ट्रांसजेंडर मुद्दे पर शिक्षकों के लिए मैनुएल किसने किया तैयार
नेशनल काउंसिल ऑफ एड्युकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा जेंडर और ट्रांसजेंडर विषय पर शिक्षकों के लिए जारी किया गया विवादित मैनुएल अब साइट से गायब है। 115 पेज का मैनुएल डॉ पूनम अग्रवाल, प्रोफेसर, जेंडर स्टडीज विभाग पूर्व अध्यक्ष और कई शिक्षकों ने मिलकर तैयार किया था। मैनुएल की अजीब बात ये थी कि इसमें ट्रांस्जेंडर्स के साथ होते भेदभाव के पीछे ये कारण दिया गया था कि स्कूलों में जो अलग-अलग शौचालय बनाए जाते हैं उससे ये लिंग भेद बढ़ता है।
इस मैनुएल के जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे। पूछा गया था कि ऐसी मानसिकता वाले लोग आखिर शिक्षा क्षेत्र में कैसे हैं। जब पड़ताल हुई तो इस मैनुएल को बनाने वाले कुछ अन्य नामों के बारे में पता चला और ये भी मालूम चला कि शिक्षा क्षेत्र में ट्रांसजेंडर वर्ग के साथ होने वाले भेदभाव के पीछे ‘शौचालय’ को कारण बताने वाले ‘लोग’ खुद अपने इंस्टाग्राम पर अश्लील सामग्री शेयर कर रहे हैं।
NCERT वेबसाइट से गायब हुआ लिंकमैनुएल बनाने वालों में एक नाम विक्रमादित्य सहाय का था। वह बाहरी टीम सदस्य थे। उनके इंस्टा पर अश्लील तस्वीरों को शेयर देखा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक वो सेंटर फॉर लॉ एंड पॉलिसी रिसर्च में एसोसिएट के तौर पर काम करते हैं। उनके विवादित ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
This is one of the "External Team Members" of the project that produced the woke NCERT training manual for teachers pic.twitter.com/lwbwDKqCUK
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) November 1, 2021
An individual who has posted photographs of "themself" on Instagram that are labeled "sensitive material" by Twitter was approached by NCERT to be part of a team that produced a Woke training manual for teachers. Embarrassing. pic.twitter.com/YgQaS8wgwQ
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) November 1, 2021
This is him on Reddit. pic.twitter.com/pou8av3tkK
— Azad (@TheAzadHind) November 1, 2021
विक्रम को मिलाकर एक्सटर्नल टीम सदस्यों में 6 लोग शामिल थे। जिनमें डॉ राजेश डीयू के और डॉ बिट्टू कावेरी राजारमण अशोक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं।
स्क्रीनशॉटइसके अलावा एक एल राम कृष्णन हैं जो कि SAATHI के उपाध्यक्ष हैं और उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से डॉक्टरेट की डिग्री भी मिली है।
स्क्रीनशॉटडॉ मानवी अरोड़ा भी इसी सूची में एक नाम हैं और पेशे से वह एक स्वतंत्र शोधार्थी हैं। वहीं टीम की छठी सदस्य प्रिया बाबू हैं जो कि ट्रांसजेंडर रिसोर्स सेंटर की ट्रस्टी हैं।
इन 6 बाहरी सदस्यों के अलावा मैनुएल बनाने वाली डॉ. पूनम अग्रवाल को न्यूट्रिशियन (गृह विज्ञान), जैव-रसायन विज्ञान, जैव-प्रौद्योगिकी, महिला अध्ययन, व्यावसायिक शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, शैक्षिक अनुसंधान में विशेषज्ञता प्राप्त है। दूसरी ओर, डॉ मोना यादव को “लड़कियों की शिक्षा और विज्ञान शिक्षा” में विशेषज्ञता प्राप्त है, जबकि डॉ. मिली रॉय आनंद के पास इतिहास / लिंग अध्ययन में विशेषज्ञता है।
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