चोर चोरी से जा सकता है, हेराफेरी से नहीं, ठीक यही स्थिति कांग्रेस की है, जो सेना का मनोबल गिराने का अवसर नहीं छोड़ती। 2014 से पूर्व कश्मीर में किस तरह सेना का मनोबल गिराकर आतंकवादियों और अलगाववादियों को संरक्षण दिया जा रहा था। फिर जब डोकलाम विवाद को समाप्त करने मोदी सरकार संघर्ष कर रही थी, राहुल गाँधी चुपचाप चीन से बातचीत करते हैं, उस पर तुर्रा यह कि कांग्रेस देशभक्त और बलिदानियों की पार्टी है।लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध जारी है। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हैं। हालांकि हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसमें कुछ प्रगति भी हुई है। भारत सरकार और सेना प्रमुख लगातार आश्वासन दे रहे हैं कि विवाद के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को न तो सरकार पर भरोसा है और नहीं सेना पर। उसकी अधीरता बढ़ती जा रही है। पहले राहुल गांधी मोदी ने सरकार पर सवाल उठया। उसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सेना का मनोबल गिराने वाला सवाल किया है।

अधीर रंजन ने इस ट्वीट में कहा है कि सेनाप्रमुख का आत्मविश्वस डरावना है। इससे लगता है अधीर रंजन को सेनाप्रमुख के बयान पर भरोसा नहीं है। वो अपने पार्टी के सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरह ही सेना को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं। वह सेनाप्रमुख के बयान को आधार बनाकर सियासी बयानबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं कि सेना द्वारा जो भी कोशिशें की जा रही हैं, वह सिर्फ दिखावा है और हकीकत कुछ और है। लेकिन अधीर रंजन को इससे सियासी फायदा मिलेगा या नहीं यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन उनका ये ट्वीट सेना की विश्वसनीयता और उसके मनोबल को गिराने वाला है।
Army Chief, what does it mean that military talks with China was 'very fruitful'. When talks are reported to have been taken place in recently Chinese occupied east Ladakh area, your sense of exuberance is fearful,— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 14, 2020
अधीर रंजन के ट्वीट के बाद ट्विटर पर यूजर्स ने उनकी जमकर लताड़ लगाई।
Army Chief, what does it mean that military talks with China was 'very fruitful'. When talks are reported to have been taken place in recently Chinese occupied east Ladakh area, your sense of exuberance is fearful,— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 14, 2020
The army chief says that the amount of land that China has forcibly taken will not hurt more than this, this fruitful talk— Raj kumar Saraf (@RKSaraf3) June 14, 2020
अधीर तो ऐसा गरिया रहा है मानो इनके आकाओं ने 26/11के बाद सीधा पाकिस्तान पर हमला ही कर दिया था ये वोही विचारधारा वाले जैसे चीन युद्ध के समय vk कृष्णमेनन थे जिन्होंने चीन के प्रति स्नेह बताया था फिर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।अधीर भैया भी इसी कमिनिस्ट विचारधारा से है।— ghevarchand jain (@ghevarsaKvm) June 15, 2020
जिनका गपोड़ी नेताओं की औकात नहीं है आर्मी चीफ के सामने खड़े होने की, वह सैन्य सुरक्षा की आड़ में छुप कर भारत के सेना प्रमुख को पाठ पढ़ाते रहे हैं,— Ravi Kumar Gupta (@rav26051) June 15, 2020
कुछ तो सेना की पीठ में छुरा भोंकते आए हैं
शर्म तो आएगी नहीं
नेहरू को शर्म नहीं आई तो इन्हें क्या आएगी
देहरादून में आईएमए की पासिंग आउट परेड के दौरान 13 जून को सेनाप्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और दोनों सेनाओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही है। सैन्य स्तर पर बेहतर बातचीत का हवाला देते हुए सेनाप्रमुख ने कहा था कि हमें पूरा विश्वास है कि जो बातचीत चल रही है उससे LAC के विवाद का निपटारा हो जाएगा।
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