बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) ने बेंगलुरु के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों की सड़कों का नामकरण मुस्लिमों के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। भाजपा नेता और आम जनता जमकर इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया कि बीबीएमपी ने जनता के पुरजोर विरोध के बाद प्रस्ताव को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा, “एक जागरूक हिन्दू समाज इस तरह की घटिया मानसिकता वाले प्रयासों को नाकाम कर सकता है।”
तेजस्वी सूर्या सहित कई बीजेपी सांसदों ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। तेजस्वी सूर्या ने बीबीएमपी के आयुक्त एन मंजूनाथ प्रसाद को पत्र लिखकर इस पर विचार करने को कहा था। भाजपा सांसद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह पत्र साझा किया था।
तेजस्वी सूर्या ने कहा था, “मेरे संज्ञान में आया है कि बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका ने पदारायणपुरा के वार्ड नंबर 135 की कई सड़कों का नाम कुछ तय हस्तियों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा है। जिसमें बीबीएमपी ने केवल मुस्लिमों के नाम दिए हैं।”
Along with Sri @AnantkumarH, I'm filing objections to proposed naming of roads in Padarayanpura with only Muslim names
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 31, 2020
Naming roads in Muslim-dominated locality after Muslims reeks of the same communal mentality as 2-nation theory & Muslim League's demand of separate electorates pic.twitter.com/GEcju3nMls
After the public uproar over proposed naming of certain roads in a few Muslim dominated Bangalore after only Muslim names, BBMP has dropped the idea.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 31, 2020
A vigilant Hindu society can thwart such ill intentioned attempts. pic.twitter.com/NJm7ZwGNYe
Aa Congi Ghulam even we Karnataka people wish Yogi like CM to lead our state in best way and Tejasvi Surya will be as honest like Yogiji
— Manjunath (@Manjuna27707307) January 1, 2021
Not beneath, most of our temples r beneath their ideology.When stars name their kids after taimur and govt celebrates tippu jyanthi what msg does it provide? Hail those who have massacred our ancestors & torutured women? U remember them daily? Let them reform n then ask for these
— BeeCee (@SanMbgl) December 31, 2020
Great Job tejasvi 👍👏
— RAJESH MISHRA राजेश मिश्रा (@rkmishrauae) December 31, 2020
Appeasement will make us jokers in our own country.
Thanks for getting it correct .
अब समीक्षा की आवश्यकता ही नहीं बची है। इस विचारधारा को देश से चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाना चाहिए नहीं तो ये बाकी सभी धर्मों को समाप्त कर देगी।
— Raj (@A_Sapien_Human) January 1, 2021
This is really good suggestion. Atleast start Developing now those areas!???
— muraligb (@muraligb_9) December 31, 2020
भाजपा सांसद ने पत्र में आपत्ति जताते हुए कहा था, “मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सड़कों का नामकरण मुस्लिमों के नाम पर करना टू नेशन थ्योरी वाली सोच है। यह उसी तरह की सांप्रदायिक सोच है, जब मुस्लिम लीग ने हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची की माँग की थी। यह खतरनाक है जिसकी निंदा होनी चाहिए।”
उनका कहना था कि देश में गैर मुस्लिम महापुरुषों और राष्ट्रभक्तों की कमी नहीं है और उन्हीं नाम पर सड़कों का नामकरण होना चाहिए। अपने पत्र में उन्होंने सड़कों के नाम की सूची दोबारा से ठीक करने को कहा था। अनुरोध किया था कि सूचीगत सड़कों के नाम सिर्फ व्यापक सार्वजिनक चर्चा के बाद ही निर्धारित होने चाहिए।
बलिदानियों के नाम पर हो सड़कें --हेगड़े
इसी तरह उत्तर कन्नड़ के भाजपा सांसद अनंत हेगड़े ने भी प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि सड़कों का नामकरण बलिदानियों के नाम पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, “मेरे वार्ड के नामकरण के लिए सिर्फ मुस्लिम नामों का सुझाव दिया गया है। सामाजिक सरोकार की आड़ में लिया जाने वाला यह कदम सही नहीं है, यह सिर्फ एक समुदाय का प्रचार है और कुछ नहीं।”
भाजपा नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र बीबीएमपी रेवेन्यू विभाग द्वारा 16 दिसंबर 2020 को पारित की गई अधिसूचना की प्रतिक्रिया के रूप में सामने आए थे। बेंगलुरु सेंट्रल के भाजपा सांसद पीसी मोहन ने भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की सड़कों का नामकरण मुस्लिम नामों पर किए जाने का विरोध किया था। पिछले दिनों बीबीएमपी द्वारा शहर के इंदिरानगर में 100 फुट चौड़ी सड़क का नामकरण डॉ. एस के करीम खान के नाम पर करने पर इस मामले पर बहस शुरू हुई थी।
No comments:
Post a Comment