हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म ‘सूर्यवंशी’ को बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस बीच निर्देशक-निर्माता रोहित शेट्टी ने फिल्म सूर्यवंशी को लेकर ‘द क्विंट’ को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू के दौरान जब पत्रकार ने फिल्म में ‘अच्छे मुस्लिम’ और ‘बुरे मुस्लिम’ के सीन को लेकर आपत्ति जताई तो रोहित शेट्टी ने उनको मुँहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने पत्रकार से पूछा कि उनकी पिछली तीन फिल्मों में हिंदू खलनायक थे, तब किसी को कोई प्रॉब्लम क्यों नहीं हुई?
‘अच्छे मुसलमान’ और ‘बुरे मुसलमान’ को लेकर प्रॉब्लम
द क्विंट की पत्रकार अबीरा धर ने रोहित शेट्टी से सवाल किया कि उनकी हालिया फिल्म सूर्यवंशी में मुस्लिमों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिदृश्यों में दिखाया गया है। पत्रकार ने इसे ‘समस्याग्रस्त’ (‘problematic’) बताया। हालाँकि शेट्टी को यह सवाल पसंद नहीं आया और उन्होंने जवाब में सवाल किया कि पिछली फिल्मों के हिंदू खलनायकों पर उनकी जाति के कारण आपत्ति क्यों नहीं जताई गई। उन्होंने कहा, “अगर मैं आपसे एक सवाल पूछूँ… जयकांत शिकरे (सिंघम में) एक हिंदू मराठी थे। फिर दूसरी फिल्म आई, जिसमें एक हिंदू बाबा थे। फिर सिम्बा में दुर्वा रानाडे फिर से महाराष्ट्रियन थे। इन तीनों में नेगेटिव किरदार में हिंदू थे, तो फिर यह कोई समस्या क्यों नहीं है?”
Nobody raised a question when they showed a Hindu villain. Infact, liberals and journalists were okay with the same. Then why a mooslim terrorist is problematic now? 😭Sahi dhoya Rohit Shetty 🤣#Sooryavanashi pic.twitter.com/Z8iszngmiB
— Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) November 14, 2021
1:00 se dobara suno. Rana Ayub ka kaam pasand tha isko
— Robin_B (@RobinB369) November 14, 2021
You can make 1000 films with Hindus as villains. They don’t have any problem.
— atomizer 🇮🇳 (@e_taplidav) November 14, 2021
They (theQuint) will question You if you made a single film having a Muslim as a villain.
जब धर ने उन्हें काउंटर करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें रोक दिया और कहा, “अगर कोई आतंकवादी है जो पाकिस्तान से है, तो वह किस जाति का होगा?” शेट्टी ने कहा कि इस तरह के विवादों ने कई पत्रकारों के बारे में उनका नजरिया बदल दिया है। उन्होंने कहा, “इसने कुछ पत्रकारों के बारे में मेरा नजरिया बदल दिया है, जिन्हें मैं पसंद करता था। कि ओह, वे इसे इस तरह से दिखा रहे हैं जैसे मैंने ब्रैकेट में देखा है कि कोई उच्च जाति के हिंदुओं द्वारा बुरे मुसलमानों का प्रचार कर रहा है, जो कि बहुत गलत है। हमने ऐसा कभी नहीं सोचा था।”
उल्लेखनीय है कि सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म सूर्यवंशी का प्लॉट पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में है, जो 1993 के मुंबई विस्फोटों के बाद भारत में और अधिक हमले की साजिश रच रहे हैं और फिल्म का हीरो उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है। इसलिए, यह स्वाभाविक है कि फिल्म में खलनायक, लश्कर के आतंकवादी, को मुस्लिमों के रूप में दिखाया गया है। फिल्म निर्माता अक्सर वास्तविकता को विकृत करने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी लेते हैं, लेकिन पाकिस्तान के लश्कर आतंकियों को किसी अन्य धर्म का दिखाना फिल्म निर्माता के लिए कुछ ज्यादा ही हो जाता।
‘अगर यह गलत होता तो सभी को आपत्ति होती’
शेट्टी ने कहा कि फिल्म बनाते हुए बहुत सारी चीजें बैकग्राउंड में होती हैं। उनके लिए फिल्म बनाते हुए चीजें स्पष्ट रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “जब हमारा मन (चेतना) स्पष्ट है और हमने वैसा सोचा भी नहीं होता तो लोग उस पर क्यों बात कर रहे हैं?” वह पूछते हैं, “अगर कोई स्लीपर सेल है जिसपर हम बात कर रहे हैं तो वो किस जाति होगा? आखिर अच्छे और बुरे इंसान को जाति से क्यों जोड़ा जाता है? अगर वह गलत है तो सबको आपत्ति होनी चाहिए। ये सबकी नहींस एक छोटे सेगमेंट की बात है। अगर वे आपत्ति जता रहे हैं तो उन्हें नजरिया बदलने की जरूरत है न कि हमें। “
जब धर ने शेट्टी से पुलिस क्रूरता पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि लोग उस काम को नहीं सराह रहे जो काम पुलिस ने अच्छे किए हैं। उन्होंने कहा, “हमारे ज्यादातर सीक्वेंस, सिर्फ क्लाइमैक्स को छोड़कर, असल जीवन की कहानियों से प्रेरित होते हैं। वह (पुलिसकर्मी) इस बात को सार्वजनिक नहीं करते कि वो डेलीलाइफ में क्या कर रहे हैं। कई ऐसी घटनाएँ होती हैं जो जनता की नजर में आती भी नहीं।”
उन्होंने कहा, “जो कोई भी पुलिस क्रूरता पर मुझसे पूछता है। मैं सिर्फ उन्हें यही कहता हूँ कि एक दिन के लिए पुलिस हेडक्वार्टर बंद कर दो। तुम 100 मिलाओ और कोई जवाब न हो।” वह कहते हैं कि अगर ट्रैफिक लाइट भी काम करना बंद कर दें तो तुरंत जाम लग जाता है। पुलिस बहुत सारे अच्छे काम करती है जिसे लोगों को जानने की जरूरत है।
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