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| साभार: न्यू यॉर्क टाइम्स |
ओलिवियर ने कहा, "यंग लड़कियां अपनी रक्षा नहीं कर पा रही हैं। वो चाह कर भी गर्भ निरोधक गोली और गर्भ निरोध के अन्य साधन इस्तेमाल नहीं कर पा रहीं क्योंकि उनके लिए ये बहुत महंगे हैं। यह बिलकुल असहनीय है। सरकार ने पाया है कि युवा महिलाओं में गर्भ निरोधक उपायों के इस्तेमाल में गिरावट आयी है।" हालांकि, इससे जुड़ा कोई डाटा ओलिवियर ने नहीं बताया।
पहले सरकार केवल 15 से और 18 की उम्र की लड़कियों को ही free birth control सुविधा देती थी। साल 2012 में यह फैसला लिया गया था। ‘ले मोंडे’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, फ्री कंट्रासेप्टिव देने के बाद टीनएज लड़कियों के एबॉर्शन के मामले में काफी गिरावट देखने को मिली थी।
दरअसल कई हेल्थ प्लांस लड़कियों के 20 साल के होने के बाद उन्हें माता-पिता के इंश्योरेंस में कवर नहीं करते है। इसकी वजह से कई लड़कियों को मेडिकल बेनिफिट नहीं मिल पाता है। इसे ही देखते हुए सरकार ने 25 साल से कम उम्र की हर महिला को फ्री कॉन्ट्रासेप्टिव देने का फैला किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "25 साल उम्र होने पर लड़कियों को माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं मिलता। उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से इंडिपेंडेंट माना जाता है। इस उम्र की लड़कियां बर्थ कंट्रोल पिल्स कम यूज़ करती थीं क्योकि उनके लिए यह फ्री नहीं होती।"
फ्रेंच नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ जियोग्राफिक स्टडीज के मुताबिक 97% महिलाएं जो प्रेगनेंट नहीं होना चाहतीं, वो किसी न किसी तरह का कंट्रासेप्टिव लेती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस योजना में सभी टाइप के कंट्रासेप्टिव को कवर किया जायेगा और सरकार इस पर 21 मिलियन यूरो (भारतीय मुद्रा में करीब 2.5 करोड़ रुपये) सालाना खर्च करेगी।
वैसे फ्रांस में अगले साल यानी 2022 में चुनाव हैं, और ये नई योजना 1 जनवरी से लागू होने वाली है, तो इसे इमैन्युएल मैक्रों की वोट देने वाली एक बड़ी आबादी को रिझाने की कोशिश की तरह भी देखा जा रहा है।
फ्रांस की औरतों ने और फैमिली प्लानिंग क्लिनिक्स ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस की नेशनल कॉन्फिडेरशन ऑफ़ फैमिली प्लानिंग की डायरेक्टर मरियने निओसी ने कहा, ”हम सभी के लिए मुफ्त गर्भ निरोधक गोलियां या उपाय चाहते है। युवाओं को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। कभी उनके पास पैसे नहीं होते तो कभी उन्हें अपने माता-पिता के मेडिकल इंशोरेंस पर निर्भर होना पड़ता है। कई बार यह उनकी चॉइस पर कंट्रोल करने वाली स्थिति होती है।"
फ्रांस के एक्टिविस्ट अलीसा अहरबारे ने इसे लेकर ट्वीट किया, “फाइनली,यह फैसला आया। मेडिकल कंसल्टेशन और कंट्रासेप्टिव की कीमतों के कारण कई महिलाएं अपने शरीर और जीवन के मूलभूत अधिकार से वंचित रह जाती थीं।"
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— Alyssa Ahrabare (@AlyssaAhrabare) September 9, 2021
La contraception gratuite pour les femmes jusqu’à 25 ans déclare @olivierveran, enfin ! 🥳
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यूरोप के कई देश फ्री या सब्सिडाइज़्ड कंट्रासेप्टिव देते हैं, जैसे ब्रिटेन में यह फ्री है, स्पेन 48 बर्थ कंट्रोल मेथड्स को फंड करता है। इस मामले में भारत की बात करें तो यहां जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को तहत स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त में कॉन्ट्रासेप्टिव दी जाती है। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बर्थ कंट्रोल को लेकर महिलाओं की लगातार काउंसिलिंग की जाती है। हालांकि, ये मुफ्त कॉन्ट्रासेप्टिव या बर्थ कंट्रोल के तरीके भारत में अविवाहित महिलाओं की पहुंच में हैं या नहीं, ये कहना मुश्किल है।

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