त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष पर हमले में गिरफ्तार हुआ पार्टी अल्पसंख्यक सेल का प्रमुख जॉयदुल हुसैन

                          कांग्रेस अध्यक्ष पर हमले में पार्टी नेता ही गिरफ्तार (साभार:The Northeast Today)
आज कांग्रेस बहुत कठिन समय से गुजरने के बावजूद भाजपा शासित राज्य एवं केन्द्र सरकारों पर हमला करने में लगी हुई है। सरकार जनहित में चाहे कोई भी कानून बनाने ले, लेकिन विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। जिस तरह मोदी सरकार का विरोध किया जा रहा है, उतनी ही तेजी से पंचायत स्तर से लेकर अन्य सदनों में होने वाले चुनावों में भाजपा झंडे गाड़ रही है। अगर मोदी सरकार के काम जन-विरोधी होते, क्यों भाजपा विरोधी क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार जीत रहे हैं। 

कांग्रेस को चाहिए कि जनता को गुमराह करने के बजाए अपने संगठन को सुनिश्चित करे। आपस में मार-पिट होना कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं है। भारत के कई क्षेत्रों में तो केवल नाम के लिए पार्टी रह गयी है। लेकिन पार्टी के शुभचिंतक पत्रकार अपनी TRP के चक्कर में कांग्रेस में हो रही मार-पिट के लिए भाजपा पर आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही।   

त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष पीयूष कांति बिस्वास पर रविवार(जनवरी 17) को सिपाहीजला जिले के बिसालघर में हमला हुआ था। हमले में उन्हें हल्की चोटें आई थी। इस मामले में पुलिस ने राज्य के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता को गिरफ्तार किया है। इस घटना के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया जा रहा था।

हमले के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार(जनवरी 18) को 12 घंटे के हड़ताल का आह्वान किया था। हालाँकि, मामले की जाँच कर रही पुलिस ने अब पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख जॉयदुल हुसैन को घटना के संबंध में गिरफ्तार किया है।

बिस्वास पर हुए हमले के बाद मीडिया भाजपा को दोषी ठहराने में इतनी जल्दीबाजी में थी कि उसने किसी प्रकार की रिपोर्ट या जाँच-पड़ताल को भी जरूरी नहीं समझा। मीडिया द्वारा हमले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा दिया गया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वे इस निष्कर्ष पर कैसे पहुँचे।

                                                   टाइम्स नाउ की रिपोर्ट
टाइम्स नाउ ने 17 जनवरी को भाजपा को दोषी ठहराते हुए हेडलाइन के साथ एक रिपोर्ट प्रकाशित की, “बीजेपी कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा कांग्रेस के प्रमुख पीयूष कांति बिस्वास के वाहन पर कथित तौर पर हमला किया।”

                                                            एनडीटीवी  रिपोर्ट
फिर इस मामले में NDTV कहां पीछे रहने वाला था। NDTV ने भी इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें कहा गया था कि “त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख पर ‘कथित रूप से’ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया।” रिपोर्ट में पीटीआई से इनपुट लिए गए थे।

                                                              इंडिया.कॉम रिपोर्ट
India.com ने इस मामले पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया था, “त्रिपुरा के कांग्रेस अध्यक्ष पीयूष कांति बिस्वास के वाहन पर जनवरी 17 की सुबह त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के बिशालगढ़ क्षेत्र में हमला हुआ। जिसमें उन्हें मामूली चोटें आई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा यह हमला किया गया, जिसके विरोध में उन्होंने जनवरी 18 को 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया।”

यह बात गौर करने वाली है कि मीडिया आउटलेट्स ने जिस आधार पर यह दावे किए उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है। संभव है कि वे अपने व्यक्तिगत पक्षपात के कारण हमले के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को दोष मढ़ने के लिए मजबूर थे।

त्रिपुरा में कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख और पूर्ववर्ती शाही परिवार के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य (Pradyot Manikya) ने कहा है कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि राज्य कांग्रेस प्रमुख पर जॉयदुल हुसैन द्वारा हमला किया गया था।

उन्होंने कहा, “त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष पर हुए हमले में शामिल अपराधियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुझे किसी प्रकार की हैरानी नहीं हुई है कि आरोपित कांग्रेस पार्टी के राज्य महासचिव/अल्पसंख्यक सेल का अध्यक्ष है। जॉयदुल हुसैन को हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जब वह राज्य से भागने की फिराक में था।”

उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और कहा कि हुसैन को पार्टी दिए जाने पर जब उन्होंने आपत्ति जताई तो उनकी बात को खारिज कर दिया गया था। दरअसल हुसैन पर बाल तस्करी का आरोप था।

अवलोकन करें:-

झाड़खंड : कांग्रेसियों ने एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ा कर लातों और घूसों से पीटा
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
झाड़खंड : कांग्रेसियों ने एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ा कर लातों और घूसों से पीटा

प्रद्योत माणिक्य ने कहा, “जब मैं अध्यक्ष बना तो मैंने उसे पदाधिकारी के पद से हटा दिया। लेकिन मेरे लिस्ट को कभी स्वीकार नहीं किया गया, क्योंकि AICC उसे लिस्ट में देखना चाहती थी।”

No comments: