आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जैसे-जैसे दिल्ली दंगों की जाँच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। सबसे प्रमुख बात जो निकलकर आयी है, वह है कि दंगे में मरने वाले मुसलमानों को किसी हिन्दू नहीं, बल्कि मुसलमानों ने ही मारा। जिसे आपसी रंजिश भी कह सकते हैं। दूसरी ओर शाहीन बाग़ धरने के आयोजकों ने एक नया शोशा छोड़ दिया कि "दंगे में पकडे गए मुसलमानों को रिहा करो", जबकि जाँच में निकलकर आ रहा है कि मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा था। ऐसी स्थिति में आपसी रंजिश में मारे गए मुसलमानों को मुआफजा का कोई अधिकार भी नहीं बनता।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा में तीन अलग-अलग मामलों में सात और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप है। पुलिस ने इन्हें दंगे भड़काने, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पहले मामले में SIT ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया ,है उनकी पहचान मोहम्मद फिरोज, चाँद मोहम्मद और रईस खान के रूप में हुई है। इनके सम्पर्क शाहिद खान की हत्या से जुड़े होने के कारण इन्हें गिरफ्तार किया गया है। शाहिद की हत्या 24 फरवरी को अपने घर के पास ही दयालपुर में हुई थी। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित भी चाँद बाग़ से ही हैं।
जिस समय शाहिद के सर में दंगाइयों की गोली लगी, उस वक़्त वो मोहन नर्सिंग होम के सामने स्थित अपने घर की छत पर खड़ा था। जाँच के दौरान पुलिस के हाथ सोशल मीडिया और अन्य सूत्रों से सम्बंधित वीडियो बरामद हुए। उन्हें वीडियो फुटेज में गोली चलाते हुए देखा गया है। उनका पता लगाकर बृहस्पतिवार(मार्च 12) को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी लोगों की धरपकड़ के लिए खोज अभी भी जारी है।
दूसरी घटना में शोएब और इमरान नाम के दो आरोपितों को भी मेहरूम नाम के व्यक्ति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। हमले में मेहरूम की मौत हो गई थी, जबकि श्मशाद घायल हो गया था। यह घटना 24 फरवरी को भजनपुरा स्थित सुभाष मोहल्ले की है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। शोएब 12वीं का छात्र है। बृहस्पतिवार को उसकी परीक्षा थी। शोएब के लिए क्राइम ब्रांच को विशेष तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा खत्म होने तक उससे पूछताछ नहीं की जाए।
तीसरे मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24-15 फरवरी को हुई हिंसा में दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है, इनके नाम गुलफाम और तनवीर हैं। इस पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप है। इन दोनों के पास से पुलिस ने कुछ मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं और फोन को जाँच के लिए फॉरेंसिक विभाग को भेज दिया गया है।
दंगों में पीड़ित अजय ने अपनी शिकायत में बताया है कि 25 फरवरी को वह अपने घर लौट रहा था, उसी वक़्त उसके हाथ में गोली लगी। इसके बाद वो वहीं गिर पड़ा और उसने स्थानीय लोगों से मदद माँगी। लोगों ने उसे भागने की सलाह दी क्योंकि दो दंगाई वहाँ पर लें 4 और 5 लगातार गोलियाँ बरसा रहे थे। जब उसने देखा तो उसने आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन के घर की छत से भारी मात्रा में पत्थरबाजी और फायरिंग होते हुए देखी। इसके बाद अजय ने वहाँ से भागकर अपना इलाज नजदीकी अस्पताल में करवाया।
जैसे-जैसे दिल्ली दंगों की जाँच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। सबसे प्रमुख बात जो निकलकर आयी है, वह है कि दंगे में मरने वाले मुसलमानों को किसी हिन्दू नहीं, बल्कि मुसलमानों ने ही मारा। जिसे आपसी रंजिश भी कह सकते हैं। दूसरी ओर शाहीन बाग़ धरने के आयोजकों ने एक नया शोशा छोड़ दिया कि "दंगे में पकडे गए मुसलमानों को रिहा करो", जबकि जाँच में निकलकर आ रहा है कि मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा था। ऐसी स्थिति में आपसी रंजिश में मारे गए मुसलमानों को मुआफजा का कोई अधिकार भी नहीं बनता।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा में तीन अलग-अलग मामलों में सात और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप है। पुलिस ने इन्हें दंगे भड़काने, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पहले मामले में SIT ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया ,है उनकी पहचान मोहम्मद फिरोज, चाँद मोहम्मद और रईस खान के रूप में हुई है। इनके सम्पर्क शाहिद खान की हत्या से जुड़े होने के कारण इन्हें गिरफ्तार किया गया है। शाहिद की हत्या 24 फरवरी को अपने घर के पास ही दयालपुर में हुई थी। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित भी चाँद बाग़ से ही हैं।
जिस समय शाहिद के सर में दंगाइयों की गोली लगी, उस वक़्त वो मोहन नर्सिंग होम के सामने स्थित अपने घर की छत पर खड़ा था। जाँच के दौरान पुलिस के हाथ सोशल मीडिया और अन्य सूत्रों से सम्बंधित वीडियो बरामद हुए। उन्हें वीडियो फुटेज में गोली चलाते हुए देखा गया है। उनका पता लगाकर बृहस्पतिवार(मार्च 12) को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी लोगों की धरपकड़ के लिए खोज अभी भी जारी है।
Seven more arrested in three riot cases https://t.co/5fUqcJ23OE— TOI Delhi (@TOIDelhi) March 13, 2020
दूसरी घटना में शोएब और इमरान नाम के दो आरोपितों को भी मेहरूम नाम के व्यक्ति की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। हमले में मेहरूम की मौत हो गई थी, जबकि श्मशाद घायल हो गया था। यह घटना 24 फरवरी को भजनपुरा स्थित सुभाष मोहल्ले की है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। शोएब 12वीं का छात्र है। बृहस्पतिवार को उसकी परीक्षा थी। शोएब के लिए क्राइम ब्रांच को विशेष तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा खत्म होने तक उससे पूछताछ नहीं की जाए।
तीसरे मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24-15 फरवरी को हुई हिंसा में दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है, इनके नाम गुलफाम और तनवीर हैं। इस पर दिल्ली में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप है। इन दोनों के पास से पुलिस ने कुछ मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं और फोन को जाँच के लिए फॉरेंसिक विभाग को भेज दिया गया है।
दंगों में पीड़ित अजय ने अपनी शिकायत में बताया है कि 25 फरवरी को वह अपने घर लौट रहा था, उसी वक़्त उसके हाथ में गोली लगी। इसके बाद वो वहीं गिर पड़ा और उसने स्थानीय लोगों से मदद माँगी। लोगों ने उसे भागने की सलाह दी क्योंकि दो दंगाई वहाँ पर लें 4 और 5 लगातार गोलियाँ बरसा रहे थे। जब उसने देखा तो उसने आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन के घर की छत से भारी मात्रा में पत्थरबाजी और फायरिंग होते हुए देखी। इसके बाद अजय ने वहाँ से भागकर अपना इलाज नजदीकी अस्पताल में करवाया।
No comments:
Post a Comment