आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
2002 गुजरात दंगों में प्रदेश की शांति भंग करने वालों को उनके उचित स्थान पर पहुँचाने के कारण उनके विरोधी "मौत का सौदागर", "खून का दलाल", "मुसलमानों का दुश्मन" आदि नामों से आज तक बदनाम करते रहते हैं। लेकिन पत्तों से खेलने के शौक़ीन दंगे की जड़ को अनदेखा करते रहे हैं। कोई यह नहीं बोलता कि "न साबरमती ट्रेन की बोगी में आग लगाकर 26 रामभक्तों को जिन्दा जलाया जाता और न ही गोधरा होता"; दूसरे 2002 से पूर्व गुजरात में दंगों का इतिहास रहा है, जिसे सभी छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेता और पार्टियां नज़रअंदाज़ करते रहे हैं।फिर 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद हर उस मुद्दे को हल किया, जिसे हर छद्दम धर्म-निरपेक्ष पार्टियां अपने घोषणा-पत्रों में एक लॉलीपॉप की तरह जनता को देती रहीं, परन्तु मुस्लिम वोट खोने के डर से कभी उस ओर ध्यान ही नहीं दिया। विपरीत इसके सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम महिलाओं की समस्या पर आये निर्णय को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने लोकसभा के माध्यम से निरस्त कर मुस्लिम महिलाओं को मुल्लाओं के खौफ में रहने को मजबूर कर दिया। लेकिन मोदी ने तीन तलाक, नागरिक संशोधक कानून, कश्मीर से अनुच्छेद 370, कृषि बिल आदि का समाधान करने पर जनता को गुमराह करने वाले समस्त नेताओं की रातों की नींद और रोटी हराम होते ही सडकों पर उतर शाहीन बाग़ और किसान आंदोलन के नाम से जनता को पुनः गुमराह करने में व्यस्त थे तो दूसरी तरफ वही जनता इन छद्दम और ढोंगी पार्टियों को वोट के माध्यम से इनकी औकात दिखाने से नहीं चूक रही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता देश भर में लोगों के सर चढ़कर बोलती है। चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय निकाय चुनाव देश में मोदी लहर कायम है। बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतती जा रही है। अब बीजेपी महाराष्ट्र में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। महाराष्ट्र में 34 जिलों के 12,711 ग्राम पंचायतों में बीजेपी को सबसे अधिक 3263 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, शिवसेना को 2808, कांग्रेस को 2151 और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को सिर्फ 38 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी ने बड़ी संख्या में अपने समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत का दावा करते हुए कहा है कि कुल मिलाकर उसे 5721 सीटें मिली हैं।
अरुणाचल प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में 80 प्रतिशत सीटें जीतकर बीजेपी ने रचा इतिहास
बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में 80 प्रतिशत सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कुल 8390 सीटों में से 6661 सीटें जीतने में सफल रही है। ग्राम पंचायत चुनावों में 8125 सीटों में से 6458 सीटें जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया। बीजेपी ने पासीघाट म्युनिसिपल काउंसिल चुनाव में 8 में से 6 सीटें जबकि ईटानगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव में 20 में से 10 सीटें जीती है। इसके साथ ही जिला परिषद की 237 सीटों में से 187 सीटें जीतने में कामयाब रही है। जिला परिषद चुनाव में बीजेपी ने 78.9 प्रतिशत सीटें जीती हैं।
Thank you Arunachal for bestowing faith and support to @BJP4India.
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) December 28, 2020
The result of local body election is a testimony of all the good deeds & works carried out by Honble PM Shri @narendramodi ji & Shri @JPNadda ji.
Congratulations to all the winners & team @BJP4Arunachal 💐💐💐 pic.twitter.com/raD5q5abFj
जम्मू कश्मीर में भाजपा को एनसी, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर पाए गए वोट से ज्यादा वोट मिले
BJP wins one more DDC constituency, taking its total tally to 75, according to J&K State Election Authority data
— ANI (@ANI) December 23, 2020
recognised by people of J&K, We will revoke 370 ammendment. 😂😂 Look at the result, BJP IS THE SINGLE LARGEST PARTY IN J&K, BJP received more votes than NC, PDP and Congress combined. Aizaz Hussain becomes first BJP person to win big from Valley and apart from That majority 1/2
— Gaurav Mishra 🇮🇳 (@Gauravmtweet) December 23, 2020
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए खत्म होने के बाद पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा 74 सीटें जीत चुकी है, जबकि स्थानीय पार्टियां अकेले इस आंकड़े के पास भी नहीं पहुंच पाई हैं। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) को 67, जबकि पीडीपी को सिर्फ 27 सीटें मिली हैं। कांग्रेस किसी तरह 26 सीटें जीत पाई है। यहां 49 निर्दलीय उम्मीदवारों को भी कामयाबी मिली है। डीडीसी चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि भाजपा को नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर पाए गए वोट से ज्यादा वोट मिले हैं। यहां बीजेपी को 487364 वोट मिले हैं, जबकि एनसी को 282514, पीडीपी को सिर्फ 55789 और कांग्रेस को 139382 वोट मिले हैं। एनसी, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल वोट 477685 होते हैं, जो बीजेपी को मिले वोट से काफी कम है।
असम स्थानीय निकाय चुनावों में लहराया परचम
असम में बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) में बीजेपी गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है। साल 2015 के बीटीसी चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली बीजेपी ने इस बार नौ सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी बढ़त बनाई है। बीजेपी की सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को 12 सीटें मिली है।
गहलोत के गढ़ में लहराया भगवा
राजस्थान के 21 जिलों के पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने सत्ताधारी कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया। अब तक घोषित नतीजों के अनुसार बीजेपी कुल 14 जिलों में बोर्ड बनाने जा रही है। जबकि कांग्रेस को महज पांच जिलों पर संतोष करना पड़ा। जिला परिषद की कुल 636 सीटों के लिए चुनाव में बीजेपी 323 और कांग्रेस 246 सीटें जीत चुकी है। पंचायत समिति सदस्यों के लिए हुए चुनाव में कुल 4371 सीटों में से बीजेपी को 1836 और कांग्रेस को 1718 सीटों पर जीत मिली है।
ओवैसी के गढ़ में शानदार प्रदर्शन
इसके पहले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर बीजेपी ने केसीआर की पार्टी टीआरएस को स्पष्ट बहुमत हासिल करने से रोक दिया। हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के मजबूत गढ़ पुराने हैदराबाद में बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया। चुनाव भले ही नगर निगम का हो, लेकिन जिस आक्रमकता से बीजेपी यहां चुनाव लड़ी है उससे ओवैसी की पार्टी पस्त हो गई है। 2016 में सिर्फ चार सीटें हासिल करने वाली बीजेपी ने इस बार 150 में से 48 सीटों पर अपना परचम लहरा दिया। यहां टीआरएस को 56 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 सीटों पर जीत मिली। जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 2 सीट आई।
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