ताजमहल व शाहजहाँ-मुमताज की प्रेम कहानी की आड़ में छिपाई जाती है कई बातें
शाहजहाँ ने अपनी मरी हुई बीवी मुमताज की याद में ताजमहल बनवा दिया था, ये सभी को याद है। लेकिन, शाहजहाँ नहीं चाहता था कि कोई भी मुस्लिम लड़की किसी हिन्दू लड़के से प्यार करे और उनकी शादी हो – इस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता। आगे हम इसकी तह तक जाएँगे, लेकिन उससे पहले बता दें कि मुग़ल बादशाह का जन्म लाहौर में जनवरी 5, 1605 को हुआ था और युवाकाल तक उसका नाम खुर्रम हुआ करता था।
वो पाँचवाँ मुग़ल बादशाह था, जिसके नाम का अर्थ है – पूरी दुनिया का राजा। लिबरल गिरोह को वो बहुत प्यारा है और भारतीय इतिहासकारों ने उसकी छवि को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, क्योंकि उसने ताजमहल बनवाया और उसके राज्यकाल में कई मुग़ल इमारतों का निर्माण हुआ। उसे भारत का संत वेलेंटाइन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। लेकिन, लोग ये नहीं बताते कि उसकी 7 पत्नियाँ थीं और हजारों उसकी हरम में थीं।
मुमताज महल निकाह के बाद अधिकतर गर्भवती ही रहीं और 14वें बच्चे को जन्म देने के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। जहाँगीर की पत्नी नूर जहाँ के साथ क्या किया गया, ये भी नहीं बताया जाता। जहाँगीर के राज में असली ताकत नूरजहाँ के हाथ में ही होती थी और सिक्कों तक पर उसके नाम हुआ करते थे। जहाँगीर की मौत के बाद नूरजहाँ की जान तो बख्श दी गई, लेकिन इस शर्त पर कि वो दरबार के मामलों में कभी दखल नहीं देगी।
नूरजहाँ ने अपनी बची हुई ज़िंदगी लाहौर के एक घर में अपनी बेटी के साथ काटी और अपने शौहर की मौत के बाद फिर कभी किसी भी ख़ुशी के मौके पर मुगलिया जश्नों में नहीं देखी गई। इसी तरह शाहजहाँ के राज में भी 14 बच्चे पैदा करने वाली मुमताज महल (जिसका असली नाम आरज़ूमंद बानू बेगम) के हाथ में असली सत्ता थी, जिस कारण उसकी चर्चा ज्यादा है। मात्र 38 साल उम्र में उसकी मौत हुई थी। उसके 14 बच्चों में से 7 ही जिंदा बचे थे।
अकबर ने बादशाह रहते हुए बाहर से थोड़ी उदार नीति अपनाई थी, ताकि वो खुद को हिन्दुओं का भी हितैषी दिखा सके क्योंकि विरोधों को दबाने का उसका एक अलग तरीका था। शाहजहाँ ने सत्ता में आते ही उन नीतियों को ख़त्म कर दिया और धार्मिक असहिष्णुता को अपना हथियार बनाया। उसने भारत को इस्लामी राज्य घोषित करते हुए शरीयत के हिसाब से शासन चलाना शुरू किया। उसने हिजरी संवत चलाया।
हिन्दुओं पर तीर्थयात्रा कर लगाए गए। मंदिरों ही नहीं, आगरा में गिरिजाघरों को भी तुड़वाया गया। हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच होने वाली शादी पर रोक लगा दी गई। गोहत्या खुलेआम होने लगी और उन पर लगी रोक हटा दी गई। निर्माणाधीन मंदिरों को तुड़वा दिया गया। नए मंदिर बनाने पर रोक लगा दी गई। बुढ़ापे में उसके साथ भी औरंगजेब ने क्रूरता की और उसे खाने के थाल में उसके बेटे का कटा सिर भेजा था।
अकबर के काल में जब थोड़ी छूट मिली तो ऐसे कई हिन्दुओं ने अपने पुराने पंथ को फिर से अपना लिया, जिन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवा दिया गया था। मुस्लिम महिलाओं की अगर हिन्दू परिवारों में शादी होती थी तो वो हिन्दू धर्म अपना सकती थी। शाहजहाँ एक सैन्य कमांडर भी था। इसी तरह के एक सैन्य मिशन के लिए वो कश्मीर गया था। वहाँ से लौटते वक़्त उसने भदौरि और भिम्बर में देखा कि वहाँ कई हिन्दू पुरुषों ने मुस्लिम महिलाओं से शादी कर रखी थी।
उसने पाया कि उनमें से कई महिलाओं ने शादी के बाद अपने पति के हिन्दू धर्म को अपना लिया था। अपनी पुस्तक ‘Islamic Jihad: A Legacy of Forced Conversion, Imperialism, and Slavery‘ में M A खान लिखते हैं कि भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलम आजाद ने अकबर की इसीलिए आलोचना की थी, क्योंकि उसने ‘सहिष्णुता से शासन चलाया था जो भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लाम की आत्महत्या के समान था।
वो लिखते हैं कि आज़ाद ने कट्टर सूफी मौलाना शेख अहमद सरहिंदी का समर्थन किया था, क्योंकि उसने अकबर के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। उसने हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ाने की माँग लेकर विद्रोह किया था। असहिष्णु शाहजहाँ ने जिस कट्टरवाद के पौधे को सिंचित किया था, उसके बेटे औरंगजेब ने उसे ही और बड़ा किया। मक्का-मदीना का यात्रा करने वाले मुस्लिमों को विशेष सुविधाएँ दी जाती थीं, जबकि हिन्दू पर्व-त्यौहारों को वो हतोत्साहित करता था।
Near #Lahore, Shahryar's forces met those of #AsafKhan, (father of Mumtaz Mahal), who wanted his son-in-law Shah Jahan to ascend the throne, and had already proclaimed #DawarBakhsh as Emperor near #Agra, as a stop-gap arrangement to save the throne for Shah Jahan.
