कहावत है इतिहास लिखा नहीं जाता दोहराया जाता है, जिसे चरितार्थ कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के वसीम रिज़वी। जिन 26 आयतों को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है, चांदमल चोपड़ा ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन तुष्टिकरण ने निर्णय आने से पूर्व ही पलटवा दिया था, परन्तु 31 जुलाई 1986 को दिल्ली की अदालत ने 12 आयतों के विरुद्ध फैसला सुना दिया था।
शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि इन 26 आयतों में से कुछ आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं जिन्हें बाद में शामिल किया गया।
उनका मत है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हज़रत अबू बकर, दूसरे खलीफा हज़रत उमर और तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान के द्वारा कुरान को कलेक्ट करके उसको किताबी शक्ल में जारी किया गया। इसमें बहुत सी अच्छी बात भी हैं जो इंसानियत के लिए हैं लेकिन इसमें कुछ आतंकवाद को भी बढ़ावा देती हैं।
रिजवी कहते हैं कि अल्लाह के संदेश दो तरह के नहीं हो सकते। तीनों खलीफाओं पर आरोप लगाते हुए वह कहते हैं कि उन्होंने ताकत का इस्तेमाल किया। इसी से कुरान में तब्दीली करके इस तरह की आयतों को डाला गया और दुनिया के लिए जारी कर दिया गया। इसकी 26 आयतें इंसानियत के मूल सिद्धांतों को नकारती हैं और धर्म के नाम पर नफरत, घृणा, हत्या, खून खराबा फैलाती हैं।
Here. https://t.co/XAn9S99Gxv
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) March 12, 2021
sir they are too secular . they wont touch it . but they are interested in opening 7th dwaar of a mandir . secular court . ( SC )
— Rishu Sharma (@RishuSh94711437) March 12, 2021
The Calcutta Q Petition.https://t.co/u5ssADxKgu
— KSG 🇮🇳 (@nara_m24) March 12, 2021
I don’t agree anyone should piss because it’s freedom of speech and right to ask or do whatever he is doing he can! So everyone have their own opinions but Muslims and Islam won’t accept his idea neither court will be because we must understand the context of ayaat!
— Shanwaz Ahmed (@BeingHumanShan) March 12, 2021
वह कहते हैं कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं।
इन्हीं आयतों का हवाला देकर मुस्लिम नौजवानों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। उनको जेहाद के नाम पर भड़काया, बहकाया और उकसाया जा रहा है। इन्हीं की वजह से देश की एकता, अखंडता पर खतरा है।
इस याचिका के दाखिल होने के बाद समुदाय विशेष में वसीम रिजवी को लेकर गुस्सा है। शुक्रवार को इस बाबत उनके खिलाफ़ नारेबाजी भी हुई। रिजवी के पोस्टर जलाए गए। एक प्रदर्शनकारी सय्यद सलमान ने कहा कि कुरान शरीफ का एक शब्द भी कोई बदल नहीं पाएगा, क्योंकि कुरान शरीफ की हिफाजत अल्लाह खुद करते हैं। वासिम रिजवी जैसे कुरान से एक नुक्ते में भी फर्क नहीं करा सकते।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर भड़के मौलाना, कहा- ‘कुरान से एक हर्फ़ भी नहीं हटेगा’: सिर काट लाओ
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी ने कुरान की कुछ आयत को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इसके बाद से मुस्लिम कट्टरपंथियों से उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। लखनऊ में मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि रिजवी का शिया बोर्ड या इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने रिजवी को चरमपंथी और मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट करार दिया।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 14 मार्च को लखनऊ में प्रदर्शन की तैयारी
— AajTak (@aajtak) March 13, 2021
(@ShivendraAajTak ) https://t.co/Iscoj6Qi8X
उन्होंने सभी शिया एवं सुन्नी मुस्लिमों को इसके खिलाफ एकजुट होने को कहा। नकवी ने सरकार से माँग की कि वसीम रिजवी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने रिजवी को खलीफा यज़ीद का वंशज बताया, जिससे मुस्लिम घृणा करते हैं। उन्होंने कहा कि कुरान पर बयान से देश की शांति-व्यवस्था को खतरा है और दंगों की आग भड़क सकती है। उन्होंने कहा कि गिरफ़्तारी न होने पर माना जाएगा कि सरकार भी इसमें शामिल है।
उन्होंने कहा, “वसीम रिजवी कट्टर मुस्लिम विरोधी ताकतों को खुश करने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं। उस पर बेईमानी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। शिया बोर्ड की CBI जाँच चल रही है। हम ईरान और इराक़ के मराजाए किराम एवं मुजतहिद हज़रात को पत्र लिख कर रिजवी को शिया और इस्लाम से बाहर घोषित करने का आदेश निकलवाएँगे। आगे वो किसी मुस्लिम बोर्ड का सदस्य न बने, हम ये सुनिश्चित करेंगे।”
उधर शियाने हैदर-ए-कर्रार वेलफेयर एसोसिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसनैन जाफरी डंपी ने वसीम रिजवी का सिर काटकर लाने वाले को 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने खुद को पैगम्बर मुहम्मद का कलमा पढ़ने वाला और शिया घर में पैदा होने वाला बताते हुए कहा कि रिजवी के बहिष्कार के लिए देश भर में अभियान चलाया जाएगा और उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाने वालों का भी बहिष्कार किया जाएगा।
उन्होंने भी कहा कि अगर रिजवी पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल नहीं भेजा जाता है तो उन्माद बढ़ेगा। उन्होंने आशंका जताई कि उनके बयान के पीछे ज़रूर कोई न कोई है, जिसने उन्हें ऐसा करने को कहा, उसे ढूँढ कर सजा दी जाए। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुरान से एक हर्फ भी नहीं हटाया जा सकता है। मौलाना सुफियान निजामी ने रिजवी को मानसिक रूप से असंतुलित करार दिया।
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि रिजवी एक पार्टी को खुश करने के लिए मजहब को बेच रहे हैं, जो गलत है। वहीं जम्मू-कश्मीर में अंजुमन-ए-शरी शियान के अध्यक्ष आगा सईद हसन ने कहा कि रिजवी ‘बहुसंख्यक समर्थक सरकार’ के इशारे पर मुस्लिमों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचा रहे हैं। उन्होंने इसे कश्मीरियों का भी अपमान बताया। उन्होंने इस्लाम की पवित्र पुस्तक के अपमान के आरोप में उन्हें धारा-295A के तहत कार्रवाई की माँग की।
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