नागरिकता संशोधक कानून के विरोध में मोदी विरोधियों द्वारा बनाए गए शाहीन बाग़ों की असलियत सामने आनी शुरू हो चुकी है। इन लोगों ने अवैध रूप से भारत में रह रहे पाकिस्तानियों, बांग्लादेशी और रोहिंग्यों को बचाने के लिए भारतीय मुसलमानों को उकसा कर उत्पात मचा रखा था। इन लोगों ने इनके आधार कार्ड, मतदान पहचान पत्र और राशन कार्ड बनवाकर संरक्षण दे रखा था, जो अब गृह मंत्रालय द्वारा इन लोगों की पहचान कर वापस इनके गंतव्य पर पहुँचाने का काम शुरू कर दिया है।
ये लोग अवैध रूप से भारत में रहकर भारतीयों से अधिक सुख-सुविधाएं अर्जित कर भारतीयों को ही उनसे वंचित कर रहे थे। मुसलमान के दिमाग में यह जहर घोला जा रहा है कि नागरिकता कानून उनके विरुद्ध है। कागज अथवा प्रमाण दिखाने से किसी भी भारतीय को कोई गुरेज नहीं, गुरेज केवल उन्हीं को है, जो अवैध रूप से भारत में रहकर भारत के विरुद्ध नारेबाजी कर देश का माहौल ख़राब कर रहे हैं और कुर्सी के भूखे नेता इनको संरक्षण दे रहे हैं। भारत सरकार को उन नेताओं के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जो इन्हे संरक्षण दे रहे हैं। जिस दिन ऐसे नेताओं पर भी कार्यवाही शुरू हो गयी, निश्चितरूप से आधे से अधिक पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्या अपने आप ही भाग जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में 155 ऐसे रोहिंग्या मिले हैं, जो म्यांमार में अपनी सज़ा से बच कर यहाँ रह रहे थे। उन सभी को ‘होल्डिंग सेंटर’ भेज दिया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार (मार्च 6, 2021) को ये कार्रवाई की। पुलिस ने फॉरेनर्स एक्ट के अनुच्छेद-3(2)e के तहत ये कार्रवाई की। साथ ही पासपोर्ट एक्ट के अनुच्छेद-3 के तहत प्रवासियों के पास पुष्ट ट्रैवल दस्तावेज होने चाहिए, जो उनके पास नहीं थे।इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जम्मू जोन) ने कहा कि मार्च 5, 2021 को गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन का पालन करते हुए रोहिंग्या मुस्लिमों को होल्डिंग सेंटर में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई नियम-कायदों के तहत की गई है। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसे अन्य अवैध घुसपैठियों की पहचान करने की कोशिशें भी जारी हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों के बायोमेट्री व अन्य डिटेल्स जुटाए जा रहे हैं।
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— News18 India (@News18India) March 6, 2021
जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्क्रीनिंग शुरू@gayatrisharma24 #JammuAndKashmir #Rohingya pic.twitter.com/jztTrIEy2D
जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से रह रहे करीब दस हजार रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। ये है मोदी जी की गुड गवर्नेंस की मिसाल, देश से बढ़कर कुछ भी नहीं।
— Sanjay Rai (@sanjayraiupbjp) March 6, 2021
उन्हें होल्डिंग सेंटर में भेजे जाने के बाद उनकी राष्ट्रीयता की पहचान की जाएगी। जब पहचान हो जाएगी कि ये किस देश के नागरिक हैं, इसके बाद उन्हें वहाँ प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा। MA स्टेडियम में रोहिंग्या मुस्लिमों के वेरिफिकेशन का कार्य चल रहा है। एक बुर्कानशीं महिला ने बताया कि उससे उसका नाम और माता-पिता के बारे में पूछा गया। एक अन्य रोहिंग्या मुस्लिम ने बताया कि पुलिस ने पूरे परिवार को MA स्टेडियम में बुलाया है।
Around 155 Rohingyas living in Jammu have been shifted to a 'holding centre' after they could not provide valid documents: Jammu and Kashmir Police
— ANI (@ANI) March 6, 2021
aj se start hua hai dekhte jao xD
— Tarun Agarwal (@TarunAg12271978) March 6, 2021
Seculars me dar ka mahaul hai
— sujata tripathi (@purpleprozac) March 6, 2021
I think india can keep 155 people.
— AR336 (@AR3362) March 6, 2021
They are no threat they are living in india for decades
पुलिस ने उन सभी के UNHCR कार्ड्स के डिटेल्स भी लिए और साथ ही कोरोना वायरस टेस्टिंग भी कराई। MA स्टेडियम में कुल 200 रोहिंग्या मुस्लिमों को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था। हालाँकि, इस प्रक्रिया में मीडिया को अनुमति नहीं दी है। उन रोहिंग्या मुस्लिमों के अंगूठे की छाप भी ली गई। एक रोहिंग्या मुस्लिम ने कहा कि वो 12 वर्षों से यहाँ है और अब तक ऐसे 50 वेरिफिकेशन प्रक्रिया में शामिल हो चुका है।
भाजपा ने इसे रोहिंग्या मुस्लिमों के प्रत्यर्पण की शुरुआत बताया है। पार्टी के प्रवक्ता ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) अनिल गुप्ता ने कहा कि अब एक लंबा इंतजार ख़त्म होने वाला है। उन्होंने कहा कि इन सभी को संभवतः एक कैम्प में शिफ्ट किया जाएगा। इससे पहले PDP-BJP सरकार के दौरान ही इन रोहिंग्या मुस्लिमों के आँकड़े जुटा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व ख़ुफ़िया एजेंसियाँ पहले से ही उन्हें लेकर सतर्क हैं।
अवलोकन करें:-
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के नरवाल की एक मस्जिद में मौलवी बनकर रहने वाले रोहिंग्या और उसके साथी को पकड़ा गया था। उनके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट बरामद किया गया था। वहीं, उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) ने उन्नाव से रोहिंग्या भाइयों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि ये दोनों भारत में अवैध तरीके से रोहिंग्या की एंट्री करवाते थे। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR) में उनका पंजीकरण करा कर देश के अलग-अलग शहरों में उनके रहने और रोजगार की व्यवस्था करते थे। इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराते थे।
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