ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ SGPC ने छेड़ा बड़ा अभियान (फाइल फोटो/प्रतीकात्मक)
पंजाब में सिखों के ईसाई धर्मांतरण को लेकर अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) की भी नींद उड़ गई है। संस्था ने इसके खिलाफ अभियान की शुरुआत कर दी है। सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें सिखों को ईसाई मिशनरियों द्वारा बरगलाने और उन्हें अपनी सभाओं में शामिल करने की बात पता चली है। कई सिख राजनेता भी ईसाई कार्यक्रमों का हिस्सा बने हैं।
हाल ही में सिखों की धार्मिक संस्था SGPC की इसे लेकर आलोचना भी हुई थी। लोगों का कहना है कि SGPC ने पंजाब में ईसाई धर्मांतरण के खतरों को देखते हुए कुछ नहीं किया और वो निष्क्रिय बनी रही। सिख धर्म को बचाने के लिए लगातार गुहार भी लगाई जा रही थी। अब SGPC ने ‘घर-घर अंदर धर्मसाल’ अभियान आरंभ किया है। ईसाई प्रचारक जिस प्रक्रिया द्वारा सिखों को बरगला रहे हैं, अब उसी का इस्तेमाल सिख धर्म को बचाने के लिए किया जाएगा।
साथ ही इसके लिए पारंपरिक माध्यमों का भी प्रयोग किया जा रहा है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में विशेष जोर दिया जा रहा है। SGPC की मुखिया बीबी जागीर कौर ने कहा कि इस अभियान से न सिर्फ अपने धर्म को लेकर सिखों की आस्था अडिग होगी, होगी सिख युवा भी अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व करेंगे। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की खबर के अनुसार, इस अभियान के तहत SGPC की 150 टीमों को विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा गया है।
SGPC launches drive to counter Christian missionaries in Punjab https://t.co/3EkQAFx0rd
— Hindustan Times (@HindustanTimes) October 9, 2021
इस प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद कनवर्टेड इसाई है
— Ram singh (@ramsing31702388) October 11, 2021
Sikhs Converting to Christianity means Guru Nanakji has Failed..! Sad
— Captan Amrica (@Xexoxwalababa) October 11, 2021
Hindu abhi v soya hua h.
— DEEP⚓ (@Deeplogic100) October 11, 2021
ये टीम हर गाँव में एक सप्ताह के लिए रुकेगी और प्रत्येक परिवार के दरवाजे पर जाकर सिख साहित्य का वितरण करेगी। शाम के समय गाँव के बच्चों को स्थानीय गुरुद्वारा में एकत्रित किया जाएगा और उन्हें गुरुबाणी का सही उच्चारण सिखाया जाएगा। उनमें सिखों के इतिहास, संस्कृति और दर्शन को लेकर ज्ञान भरा जाएगा। इसके बाद उपदेशकों द्वारा दीवान (धार्मिक समारोह) का आयोजन किया जाएगा।
फिर धडी (सिखों का इतिहास बताता हुआ गायन, स्थानीय भाषा में) का आयोजन होगा। इस दौरान कविषर (स्थानीय गायकों द्वारा सिख धर्म का गुणगान) का आयोजन भी किया जाएगा। अंतिम दिन ‘अमृत संचार’ कार्यक्रम होगा। गाँव के लोगों को बुला कर बातचीत की जाएगी। सिख मिशनरी कॉलेजों के माध्यम से टीमों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य है। सिख संगठनों के अलावा RSS ने भी पंजाब में ईसाई धर्मांतरण पर चिंता जाहिर की थी।
इसमें विदेशी फंडिंग की बात भी सामने आई थी। खास कर के दलितों और आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। 26 जुलाई, 2021 को ‘अकाल तख़्त’ के पंथी कार्यक्रम में ये मुद्दा उठा था। जत्थेदार गियानी हरजीत सिंह ने कहा था कि हम किसी को अपने धर्म में आने का लालच नहीं देते, ऐसे में किसी को दबाव बना कर सिखों को धर्मांतरित करने का अधिकार नहीं है। वहीं पंजाब के क्षेत्रीय बिशप ने संविधान में धर्म के प्रचार-प्रसार के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा कि ‘मास कन्वर्जन’ के आरोप गलत हैं।
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