डोनाल्ड ट्रंप का चीन पर आरोप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर हमला बोला है। ट्रंप ने शुक्रवार (4 जून 2021) को कहा, ”मैंने सही कहा था कि चीनी वायरस वुहान लैब से ही आया है। अब तो हर कोई यहाँ तक कि जो तथाकथित दुश्मन हैं, उन्होंने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि चीनी वायरस के वुहान लैब से फैलने की बात पर राष्ट्रपति ट्रंप सही थे।”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी से होने वाली मौतों और नुकसान की भरपाई के लिए चीन को अमेरिका और दुनिया को 10 ट्रिलियन डॉलर (7,30,395 अरब रुपए) का भुगतान करना चाहिए।
दुनिया भर में कोरोना महामारी फैलाने वाले चीन पर भड़कते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ”बराक ओबामा प्रशासन ने बेवकूफी की और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए फंडिग किया।”
जब तक लवडासुर है , तब तक कुछ उम्मीद नही pic.twitter.com/BKtcUFGsTG
— Vardaan Ag 🇮🇳 (@VardaanAg) June 4, 2021
Coz he won the election after getting support from China else he would have never made it.
— Yash Panwar (@YashPan80879479) June 4, 2021
ट्रंप ने कहा, ”जब मैंने इस बारे में सुना, तब मैंने फैसला किया कि अब किसी भी हालत में चीन को फंड नहीं दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी जिक्र किया कि महामारी की शुरुआत में ही उन्होंने चीन के साथ सब कुछ बंद कर दिया था, जिस पर संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर फॉसी ने आपत्ति जताई थी।
मालूम हो कि अमेरिका के टॉप कोरोना वायरस सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी के निजी ईमेल सामने आने के बाद वुहान लैब से आने वाले चीनी वायरस को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। वाशिंगटन पोस्ट, बजफीड न्यूज और सीएनएन द्वारा सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम (एफओआईए) के माध्यम से जनवरी से जून 2020 तक 3,000 से अधिक पेजों का ईमेल प्राप्त किया गया था।
ईमेल से अमेरिका में कोरोना प्रकोप के शुरुआती दिनों के बारे में पता चला है। डॉ. फौसी और उनके सहयोगियों ने शुरुआती दिनों में इस सिद्धांत पर ध्यान दिया कि COVID-19 वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हो सकता है।। ‘लैब लीक’ ईमेल के संबंध में डॉक्टर ने सीएनएन न्यूज चैनल को बताया कि उन्हें अभी भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि वुहान लैब से कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं है कि उस संशोधित ईमेल में क्या लिखा है, लेकिन यह बिल्कुल असंभव है। उनके अनुसार यह सोचना समझदारी से परे है कि चीन ने जानबूझकर कुछ ऐसा बनाया है, ताकि वह खुद को और दुनिया के अन्य लोगों को मार सके। हालाँकि, डॉ. फौसी के इस विवादास्पद दावे को पिछले साल विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया था, जिन्होंने कहा था कि यह “बिल्कुल असंभव” था। इस बात की पुष्टि करने के लिए अभी तक कोई साक्ष्य भी सामने नहीं आया है।
वहीं, हाल के दिनों में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जाँच को लेकर चीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया गया। जाँच को लेकर शुरू हुईं कवायदों का भारत ने भी पुरजोर समर्थन किया है। भारत ने बीते हफ्ते शुक्रवार (28 मई 2021) को कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर आगे की जाँच के आह्वान का समर्थन किया और इस तरह के अध्ययन के लिए चीन और अन्य पक्षों के सहयोग की माँग की थी।
दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने के लिए शुरू से ही डोनाल्ड ट्रंप चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। उन्होंने कई बार अपने संबोधन में कोरोना को चाइनीज वायरस कहा था।

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