— Royal Mughals™ (@Royal_Mughals) December 17, 2018
Like other mughal princes, Shahryar also had training in poetry and literature. After being blinded and before being killed by Shahjahan, towards the end of his life Shahryar wrote a touching verse titled Bi Gu Kur Shud didah-i-Aftab.
— Royal Mughals™ (@Royal_Mughals) December 17, 2018
Shihabuddin Muhammad Khurram better known by his regnal name Shah Jahan,
— Rana Safvi رعنا राना (@iamrana) January 5, 2021
5th Mughal Emperor was born today 1592
Titled Sahib e Qiran Sani ( second lord of the auspicious conjunction)
His father was Jahangir & mother was Rajput Princess Jagat Gosain titled Bilqis Makani pic.twitter.com/6suFB49ubf
बुंदेलखंड के राजपूत शासक जुझार सिंह ने उसकी इन्हीं नीतियों के कारण विद्रोह किया था। हालाँकि, शाहजहाँ को कभी विदेशी आक्रमण का सामना नहीं करना पड़ा, जिससे उसने एक असफल शासक होकर भी शांतिपूर्ण ढंग से राज चलाया और एक के बाद एक कई इमारतों का निर्माण करवाया। एक और बात जानने लायक है कि मुमताज महल उसकी सौतेली माँ नूरजहाँ के भाई आसफ खान की ही पुत्री थी।
शाहजहाँ ने ही इलाही संवत की जगह हिजरी संवत को चलाना शुरू किया। शाहजहाँ इतना कट्टर सुन्नी मुस्लिम तब था, जब उसकी माँ भी हिन्दू थी। हालाँकि, इतिहास में कहीं भी ‘जोधाबाई’ को लेकर कोई प्रसंग नहीं मिलता है, लेकिन इतना ज़रूर पाया जाता है कि शाहजहाँ और जहाँगीर, इन दोनों की माँएँ हिन्दू ही थीं। शाहजहाँ ने वंधेरा के राजा इंद्रमणि को कैद किया था और शर्त रखी थी कि मुस्लिम मजहब अपनाने पर ही वो उसे छोड़ेगा।
जिस तरह शाहजहाँ ने अपने भाई खुसरो को मरवाया था, उसी तरह उसके बेटे औरंगजेब ने अपने भाई द्वारा शिकोह की हत्या करवाई। शाहजहाँ भी तमाम बगावतों के बाद ही बादशाह बना था। उसके ही ससुर आसफ खान की सहायता से उसने शहरयार की हत्या करवाई और मुग़ल वंश में जो भी उसके खिलाफ थे, उन्हें बेरहम मौत दी। कई बेगमों ने आत्महत्या कर ली। शहरयार की तो आँखें तक निकाल ली गई थीं। वो नूरजहाँ का दामाद था और जहाँगीर का बेटा था। इस तरह से वो नूरजहाँ का दामाद और सौतेला बेटा – दोनों था।
इस तरह से हम देखें तो ताजमहल की आड़ में ऐसी काफी सारी बातें हैं, जिन्हें न सिर्फ आज के लिबरल-सेक्युलर-कट्टर गिरोह द्वारा छिपा ली जाती हैं, बल्कि इन पर इतिहासकारों ने भी भरपूर पर्दा डाला। अपने ससुर की मदद से अपनी सौतेली माँ के दामाद की आँखें फोड़वाने वाला, अपनी सौतेली माँ को राजधानी से बदर करने वाला और अपनी बीवी को 14 बार प्रेग्नेंट करने वाला क्रूर इस्लामी शासक जब ‘प्यार का मसीहा’ बना दिया जाए, तो समझिए कुछ तो गलत है।
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