कांग्रेस के डीएनए में शुरू से ही हिंदू विरोध रहा है। मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस हमेशा से हिंदू विरोध की मानसिकता से ग्रस्त रही है। नेहरू खानदान से शुरू हुआ हिन्दुओं से नफरत देश की आजादी के बाद कांग्रेस के 70 साल के शासन काल में यह बढ़ता ही गया। एक तरफ वह हिंदुओं को बांटने और तोड़ने में लगी रही वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम प्रेम परवान चढ़ता रहा। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि कांग्रेस की दुर्गति का प्रमुख कारण हिंदुओं और हिंदू प्रतीकों से नफरत ही है। लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि क्या यह बात देश पर 70 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस को समझ नहीं आ रही है कि पार्टी के रसातल में जाने की वजहें क्या हैं या वह जानबूझकर समझना नहीं चाहती। ऐसा लगता है कि वह जानबूझकर ही नहीं समझना चाहती है और समय के साथ अपने को बदलने के लिए तैयार नहीं है। यही वजह है कि उनके नेता आज भी सनातन धर्म के प्रति अपनी घृणा जाहिर कर रहे हैं।
अब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के दावेदारों को ही ले लीजिए। लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए सनातन धर्म से घृणा पहली शर्त है। यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अध्यक्ष पद के जो भी दावेदार सामने आए वे हिंदू धर्म को लेकर नफरत भरे बयान ही देते रहे हैं। चाहे वे मल्लिकार्जुन खड़गे हों, दिग्विजय सिंह हों या शशि थरूर हों। दिग्विजय सिंह हालांकि इस मुकाबले से बाहर हो चुके हैं और अब मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है। लेकिन इसे भी खानापूरी ही माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस के ‘प्रथम परिवार’ की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर मुहर लगाई जा चुकी है। कांग्रेस के भावी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी सनातन धर्म से घृणा करते हैं। खड़गे ने 2019 में आम चुनाव से पहले कहा था कि अगर मोदी फिर से PM बने तो सनातन धर्म भारत पर राज करेगा, हमें उसे रोकना चाहिए! आखिर खड़गे को सनातन धर्म से इतना खौफ क्यों है।
सनातन धर्म से कितनी नफरत करते हैं कांग्रेस के भावी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे#MallikarjunKharge #hatespeech #sanatandharma #Congress #President pic.twitter.com/tbodGSHNbg
— Bharat Todo Gang- भारत तोड़ो गैंग (@BharatTodoGang) October 2, 2022
धर्मांतरण कोई नई बात नहींः मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस के भावी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2019 में आम चुनाव से पहले बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ नफरत की भावना से कहा था, ”अगर मोदी जी को और शक्ति मिली इस देश में तो समझो फिर इस देश में “सनातन धर्म” और “आरएसएस” की हुकूमत आएगी।” कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे चल रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा था कि धर्मांतरण कोई नई बात नहीं है और सभी आर्यन बाहर से आये हैं। इन बयानों को देखने से ऐसा लगता है कि देश के बंटवारे के बाद कांग्रेस का अगला लक्ष्य सनातन धर्म को खत्म करना ही था जो कि पीएम मोदी के सत्ता में आने से थम गया।
भारत हिंदू पाकिस्तान बन जाएगाः शशि थरूर
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने 2019 आम चुनाव से पहले कहा था कि कहा कि अगर साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी जीती, तो हिंदुस्तान का संविधान खतरे में पड़ जाएगा। भारत हिंदू पाकिस्तान बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत से लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में पड़ जाएंगे। इसी तरह उन्होंने कहा था कि बीजेपी के लोग तालिबान मॉडल के हिंदुत्व का पालन करते हैं।
अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, हिंदू पाकिस्तान वाले बयान पर फंसे कांग्रेस नेता#shashiTharoor #Hindu #Muslim #KolkataCourthttps://t.co/2n6D7Ya8o3
— Dainik Jagran (@JagranNews) August 13, 2019
इन जैसे नेताओं की असली जगह जेल में हैं,ये भारत के नेता कम , पाक के प्रवक्ता ज्यादा है,इन्हे इसका सबक तो मिलना ही चाहिए।
— Anshika Tiwari (@2591anshika) August 13, 2019
ये हैं कांग्रेस प्रेजिडेंट पोस्ट की दावेदारी रखने वाले @ShashiTharoor
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) September 30, 2022
जिनके DNA में @INCIndia हो उनसे यही उम्मीद है की अपने मैनिफेस्टो में ही भारत का नक्शा गलत लगाए
वो दिन गए जब कांग्रेस नेता J&K को छुट्टियां मनाने की जगह मानते थे
धारा 370 हट चुकी है,वहाँ अब विकास हो रहा है! pic.twitter.com/MyCLNKaWyn
कांग्रेस द्वारा हिंदू देवी-देवताओं का अपमान नई बात नहीं
वर्ष 2007 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि कभी राम-रावण युद्ध हुआ ही नहीं और न ही सीता का अपरहरण हुआ। यूपीए सरकार ने हिंदू मान्यताओं के अनुसार रामसेतु की अवधारणा को भी पूरी तरह बेबुनियाद बताया था। कांग्रेस का कहना था कि इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि साढ़े छह हजार वर्ष पहले भगवान राम ने यह पुल बनवाया था। उस समय सनातन धर्म को मानने वाले लोगों ने कहा था कि भगवान हमें भविष्य में ऐसी सरकार न दिखाए। कांग्रेस पार्टी का हिंदू विरोध कोई नई बात नहीं है। पचास के दशक में जब हिंदू कोड बिल पास हुए थे, तब से कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। साठ के दशक में गोहत्या विरोधी आंदोलन में साधु-संतों पर गोलियां चलाई गईँ। हिंदू विरोध और कांग्रेस की छद्म धर्मनिरपेक्षता का यह उदाहरण है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सोनिया गांधी जामा मस्जिद के इमाम से भेंट करने जाती है लेकिन किसी शंकराचार्य से मिलने नहीं जाती।
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा- पार्टी में कुछ नेताओं को हिंदू शब्द से नफरत है
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कुछ समय पहले कहा था कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं को हिंदू शब्द से नफरत है। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, ‘कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें हिंदू और धर्म शब्द से नफरत है। इसीलिए मैं राज्यसभा की रेस में नहीं था। फिर किसी हिंदू धर्मगुरु को कैसे राज्यसभा भेजा जा सकता है।
#WATCH | There are some leaders in Congress who hate the word 'Hindu', 'religion'. If they hate the word, how can they send a Hindu person to Rajya Sabha (polls)... but I still stand with Congress...: Congress leader Pramod Krishnam, after the party candidates' list for RS polls pic.twitter.com/P58J9rV54f
— ANI (@ANI) May 31, 2022
वफ़ादारों और चमचागिरी में पारंगत लोगों को पुरस्कृत किया गया है.सच बोलने वालों को जगह नहीं है, ये सन्देश दे दिया गया है.
