं, Vote देने जाएँगी कागज़ दिखाएँगी, और नारे लगवाएँगी कागज़ नहीं दिखाएँगे, मैडम आपने CAA एक्ट पढ़ा है? मुझे यकीन था आपने एक्ट नहीं पढ़ा होगा। आप मुसलमानों को डरा रही हैं।
रुबिका के एक साथ इतने सवाल सुनकर स्वरा से कोई जवाब नहीं बना और बोली कि एक मिनट मैडम एक मिनट, ऐसा नहीं है, मैंने जरूरी बिंदू पढ़े हैं, देखिए मैडम ये आपकी आडियंस है वगैरह-वगैरह। इसके बाद ट्विटर पर आई वीडियो पर लोगों ने जो प्रतिक्रियाएँ दी। अब जरा आप उन्हें भी देख लीजिए।
Watch: When @RubikaLiyaquat suggested Swara Bhasker to read CAA#HSS2020 pic.twitter.com/Rk5e8f5cog— ABP News (@ABPNews) February 22, 2020
— Madhur (@ThePlacardGuy) February 23, 2020
— Madhur (@ThePlacardGuy) February 23, 2020
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स्वरा से जब सवाल किया गया कि क्या उन्होंने सीएए का पूरा ड्राफ्ट पढ़ा है तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने इसके कुछ हिस्से को पढ़ा है। उसके बाद रुबिका ने मंच से ही सीएए का ड्राफ्ट पढना शुरू कर दिया और स्वरा से पूछा कि इस ड्राफ्ट में कहाँ भारतीय माइनोरिटीज का जिक्र है तो स्वरा कोई जवाब नहीं दे सकी। उसके बाद रुबिका ने कहा जो बच्चा पैदा नहीं हुआ, उसका मुंडन क्यों करा रही हैं? तब वहां मौजूद दर्शकों ने तालियाँ बजानी शुरू कर दी और स्वरा ने चिढ कर दर्शकों को भी भाड़े का बता दिया।
जब रूबिका लियाकत ने भारत में पहला डिटेंशन सेंटर कब बना और देश में कितने डिटेंशन सेंटर है ? तो स्वरा भास्कर ने सीधे तौर पर सवाल का जवाब देने के बजाय गलत तर्क देकर अपनी बात पर अड़ी रही।
स्वरा भास्कर से सवाल पूछा गया कि जब 2010 में यूपीए के समय एनआरसी और एनपीआर को लेकर अहम फ़ैसले लिए गए थे, तब उन्हें दिक्कत क्यों नहीं हुई? स्वरा भास्कर ने इसके बाद अपने गणितीय ज्ञान का परिचय दिया, उन्होंने कहा कि 2010 में तो मैं 15 साल की थी। जो सोशल मीडिया के लिए मजाक का विषय-वस्तु बना।
Wow!! What an interview @RubikaLiyaquat #swarabhaskar https://t.co/iRBJUzWuxz— ashka_gupta (@anushka330113) February 22, 2020
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