जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार (जुलाई 31, 2020) को 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई। पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से पहले मुफ्ती समेत कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे कई नेताओं के हाउस अरेस्ट की अवधि खत्म की गई।
मई में भी पूर्व मुख्यमंत्री की हिरासत को तीन महीने बढ़ाया गया था जो 5 अगस्त को खत्म होने वाली थी। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मुफ्ती अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले 3 महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को जेल घोषित किया गया है और उन्हें कोरोना महामारी के मद्देनजर यहाँ शिफ्ट किया गया है।
आदेश में कहा गया, “कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हिरासत की अवधि आगे विस्तारित करने की सिफारिश की है और इस पर गौर करने के बाद इसे जरूरी समझा गया।”
वहीं, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन को जुलाई 31 को हिरासत से रिहा कर दिया गया। इसकी जानकारी लोन ने ट्वीट पर दी है। लोन को भी अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने लिखा, ”आखिरकार एक साल पूरे होने से 5 दिन पहले मुझे बताया गया है कि मैं आजाद हूँ। कितना कुछ बदल गया है, मैं भी बदला हूँ। जेल का यह नया अनुभव नहीं था। लेकिन पहले वाले शारीरिक प्रताड़ना वाले थे, लेकिन ये वाला मानसिक तौर पर थका देने वाला था। उम्मीद कर रहा हूँ जल्दी बहुत कुछ साझा करूँगा।”
लोन की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि सुनकर अच्छा लगा कि सज्जाद लोन को अवैध नजरबंद से रिहा कर दिया गया है। उम्मीद है कि इसी तरह अवैध नजरबंदी में बंद दूसरे लोगों को भी रिहा किया जाएगा।
अब कोई उमर से पूछे कि "तुम्हारे दादा शेख अब्दुल्ला ने डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को किस जुल्म में जेल बंद किया था कि उनका मृतक शरीर ही जेल से बाहर आया। उनकी माताश्री पूछती रही 'मेरा बेटा कहाँ है? जवाहर लाल नेहरू से लेकर शेख अब्दुल्ला ने कुछ नहीं बताया कि उनका बेटा जेल में उनके कब्जे में हैं।" तुम लोग विरोधियों के साथ चाहे कुछ कर लो, वही काम जब तुम लोगों के साथ हुआ तो अवैध नज़र आ रहा है, यह कौन-सी सियासत है?
महबूबा मुफ्ती के साथ हिरासत में जाने वाले कई नेता थे। इसमें फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे कई नेताओं का नाम शामिल था। लेकिन मार्च में हिरासत के आठ महीने बाद उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया। वहीं, सज्जाद लोन और पीडीपी नेता वाहीन को भी एमएलए हॉस्टल से मुक्त करके हाउस अरेस्ट में शिफ्ट किया गया था।
मई में भी पूर्व मुख्यमंत्री की हिरासत को तीन महीने बढ़ाया गया था जो 5 अगस्त को खत्म होने वाली थी। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मुफ्ती अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले 3 महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को जेल घोषित किया गया है और उन्हें कोरोना महामारी के मद्देनजर यहाँ शिफ्ट किया गया है।
आदेश में कहा गया, “कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हिरासत की अवधि आगे विस्तारित करने की सिफारिश की है और इस पर गौर करने के बाद इसे जरूरी समझा गया।”
Former Jammu & Kashmir CM Mehbooba Mufti's detention under Public Safety Act extended by three months— ANI (@ANI) July 31, 2020
(file pic) pic.twitter.com/FEkoTdRKEA
Rajneeti News (J-K: Peoples Conference leader Sajjad Lone released from detention)— Rajneeti News (@RajneetiNews) July 31, 2020
Srinagar (Jammu and Kashmir) [India], July 31 (ANI): Folks's Convention chief Sajjad Lone has been launched from home ... has been published on Rajneeti News - https://t.co/czNixB54A5 pic.twitter.com/qbOyG7qxA3
Good to hear that Sajad Lone has been released from illegal house arrest. I hope others under similar illegal detention will also be released without delay.— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 31, 2020
वहीं, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन को जुलाई 31 को हिरासत से रिहा कर दिया गया। इसकी जानकारी लोन ने ट्वीट पर दी है। लोन को भी अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने लिखा, ”आखिरकार एक साल पूरे होने से 5 दिन पहले मुझे बताया गया है कि मैं आजाद हूँ। कितना कुछ बदल गया है, मैं भी बदला हूँ। जेल का यह नया अनुभव नहीं था। लेकिन पहले वाले शारीरिक प्रताड़ना वाले थे, लेकिन ये वाला मानसिक तौर पर थका देने वाला था। उम्मीद कर रहा हूँ जल्दी बहुत कुछ साझा करूँगा।”
लोन की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि सुनकर अच्छा लगा कि सज्जाद लोन को अवैध नजरबंद से रिहा कर दिया गया है। उम्मीद है कि इसी तरह अवैध नजरबंदी में बंद दूसरे लोगों को भी रिहा किया जाएगा।
अब कोई उमर से पूछे कि "तुम्हारे दादा शेख अब्दुल्ला ने डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को किस जुल्म में जेल बंद किया था कि उनका मृतक शरीर ही जेल से बाहर आया। उनकी माताश्री पूछती रही 'मेरा बेटा कहाँ है? जवाहर लाल नेहरू से लेकर शेख अब्दुल्ला ने कुछ नहीं बताया कि उनका बेटा जेल में उनके कब्जे में हैं।" तुम लोग विरोधियों के साथ चाहे कुछ कर लो, वही काम जब तुम लोगों के साथ हुआ तो अवैध नज़र आ रहा है, यह कौन-सी सियासत है?
महबूबा मुफ्ती के साथ हिरासत में जाने वाले कई नेता थे। इसमें फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन जैसे कई नेताओं का नाम शामिल था। लेकिन मार्च में हिरासत के आठ महीने बाद उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया। वहीं, सज्जाद लोन और पीडीपी नेता वाहीन को भी एमएलए हॉस्टल से मुक्त करके हाउस अरेस्ट में शिफ्ट किया गया था।
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