— padumpati singh (@PadumpatiS) June 1, 2022
किताबें उठाइए, कांवड़ उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगीः रितु चौधरी
देश में श्रावण मास में जब कांवड़ यात्रा शुरू हुई तो कांग्रेस कांवड़ यात्रा के विरोध में उतर आई। राहुल गांधी की करीबी कांग्रेस नेता और पार्टी की नेशनल कोऑर्डिनेटर रितु चौधरी ने ट्वीट किया, “किताबें उठाइए, कांवड़ उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” हिंदू धर्म के श्रद्धालु श्रावण में उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने घर के पास शिवालय में जल चढ़ाते हैं। इसी तरह बिहार में सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर श्रद्धालु कांवड़ लेकर झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। इसी तरह काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल और अन्य शिवालयों में पवित्र नदी का जल चढ़ाते हैं। कांग्रेस की नेशनल कोऑर्डिनेटर रितु चौधरी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी करारा जवाब दिया- पत्थर उठाने से अच्छा है कांवड़ उठाना।
ये ज्ञान पत्थरबाजी करने वालो को क्यों नहीं देती, आस्था और श्रद्धा पर ज्ञान देना कॉंग्रेस हमेशा करते आई है। @RituChoudhryINC #ArrestRituChoudhary pic.twitter.com/iWS8G7jLsk
— Pt Ashu Dwivedi (@AshuDwi00544070) July 18, 2022
कांग्रेस नेता किस हद तक हिंदू धर्म के विरोधी हैं
कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है- राहुल गांधी
जम्मू कश्मीर में छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार “इंकलाब” ने 12 जुलाई, 2018 को बहुत बड़ा खुलासा किया। फ्रंट पेज पर खबर छापी कि 11 जुलाई को राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ ‘सीक्रेट मीटिंग’ में कहा कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके साथ यह खबर भी छपी है कि राहुल ने कहा कि उनका और उनकी मां का कमिटमेंट है कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और इससे वो कोई समझौता नहीं कर सकते।
गुजरात में मंदिर दर्शन के लिए राहुल ने मांगी माफी
12 तुगलक लेन स्थित अपने निवास पर राहुल गांधी ने लगभग 2 घंटे तक मुस्लिमों से बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल से आपत्त्ति दर्ज कराई और कहा कि आप तो सिर्फ मंदिर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो मुसलमानों को भुला ही दिया है। मुस्लिम नेताओं की बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं। अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं। खबर ये भी है कि उन्होंने कहा कि गुजरात में मंदिरों में गया था उसके लिए माफी मांगता हूं।
शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें भी मान ली थी। बताया गया कि उस समय राहुल गांधी ने ये वादा किया कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।
राहुल गांधी का हिंदू आस्था से खिलवाड़
राहुल गांधी सिर्फ जनेऊधारी हिंदू होने का नाटक करते हैं, असल में उनकी हिंदू धर्म में कोई आस्था नहीं है। मध्य प्रदेश में चुनाव अभियान के दौरान जबलपुर में कांग्रेस पार्टी ने राहुल के शिव भक्त की तरह है नर्मदा भक्त होने का जमकर प्रचार किया। राहुल गांधी के लिए मां नर्मदा की आरती का भी आयोजन किया गया। पर यहां अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए राहुल गांधी ने हिंदू आस्था का अपमान किया और मां नर्मदा की शाम को होने वाली आरती दोपहर में ही कर दी। दरअसल, राहुल गांधी को सिर्फ हिंदुओं को प्रभावित करने के लिए आरती का नाटक करना था, असर में तो उन्हें रोड शो करना था।
कांग्रेस के डीएनए में है हिंदू विरोध
हिंदू विरोध की भावना कांग्रेस के डीएनए में है। 17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’ अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है। ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस हमेशा ही देश की 20 करोड़ की आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही।
मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल
#WATCH Mani Shankar Aiyar, Congress, speaks on #RamMandir at 'Ek Shaam Babri Masjid Ke Naam' programme organised by Social Democratic Party of India in Delhi pic.twitter.com/QtckaUdW70
— ANI (@ANI) January 7, 2019
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिंदू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। हिंदू धर्म में आस्था और जनेऊधारी हिंदू बनने का ढोंग करने वाले राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम, अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि स्थल सभी को कठघरे में खड़ा कर दिया। मस्जिद और मुसलमानों के प्रेम में डूबे अय्यर ने कहा कि राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बताना बड़ा ही मुश्किल है। इसलिए ये दावा करना कि राम वहीं पैदा हुए थे, यह ठीक नहीं है।


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