इंदिरा गांधी नहीं चाहती थी की शास्त्री की समाधि दिल्ली में बनें

2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से बहुत सारी वह तथ्य उजागर हो  हैं, जिन्हें जनता से कांग्रेस ने केवल परिवारभक्ति के नतमस्तक होकर छुपाया। स्वच्छ छवि एवं देश को आत्मसम्मान देने वाले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जिनकी मृत्यु ही आज तक रहस्य बनी हुई है, पर उनकी ही पार्टी ने कितने अत्याचार किये कि ताशकंत में हुई उनकी मृत्यु की जाँच तक नहीं की गयी। 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी ही नहीं, बल्कि उस प्रधानमंत्री की भी जयंती होती है जिसने देश को आत्मसम्मान से जीना सिखाया। दुर्भाग्य यह है कि उस प्रधानमंत्री को उन्हीं की पार्टी ने भ्रष्टाचारी भी करार किया था, और जाँच होने पर उनके बैंक खाते में मिले लगभग 367 रूपए और बैंक का कर्जा, जो पंजाब नेशनल बैंक से फ़िएट कार खरीदने के लिए 5,000 रूपए का लिए थे। उस समय फ़िएट कार की कीमत थे 12,000 रूपए, 7,000 रूपए उनके पास थे शेष 5,000 रूपए बैंक से कर्जा।  
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट कर शास्त्री से जुडी एक दिलचस्प घटना साझा की है, वरिष्ठ पत्रकार के ट्वीट के मुताबिक, जब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हुई थी तब इंदिरा गांधी नहीं चाहती थी कि उनकी समाधि दिल्ली में बनें, पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि यह खुलासा वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नय्यर ने अपनी किताब में किया है.

डीडी न्यूज़ के एंकर व् वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट में लिखा, लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी जी नहीं चाहती थीं कि शास्त्री जी की समाधि दिल्ली में बने। पर शास्त्री जी की पत्नी ललिता शास्त्री जी ने आमरण अनशन करने की बात कही, तब जाकर शास्त्री जी की समाधि दिल्ली में बनीं।

2 अक्टूबर, 1904, को देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था. लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर जाने गए जिनका बेहद साधारण लाइफस्टाइल रहा. वो तो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी अपने वेतन में से ही गरीबों को भी एक हिस्सा दिया. वो अपने जीवन काल में बतौर प्रधानमंत्री तो चर्चा में रहे ही लेकिन उससे भी ज्यादा चर्चा में वो मृत्यु के इतने सालों बाद भी बने हुए हैं, और इसकी वजह है लाल बहादुर शास्त्री की संदिग्ध परिस्थियों में हुई मौत जिसकी जांच कराने को लेकर वक्त-वक्त पर आवाज उठती रहती है.

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