जिस तरह एक चोर अपने साये से भी डरता है, ठीक वही स्थिति आज कांग्रेस और अन्य मोदी विरोधियों की है। जिस पार्टी ने राष्ट्रपति और सेना तक को नहीं बक्शा, वही पार्टी किस मुंह से वर्तमान पर फोन टैपिंग का आरोप लगा रही। सूची लम्बी है। जरुरत है, बस थोड़ा पीछा इतिहास जानने की। इसीलिए शुरू में कहा है कि चोर अपने साए तक से डरता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अपनी नई और मजबूत साख बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस और देश विरोधी ताकतें परेशान हैं। क्योंकि उनका अस्तित्व अब खतरे में दिखाई दे रहा है। इसलिए कांग्रेस एक खास एजेंडे और साजिश के तहत मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। लेकिन कांग्रेस का इतिहास ही विरोधियों के खिलाफ साजिश करने, जासूसी करने और सरकार गिराने का रहा है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने करीब दो दशकों तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी करवाई थी। 2015 में गुप्त सूची से हटाई गईं इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की दो फाइलों से खुलासा हुआ कि 1948 से 1968 के बीच सुभाष चंद्र बोस के परिवार पर अभूतपूर्व निगरानी रखी गई थी।
फोन टैपिंग की शुरूआत भी जवाहरलाल नेहरू के जमाने में ही हो गई थी। उस समय यह आरोप खुद संचार मंत्री रफी अहमद किदवई ने लगाए थे। इसी तरह आपाताकल के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी की गई और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाला गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा में आपातकाल की 20वीं वर्षगांठ पर 25 जून, 1975 के अटलबिहारी वाजपेयी के एक वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी पर चन्द्रशेखर सहित कुछ नेताओं और पत्रकारों के फोन टैप किए जाने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव गांधी पर राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का फोन टैप करने का आरोप लगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में सारे नियमों को ताक पर रखकर फोन टैपिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए गए। 2013 में दायर एक आरटीआई के जवाब से पता चला कि केंद्र की यूपीए सरकार 9,000 फोन और 500 ईमेल अकाउंट्स की बारीकी से निगरानी कर रही थी । यहां तक कि मनमोहन सरकार ने तो अपनों तक को नहीं बख्शा।
कांग्रेस का फोन टैपिंग और जासूसी का काला इतिहास
- सेना प्रमुख जनरल केएस थिमाया ने 1959 में अपने और आर्मी ऑफिस के फोन टैप होने का आरोप लगाया था।
- नेहरू सरकार के मंत्री टीटी कृष्णामाचारी ने 1962 में फोन टैप होने का आरोप लगाया था।
- लालकृष्ण आडवाणी ने इंदिरा गांधी सरकार पर आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं का फोन टेप करने का आरोप लगाया।
- ज्ञानी जैल सिंह ने राष्ट्रपति रहते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर राष्ट्रपति भवन के फोन टैप करने का आरोप लगाया था।
- अमर सिंह ने 2006 में दावा किया था कि इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) उनका फोन टैप कर रही है।
- अक्टूबर 2007 में सरकार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फोन भी टेप करवाए।
- 2008 में सीपीएम नेता प्रकाश करात ने अपना फोन टेप करने का आरोप लगाया था।
- 2009 में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के बीच एक बातचीत टेप की गई थी।
- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वित्तमंत्री रहते हुए उस वक्त के गृहमंत्री चिदम्बरम के खिलाफ जासूसी का आरोप लगाया था।
- 22 मई, 2011 को यूपीए सरकार ने सीबीडीटी को फोन टैपिंग जारी रखने का आदेश दिया।
- 23 जून 2011 को सीबीईसी के चेयरमैन एस. दत्त ने डीआरआई पर अपने फोन टैप करने का आरोप लगाया।
- 6 फरवरी, 2013 को एसपी लीडर अमर सिंह ने यूपीए पर फोन टैप करने का आरोप लगाया।
- फरवरी 2013 में अरुण जेटली ने अपना फोन टैप करने का आरोप लगाया था। इस मामले में करीब दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
- 13 जून, 2021 को बीजेपी ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर फोन टैप करने का आरोप लगाया।
उसके डर पर हंसी आती है-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
ये #BharatiyaJasoosParty है।
जब भी संसद का सत्र शुरू होता है #कांग्रेस की बेशर्म #पप्पू_सेना अफवाहों के सहारे अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए #चीन_पाकिस्तान🐍 की बीन पर डोलते हुए #भारत की विकास-यात्रा को अवरूद्ध करने का प्रयास करते हैं।#समझा_करो_यार कि वर्तमान में #पेगासस_जासूसी_कांड उसी का नतीजा है। pic.twitter.com/hLQ0aZmsYv
— 💃Gज्जाG🥕मुल्लोंK🐐 (@Jijaajee) July 20, 2021
ये आपके ही विधायक है क्या ? pic.twitter.com/zkijtzXs7i
— MUKESH KAUSHIK (@kaushikmukesh06) July 20, 2021
पहले अंग्रेजों की चाटुकारिता करने वाले नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस की जासूसी करवाई थी और फिर बाद में चीन और पाकिस्तान के कहने पर सोनिया गांधी ने देश के विपक्षी नेताओं की जासूसी करवाई,,
— Vijendra Kale (@VijendraKale4) July 20, 2021
और आरोप मोदी जी पर लगा रहे हैं,
"सबूत नहीं दिखाएंगे पर जोर-जोर से चिल्ला आएंगे" pic.twitter.com/yJtXmHHnnA
ये रिश्ता क्या कहलाता है pic.twitter.com/HKaz4kQ8OG
— Amrita Tiwari ( Bihari ) (@amritatiwari999) July 20, 2021
— Avinash Srivastava 🇮🇳 (@go4avinash) July 19, 2021
जब कांग्रेस सरकार थी तो हर महीने 9000 फोन टेप करने के लिए आर्डर जारी होते थे ! pic.twitter.com/dl6QGwhhvz
— Krishney -#TheInfoMedia 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@KrishneyG) July 19, 2021
Well sir, the govt was keen to know the details of the MOU, that was signed by @INCIndia and the Chinese Communist Party. Pls give the details of the mou and the govt will stop spying on u. Infact nation is very curious to know the details. Pls detail it for all of us. pic.twitter.com/HnDdk2hhLC
— Indian 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ReddyNaveenn) July 20, 2021
2013 में दायर एक आरटीआई के जवाब से पता चला कि केंद्र की यूपीए सरकार 9,000 फोन और 500 ईमेल अकाउंट्स की बारीकी से निगरानी कर रही थी।https://t.co/YrnDoySNmV
— Mani Kant Jha (@Manisardar) July 20, 2021
ये क्या था? pic.twitter.com/4HoS0s0EOy
— 🚩राष्ट्रवादी प्रियंका🚩 (@ParwalPriyanka) July 19, 2021

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