
बीते दिन लोकसभा में दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों पर दिए सवालों के जवाब के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर विपक्षियों से सवालों के जवाब दिए। गृहमंत्री अमित शाह ने सबसे पहले राज्यसभा में कहा, “मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूँ कि दंगो के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दोषियों पर पारदर्शी और वैज्ञानिक जाँच के माध्यम से मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा, ताकि वे लंबे समय तक कानून का भय महसूस करें।
Speaking in Rajya Sabha. https://t.co/gGMBDwcM0C— Amit Shah (@AmitShah) March 12, 2020
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की कुछ प्रमुख बातें –
दंगों के उपरांत अब तक 700 FIR दर्ज की गई है और जिसने भी FIR दर्ज करवाई है, उसे रजिस्टर करने से पुलिस ने कहीं भी ना नहीं की है।हिंसा को भड़काने वाले फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर द्वारा 1,900 से अधिक चेहरों को मान्यता दी गई है। ये लोग आगजनी कर रहे थे और बुनियादी ढांचे को तोड़ रहे थे।
चेहरा पहचान प्रक्रिया में आधार डेटा का उपयोग नहीं किया गया है, केवल ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी डेटाबेस का उपयोग किया गया है। हालांकि, पुलिस को अपराधियों को बुक करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने का अधिकार होना चाहिए और गोपनीयता भंग करने के नाम पर रोका नहीं जाना चाहिए।
दिल्ली में कई सारी घटनाओं में से निजी हथियार चलने की भी घटना आई है।
ऐसे 49 मामले दर्ज किए गए हैं और 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दंगों में जो हथियार उपयोग हुए थें उनमें से लगभगसवा सौ हथियार जब्त कर लिए गए हैं।
25 फरवरी की सुबह से ही दिल्ली के हर थाने में शांति समितियों की बैठक बुलाना शुरू कर दी गई थी।
26 फरवरी तक 321 अमन समितियों की बैठक बुलाकर हमने सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं से, दंगे न फैले इसके लिए उनसे अपने प्रभाव का प्रयोग करने की विनती की थी: गृह मंत्री
- जिनकी पहचान हो चुकी है, उनकी सारी डिटेल हमारे पास उपलब्ध हो चुकी है।
- ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया है जो रात-दिन गिरफ्तार करने का काम कर रही है।
- इन दंगों में 52 भारतीयों की मृत्यु हुई है, 526 घायल हैं, 371 की दुकाने जली हैं और 142 भारतीयों के घर जले हैं।
- सोशल मीडिया के माध्यम से लगभग 60 ऐसे अकाउंट मिले, जो 22 फरवरी को शुरू हुए और 26 फरवरी को बंद हो गए।
- अगर ये लोग सोचते हैं कि अकाउंट बंद करके वो बच जाएँगे, तो मैं बता दूँ कि वो जहाँ पर भी हैं पुलिस उनको ढूँढ निकालेगी।
- इस दंगे के दौरान बहुत सारी संपत्ति जली। लोगों के पसीने की कमाई जलकर राख हो गयी।
- जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति, गाड़ियां और दुकानें जलाई हैं, उनको वीडियोग्राफी के आधार पर पकड़ कर उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा।
- अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा को दोषी ठहराया गया जिनका बयान 20 जनवरी और 28 जनवरी का था, जबकि हिंसा 23 फरवरी को शुरू हुई।
- कपिल मिश्रा को अमानतुल्ला खान, शरजील इमाम और ताहिर हुसैन के कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। जबकि हिंसा का जिम्मेदार कोई और लोग है।
- मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि अगर वो सोचते हैं कि हम बच गए, तो वो गलत हैं, हम उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालेंगे और सजा दिलाएँगे।
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा में चर्चा से भागे। अमित शाह ने कहा कि इस चर्चा के माध्यम से यह संदेश न जाए कि हमें कुछ चीजों को बचाना चाहते थे या भागने चाहते थे।
- लोकतंत्र इस स्टेज पर आज पहुंचा है जहां आज कोई भी चाहे तो वह नहीं छुपा सकता है। शाह ने कहा कि कहीं दंगा और न हो जाए, दंगाईयों को पकड़ा जाए और समुचित इलाज हो इसलिए हमने सदन में चर्चा को लेकर थोड़ा वक्त मांगा था।
दंगाइयों की पहचान के लिए आधार कार्ड के इस्तेमाल के आरोप पर अमित शाह ने साफ किया कि लोगों की पहचान के लिए ड्राईविंग लाइसेंस जैसी चीजों का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबर कुछ जगहों पर चलाई गई कि इसमें फेस की पहचान के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन यह गलत है। अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा के दौरान लोगों ने देशी हथियारों का इस्तेमाल किया है। ऐसे में इन सभी चीजों की जांच की जा रही है।
अमित शाह ने कहा कि जाँबाज आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतनलाल के हत्यारे को पकड़कर उसे हिरासत में ले लिया गया है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि किसी के भी मन में यह शंका नहीं रहना चाहिए कि जो आरोप हम पर लग रहे हैं वो सही नहीं है, इसलिए सदन में जवाब दे रहा हूँ। दंगों को सिर्फ 4 प्रतिशत क्षेत्र तक दिल्ली पुलिस ने सीमित रखा।
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह सबसे बड़ी सफलता है कि उसने दिल्ली के सिर्फ चार प्रतिशत हिस्से तक इस दंगा को सीमित रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं से भी ऐसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। उन्होंने कहा कि केवल 36 घंटे तक ही यह दंगा हुई है।
अवलोकन करें:-
शाह ने कहा कि दोनों ओर से उकसावपूर्ण घटना के बाद इस दंगा को सिर्फ 36 घंटे में काबू पा लिया गया, जो दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी थी।
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