आज मोदी विरोधियों के लिए 'आगे कुआं, पीछे खाई' वाली स्थिति है, भाजपा को शिकस्त देने हर राज्य में ऐसा गठबंधन है, कि चाहते हुए भी दूसरे राज्य में एक दूसरे के खिलाफ नहीं प्रचार नहीं कर सकते। अब इसे गठबंधन कहे या सत्ता पाने की मजबूरी, जो बंगाल चुनाव में साफ छलक रहा है। यदि मोदी विरोधियों ने मुद्दों पर लड़ाई लड़ी होती, कांग्रेस तो क्या किसी अस्तित्व खतरे में नहीं पड़ता, परन्तु दुर्भाग्यवश विरोध केवल मोदी का हो रहा है, भाजपा का नहीं।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से सूबे में चुनाव प्रचार न करने की गुजारिश की है। उन्होंने ऐसी ही गुजारिश बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव से भी की है।पवार और तेजस्वी ‘स्टार कैंपेनर’ के रूप में पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने वाले हैं, जबकि कांग्रेस राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ चुनाव मैदान में है। ऐसे में प्रदीप ने दोनों से गुजारिश की है कि यदि संभव हो तो दोनों नेता तृणमूल के लिए प्रचार करने से बचें।
Congress leader Pradip Bhattacharya writes to NCP's Sharad Pawar & RJD's Tejashwi Yadav over campaigning with Trinamool Congress, for #WestBengalElections2021
— ANI (@ANI) March 17, 2021
"Your presence as Star Campaigners will create confusion among West Bengal voters. Avoid campaigning for TMC," he said
thats why NCP means #NationalistcConfusedParty!!
— a₹$udhindra♛ (@arsudhindra) March 17, 2021
साभार: सोशल मीडिया
‘प्रचार नहीं करेंगे तो आपका आभारी रहूँगा’
NCP सुप्रीमो पवार को लिखे पत्र में भट्टाचार्य ने कहा, “मेरी जानकारी में आया है कि आपने सत्तारुढ़ दल तृणमूल का प्रचार करने के लिए बतौर स्टार प्रचारक पश्चिम बंगाल आने के लिए हामी भरी है, ताकि सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी जीत सुनिश्चित की जा सके। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी तृणमूल से एक राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है, ऐसे में स्टार कैंपेनर के रूप में आपकी उपस्थिति पश्चिम बंगाल के आम मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकती है। इसे देखते हुए यदि आप पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार करने से बचते हैं तो मैं आपका बेहद आभारी रहूँगा।”
#नोटा_अभियान चलाने वाले बताएंगे क्या #नोटा का चुनाव करके इसी मानसिकता को दोबारा सत्ता देने के काम नहीं कर रहे हैं?#नोटा_अटल_है वाले इस बात को नहीं समझ रहे की नोटा का चुनाव करके एक आरक्षण समर्थक जाएगा तो दूसरा आएगा और वह जेहादी मानसिकता समर्थक भी हैं
— Nation First (@1Desh1law) March 16, 2021
खुजली का इलाज कोढ नहीं https://t.co/AC2LUME7ut pic.twitter.com/Jd7dRZWWIk
‘सूबे में TMC से हमारी राजनीतिक लड़ाई’
वहीं, भट्टाचार्य ने तेजस्वी को लिखे पत्र में कहा है, “मुझे पता चला है कि आपने सत्तारुढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का प्रचार करने के लिए बतौर स्टार प्रचारक पश्चिम बंगाल आने के लिए हामी भरी है, ताकि सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी जीत सुनिश्चित की जा सके। हालाँकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी तृणमूल से एक राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है, ऐसे में एक स्टार कैंपेनर के रूप में आपकी उपस्थिति पश्चिम बंगाल के आम मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकती है। इसे देखते हुए यदि आप तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार न करने का फैसला लेते हैं तो मैं आपका बेहद आभारी रहूँगा।”
शरद पवार और तेजस्वी यादव दोनों ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को नैतिक समर्थन देते हुए उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करने की बात कही है, जबकि क्रमशः महाराष्ट्र और बिहार में इन नेताओं का कांग्रेस के साथ गठबंधन है। बिहार में आरजेडी के साथ कांग्रेस और वाम का गठबंधन है तथा महाराष्ट्र में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस एकजुट होकर सरकार चला रही है।
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