भारत-चीन विवाद पर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत निशानेबाजी कर रहे राहुल गाँधी को अमित शाह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार चीन सीमा विवाद पर हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और संसद में इस पर बृहद बहस के लिए भी तैयार है। अमित शाह ने राहुल गाँधी से कहा कि वो भी हाथों पर सैनिटाइजर रगड़ कर और मास्क व फेस शील्ड पहन संसदीय अखाड़े में उतरें।
अमित शाह ने कहा कि जल्द ही संसद सत्र आयोजित होने वाला है, राहुल गाँधी वहाँ आकर ‘दो-दो हाथ’ कर लें, 1962 से लेकर अब तक चीन के विषय पर चर्चा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चर्चा से कोई नहीं डरता है, चर्चा करनी है तो राहुल गाँधी का स्वागत है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि जब सीमा पर सेना बलिदान दे रही हो और सरकार ठोस क़दम उठा रही हो, उस समय पाकिस्तान और चीन को ख़ुश करने वाले बयान देने का क्या तुक है?
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सरेंडर मोदी’ कह कर चीन का एजेंडा आगे बढ़ाया था, जिसके बाद सोशल पर भी लोगों ने उनसे नाराज़गी जताई थी। इसी बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने उक्त बातें कहीं। उन्होंने राहुल गाँधी को आत्ममंथन की सलाह देते हुए कहा कि उनके बयान चीन और पाकिस्तान के रुख को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा से निपटने में पूरी तरह सक्षम है लेकिन जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का पूर्व मुखिया इस तरह की ओछी राजनीति करता है तो इससे दुःख होता है। उन्होंने ANI की संपादक स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में पूछा कि कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष गाँधी परिवार से बाहर का क्यों नहीं होता? साथ ही उन्होंने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़े किए।
हाल ही में कांग्रेस की साथी पार्टी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भी भारत-चीन मुद्दे पर राहुल गाँधी को राजनीति न करने की सलाह दी थी। शरद पवार ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए शनिवार (जून 27, 2020) को कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाते समय यह भी देखना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था।
अवलोकन करें :-
अमित शाह ने कहा कि जल्द ही संसद सत्र आयोजित होने वाला है, राहुल गाँधी वहाँ आकर ‘दो-दो हाथ’ कर लें, 1962 से लेकर अब तक चीन के विषय पर चर्चा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चर्चा से कोई नहीं डरता है, चर्चा करनी है तो राहुल गाँधी का स्वागत है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि जब सीमा पर सेना बलिदान दे रही हो और सरकार ठोस क़दम उठा रही हो, उस समय पाकिस्तान और चीन को ख़ुश करने वाले बयान देने का क्या तुक है?
Wear them masks and face shields! Rub your hands with sanitizer and land in the parliamentary akhaada, ye Congressis...— Bharath (@brakoo) June 28, 2020
Motabhai is ready!pic.twitter.com/J9d3b8lEqE
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सरेंडर मोदी’ कह कर चीन का एजेंडा आगे बढ़ाया था, जिसके बाद सोशल पर भी लोगों ने उनसे नाराज़गी जताई थी। इसी बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने उक्त बातें कहीं। उन्होंने राहुल गाँधी को आत्ममंथन की सलाह देते हुए कहा कि उनके बयान चीन और पाकिस्तान के रुख को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा से निपटने में पूरी तरह सक्षम है लेकिन जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का पूर्व मुखिया इस तरह की ओछी राजनीति करता है तो इससे दुःख होता है। उन्होंने ANI की संपादक स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में पूछा कि कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष गाँधी परिवार से बाहर का क्यों नहीं होता? साथ ही उन्होंने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़े किए।
इंदिरा गांधी से लेकर कांग्रेस पार्टी का एक अध्यक्ष का नाम बता दीजिए जो गांधी परिवार के बाहर का बना हो, ऐसे लोग लोकतंत्र की बात करते हैं : @AmitShah— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 28, 2020
हाल ही में कांग्रेस की साथी पार्टी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भी भारत-चीन मुद्दे पर राहुल गाँधी को राजनीति न करने की सलाह दी थी। शरद पवार ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए शनिवार (जून 27, 2020) को कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाते समय यह भी देखना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था।
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